उमरिया : एसईसीएल के कार्यादेश से कसेगा कर चोरी पर शिकंजा

उमरिया, मध्य प्रदेश : ग्वालियर के साथ छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से भी शुरू होगी जांच। परिवहन अधिकारी सहित रडार में वाहन छोड़ने वाले थानेदार। मामला बिना अनुमति के वाहनों को काटने और कबाड़ में बेचने का।
एसईसीएल के कार्यादेश से कसेगा कर चोरी पर शिकंजा
एसईसीएल के कार्यादेश से कसेगा कर चोरी पर शिकंजाAfsar Khan

उमरिया, मध्य प्रदेश। एसईसीएल जोहिला क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न कोयला खदानों में 20 से 25 सालों से छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ के रहने वाले दलजीत सिंह उर्फ नीटू की तीन फर्मे सतकतार, के.के.माईनिंग और सिंह ट्रांसपोर्ट कोल ट्रांसपोर्टिंग, ओबी हटाने के कार्य के साथ ही नौरोजाबाद साइडिंग में मोबाइल के्रशर भी संचालित कर रही है। परिवहन अधिकारी ने भले ही गैरकानूनी कारोबार को हरीझण्डी दे दी, लेकिन अब मामला मुख्यालय पहुंच चुका है, क्योंकि विभाग अपने राजस्व को कतई नहीं छोड़ना चाहता, अगर कथित अधिकारी चाहते तो, एसईसीएल से दस्तावेज ले सकते थे, जिससे यह साबित हो जाता कि शासन का कितना कर कथित व्यवसायी ने दबाया है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

कार्यादेश खोलेंगे राज :

कोल इंडिया के अधीन आने वाली एसईसीएल जोहिला क्षेत्र में ठेके में कार्य दलजीत सिंह की कंपनी को वर्षाे से दिया है, किन-किन वाहनों को ओबी हटाने के साथ कोयले के परिवहन में लगाया गया है, इन सब चीजों का ब्यौरा जोहिला मुख्यालय सहित खदानों में मौजूद है, वाहनों की जानकारी एकत्रित कर, कर चोरी का खुलासा हो सकता है।

नियम विरूद्ध हो रहा कार्य :

जोहिला क्षेत्र अंतर्गत वर्तमान में 5 कोयला खदाने संचालित हैं, जिनमें कंचन ओसीएम, विंध्या, कुदरी, चपहा और पिपरिया भूमिगत खदान है, दलीत सिंह की फर्म वर्तमान में कंचन, विंध्या और कुदरी में कोयले के परिवहन का कार्य कर रही है, डोजरों के बारे में जो जानकारी सामने आ रही है, उनका पंजीयन ही नहीं हुआ, बीमे की तो बात ही दूर है। बताया गया है कि वाहनों में एमपी टैक्स के अलावा परिमिट भी नहीं है, लेकिन स्थानीय पुलिस और परिवहन विभाग को मिलने वाले नजराने के चलते कोई कार्यवाही नहीं हो रही है, वहीं एसईसीएल के अधिकारी भी राज्य शासन के कर चोरी में शामिल है, उनके द्वारा भी वाहनों के दस्तावेजों की जांच नहीं की जाती, बल्कि कथित कोल व्यवसायी का बिल निकाल दिया जा रहा है।

खदान में मौजूद हैं कटे वाहन :

कंचन ओसीएम के प्रबंधक अक्ला सनइया ने बताया कि पुलिस ने ट्रांसपोर्टर का जो वाहन पकड़ा था, वो खदान के अंदर से पकड़ा था, अभी भी मौके पर कई वाहनों की कटी हुई बॉडिया और अन्य पार्टस पड़े हुए हैं, वहीं परिवहन कार्यालय बिलासपुर के अधिकारियों का कहना है कि जो दस्तावेज नौरोजाबाद पुलिस ने वाहन छोड़ते समय कोल व्यवसायी से लिए थे, उसकी कोई भी जानकारी या सत्यापन उनसे नहीं कराया गया, वाहन छोड़ने से पहले सभी प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए। कुल मिलाकर अब जो जांच ग्वालियर और छत्तीसगढ़ परिवहन कार्यालय से शुरू होगी, जिसमें परिवहन अधिकारी अनिमेष गढ़पाल और नौरोजाबाद थाना में पदस्थ उपनिरीक्षक शरद खम्परिया भी रडार में आ सकते हैं।

इनका कहना है :

पुलिस ने कबाड़ से लदे वाहन को खदान के अंदर से पकड़ा था, अभी कुछ और वाहनों के पार्टस खदान में पड़े हुए हैं, अगर ठेका कंपनी के द्वारा कोई गड़बड़ी की गई है, तो उसकी जांच पुलिस और परिवहन विभाग को करनी चाहिए।

अक्ला सनइया, प्रबंधक, कंचन खुली खदान

हमने तो काम कराने के लिए ठेका दिया है, अगर वह किसी प्रकार की चोरी और नियमों का पालन नही कर रहे हैं तो, इसे देखने का काम पुलिस और परिवहन विभाग का है।

एस. के. सिंह, उपक्षेत्रीय प्रबंधक, कंचन खुली खदान

इस मामले में टीम गठित कर जांच कराई जायेगी, पुराने मामले में पुलिस के द्वारा किसी भी प्रकार का कोई सत्यापन वाहन छोड़ने से पहले हमारे कार्यालय से नहीं कराया गया है। जो कि कराया जाना जरूरी होता है। बिना अनुमति के वाहनों को काटना गैरकानूनी है, जांच में सब सामने आ जायेगा।

प्रेम प्रकाश शर्मा, परिवहन अधिकारी, बिलासपुर (छ.ग.)

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