शहडोल : कोलोनाइजर ने बदल दिये अनुज्ञा के लगभग निर्देश

अवधि बीतने के बाद भी दोबारा नहीं कराया नवीनीकरण। हाईटेंशन वायर के नीचे निर्माण करने का आरोप। नक्शे में दिये स्थल पर नहीं लगा अब तक ट्रांसफार्मर। मामला शहडोल के श्रीजी प्लाजा नामक कालोनी का।
कोलोनाइजर ने बदल दिये अनुज्ञा के लगभग निर्देश
कोलोनाइजर ने बदल दिये अनुज्ञा के लगभग निर्देशRaj Express

शहडोल, मध्य प्रदेश। 5 से 6 वर्ष पूर्व नये बस स्टैण्ड के समीप श्रीजी प्लाजा नामक कालोनी का निर्माण तामझाम के साथ शुरू हुआ, बीते इन वर्षों में करोड़ों में कई आवास बेचे गये, लेकिन अभी तक कालोनी के आन्तरिक कार्य 100 प्रतिशत नहीं हुए, 3 वर्ष बीतने के बाद अनुज्ञा के नवीनीकरण पर सवाल उठने लगे, विद्युत ट्रांसफार्मर की राहत देख रहे उपभोक्ता अभी भी इंतजार में हैं।

मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता 1959 के अन्तर्गत भू-व्यपर्वज की शर्तों के अधीन कालोनी निर्माण की अनुमति दी गई थी, जिसमें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि, आगामी 3 वर्षों के पूरे होते ही, मध्यप्रदेश नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 33 के प्रावधानों के अनुसार दोबारा नवीनीकरण कराना होगा और उक्त अनुमति सिर्फ 3 वर्षो तक क्रियाशील रहेगी, स्थानीय नगरपालिका के साथ ही ग्राम तथा नगर निवेश और रेरा द्वारा जिन शर्तों के तहत कालोनाइजर को अनुमतियां दी गई थी, उनमें से अधिकांश शर्तों का पालन होने की बजाय, मात्र दिखावा बन रह गई हैं, जिन लोगों ने कालोनी में लाखों रुपये व्यय कर आवास का सपना देखा था, उनमें से शायद ही किसी के सपने सच हुए हों, लगभग 5 वर्ष का समय बीतने के बाद भी कालोनी के पूर्ण निर्माण का सपना तो दूर, आंतरिक कार्यों का निर्माण ही अभी तक पूरा नहीं हुआ है, आरोप यह है कि कालोनी के प्रवेश द्वार के समीप इशान बाजार के नाम पर जो व्यवसायिक काम्पलेक्स का निर्माण यहां पर किया जा रहा है, उसकी अनुमति भी नहीं ली गई है, आरोप तो यह भी है कि मुख्य नगरपालिका अधिकारी अमित तिवारी का अधिकांश समय इसी के इर्दगिर्द बीतता है और उन्हीं के संरक्षण पर बिना अनुमति के निर्माण कार्य किया जा रहा है, जबकि शहर में आये दिन माधव हार्डवेयर जैसे प्रतिष्ठान जिनके द्वारा अनुमति लिये बिना निर्माण किया जा रहा था, उनके खिलाफ नपा की टीम हर कार्यवाही करने को तैयार रहती है।

हर दिन बैठक, निरीक्षण शून्य :

शहर में यह भी चर्चा सरगर्म है कि मुख्य नगरपालिका अधिकारी लगभग हर दिन इस क्षेत्र में कई घंटे व्यतीत करते हैं, इशान बाजार में हो रहे निर्माण की जानकारी भी नपा में दी गई है, लेकिन कार्यवाही तो दूर सीएमओ और राजस्व अमले ने कभी भी यहां निरीक्षण तक करने की जहमत नहीं उठाई, बिना नपा की अनुमति के व्यवसायिक भवन का निर्माण किये जाने के आरोप हैं, यह भी सवाल उठता है कि श्रीजी प्लाजा को निर्माण के लिये जिस शर्तों पर अनुमति दी गई थी, उनका उल्लंघन तथाकथित संचालकों द्वारा लगातार किया जा रहा है, बावजूद इसके नपा के जिम्मेदार आंखे क्यों मूंदे बैठे हैं, नपा के राजस्व अमले और सीएमओ की इस मनमानी का खामियाजा उन उपभोक्ताओं को भुगताना पड़ेगा, जो अपने जीवन भर की कमाई कालोनाइजर के झांसे में आकर यहां झोंक रहे हैं।

तोड़ दी टीएण्डसीपी की लगभग शर्तो :

21 नवम्बर 2014 को ग्राम तथा नगर निवेश के द्वारा उक्त कालोनी निर्माण के लिये सहमति दी गई थी, 24 बिन्दुओं के निर्देशों के अंत में इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि, इनमें से यदि किसी भी शर्त का उल्लंघन किया जाता है तो, उक्त अनुज्ञा मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के नियम 25 के तहत संहारित कर दी जायेगी, जिम्मेदारों ने बिन्दु क्रमांक-7 में दिये गये तीन वर्षों के उपरांत दोबारा नवीनीकरण के आदेश को दरकिनार कर दिया, यही नहीं, कालोनी के स्वीकृत नक्शे में जिस स्थान पर लाल रंग से ट्रांसफार्मर लगना बताया गया था, वह तो आज तक लगा नहीं, उस स्थान पर अन्य निर्माण करने की खबर है, जलप्रदाय हेतु ओव्हरहेड टैंक का निर्माण अभी तक नहीं किया गया, एलआईजी और एमआईजी के तहत आरक्षित फ्लैटों के निर्देशों का पालन भी कटघरे में है, इतना ही नहीं विद्युत लाइन के नीचे निर्मित होने वाले भवनों के निर्माण से पहले, विद्युत लाइन नहीं हटवाई गई।

हमाम में नपा की डूबकी :

श्रीजी प्लाजा कालोनी की शुरूआत के समय जो नक्शा भवनों और आंतरिक कार्यों के लिये तैयार किया गया था, वह भी खटाई में पड़ चुका है, गिने-चुने लोग ही यहां निर्मित आवासों में रह रहे हैं, कुछ आवास अधूरे पड़े हैं, तो कुछ बनें ही नहीं, उक्त कालोनी निर्माण की शुरूआत में जिन लोगों ने इसकी नींव रखी थी, उनके आपसी झगड़े ने अंदर की पूरी बारीकियां सड़क पर लाकर रख दी, जिससे अन्य उपभोक्ताओं ने अपना पल्ला छुड़ा लिया, हालात यह है कि कुछ नींव के पत्थर पर उक्त भू-खण्डों को वन भूमि होने का दावा कर रहे हैं, इस पूरे मामले में नगरपालिका के पूर्व सीएमओ ने बिना आंतरिक कार्य पूर्ण हुए ही कई भू-खण्डों को बांधक मुक्त कर दिया, बची-कुची कसर अब अमित तिवारी पूरा कर रहे हैं, कई शिकायतें होने के बाद भी न तो जांच की जा रही और, न ही कोई नोटिस जारी किये जा रहे हैं, श्रीजी प्लाजा के हमाम में नपा के जिम्मेदार जुगाड़ की डुबकी लगा रहे हैं।

इनका कहना है :

इस संदर्भ में जानकारी नहीं है, शिकायत भी नहीं मिली है, कल जानकारी लेकर जांच करवायी जायेगी।

अमित तिवारी, सीएमओ, नपा, शहडोल

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