शहडोल : एक साल में 30 उद्योगों ने की प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था की स्थापना

शहडोल, मध्य प्रदेश : तीनों जिलों में पीसीबी की पहल पर स्थापित हुए ऑन लाईन मॉनिटरिंग स्टेशन।
एक साल में 30 उद्योगों ने की प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था की स्थापना
एक साल में 30 उद्योगों ने की प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था की स्थापनाAfsar Khan

शहडोल, मध्य प्रदेश। केन्द्र सरकार ने 1986 में आसाधारण राजपत्र प्रकाशित कर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू किया था, जिसके अनुसार स्टोन क्रेशर उद्योगों में कम से कम तीन दिशाओं में 12 से 15 फिट की ऊंचाई वाली बाउण्ड्रीवाल होना आवश्यक है, तथा स्क्रीन सेक्सन का पूर्णता: कवर्ड होना अनिवार्य है, इतना ही नहीं स्टोन बोल्डर की क्रसिंग के दौरान वॉटर स्प्रिंकल की व्यवस्था भी अनिवार्य की गई थी। इतना ही नहीं पर्यावरण हित में स्टोन क्रेशर के बाहरी परिधि में बाउण्ड्रीवाल के आस-पास सघन हरित पट्टिका विकसित करना पर्यावरण के लिए जरूरी था।

प्रदूषण से मिली मुक्ति :

पीसीबी के द्वारा के्रशर उद्योगों को लगातार पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के परिपालन के लिए निर्देश के साथ ही नोटिस भी जारी किया गया, इतना ही नहीं बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों ने संभाग के अनूपपुर, उमरिया और शहडोल जिले में सतत मॉनिटरिंग भी की। जिसके बाद उद्योगों के संचालकों ने सारी व्यवस्थाएं दुरूस्त की, जिसका नतीजा यह निकला कि निवासियों को प्रदूषण से मुक्ति मिली, सभी जिलों में प्रदूषण का मापन करने के लिए अत्याधुनिक सतत् परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन यंत्र भी लगाये गये। जिससे वायु मण्डल में विद्यमान प्रदूषकों की जांच की जाती है।

मानकों के अनुरूप मात्रा :

लगाये गये मशीनों के माध्यम से जो रिपोर्ट ऑन लाईन प्राप्त हो रही है, उसमें वायु मण्डल की पर्टीकुलर मैथेड पीएम-10 एवं पर्टीकुलर मैथेड पीएम-2.5, कार्बन डाइ ऑक्साइड एवं नाइट्रोजन के-डाइ ऑक्साइड प्रमुख प्रदूषकों के रूप में विद्यमान रहते हैं। बोर्ड के द्वारा की जा रही मॉनिटरिंग में डिजिटल परिवेशीय वायु गुणवत्ता मापन यंत्रों के परिणाम संभाग के सभी जिलों में प्रदूषकों की मात्रा भारतीय मानकों के अनुरूप पाई गई है।

30 उद्योगों ने लगाये संयंत्र :

1 वर्ष के भीतर 30 उद्योगों के द्वारा बाउण्ड्रीवाल, ग्रीन बेल्ट का निर्माण, वॉटर स्प्रिंकल, स्क्रीन सेक्सन को पूर्णत: कवर्ड किया है, जिससे फ्यूजीट्वि डस्ट उपार्जन के नियंत्रण हेतु प्रभावी व्यवस्था स्थापित कराई गई है। निर्धारित माप दण्डों के अनुसार बिण्ड ब्रेकिंग बाउण्ड्रीवाल की स्थापना की गई है, इतना ही नहीं वर्ष 2019-20 में 57 स्टोन क्रेशर उद्योगों ने अपनी प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था में उन्नयन किया है। शहडोल में 25, अनूपपुर 20 और उमरिया में 12 उद्योग शामिल हैं।

ये कहते अगस्त के आंकड़े :

शहडोल, अनूपपुर व उमरिया में अगस्त माह में पीएम-10 की मासिक औसत रिपोर्ट 53.55 माइक्रो ग्राम / क्यूबिक मीटर, अनूपपुर 51. 67 माइक्रो ग्राम / क्यूबिक मीटर, उमरिया में 46.77 माइक्रो ग्राम / क्यूबिक मीटर पीएम-2.5 की मासिक औसत रिपोर्ट माइक्रो ग्राम 24.14, 23.69, 20.88, सल्फर डाइ ऑक्साइड की मासिक रिपोर्ट माइक्रो ग्राम / क्यूबिक मीटर 09.41, 09.28, 08.61, नाइट्रोजन ऑक्साइड की औसत मासिक रिपोर्ट 16.96.18.26, 15. 59 भारतीय मानकों के अनुरूप पाई गई।

4 मॉनिटरिंग स्टेशनों की स्थापना :

विगत 1 वर्षाे में पीसीबी की पहल पर 4 कन्टीनुअस ऑनलाईन मॉनिटरिंग स्टेशनो की स्थापना संभाग में की गई है, जिसमें परिवेशीय वायु मापन की कम्प्यूटरीय कृत एवं आटोमेटिक जांच की जा रही है। जिसमें एसओ-2, एनओएक्स एवं पीएम-10-पीएम 2.5 का परीक्षण किया जा रहा है, जो कि भारतीय मानकों के अंतर्गत पाया जा रहा है, शहडोल में गोरतरा में पीसीबी के कार्यालय, उमरिया में एसईसीएल जीएम कार्यालय के पास पाली, अनूपपुर में कलेक्टर कार्यालय के अलावा हसदेव क्षेत्र बिजुरी में मशीन स्थापित की गई है।

इनका कहना है :

केन्द्र व राज्य शासन के साथ ही बोर्ड मुख्यालय के आदेशों के तहत लगातार दायरे में आने वाले स्टोन क्रेशर उद्योगों में प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था करने की कार्यवाहियां बीते 1 वर्षाे से चल रही थी, जिसके सार्थक परिणाम अब सामने आने लगे हैं, आने वाले दिनों में और भी उद्योगों में सारी व्यवस्थाएं दुरूस्त करवाई जायेंगी, ताकि लोगों को स्वच्छ वातावरण मिल सके।

संजीव कुमार मेहरा, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहडोल

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