शहडोल : गोपाल मेडिकल ने एक्सपायरी दवाईयों को जलाया

शहडोल, मध्य प्रदेश : कोरोना महामारी के दौरान दवा व्यापारी की बड़ी लापरवाही। जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम को भी तोड़ा। पीसीबी ने संचालक, एसोसिएशन व सीएमएचओ को लिखा पत्र।
गोपाल मेडिकल ने एक्सपायरी दवाईयों को जलाया
गोपाल मेडिकल ने एक्सपायरी दवाईयों को जलायाAfsar Khan

शहडोल, मध्य प्रदेश। शहर के रेलवे स्टेशन मार्ग पर स्थित मेसर्स गोपाल मेडिकल स्टोर के द्वारा 2 ट्रिप छोटी गाडिय़ों में एक्सपायरी डेट की दवाईयों को कोरोना काल के दौरान जलाने का मामला वार्ड के पार्षद के माध्यम से प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के पास पहुंचा था, जिसके बाद पीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव कुमार मेहरा ने मेडिकल संचालक से जवाब तलब करने के साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के अलावा दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी को भविष्य में ऐसी पुर्नावृत्ति न हो और जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम के पालन करने के लिए पत्र भेजा है।

2 गाड़ी जलाई दवाईयां :

वार्ड नंबर 24 के पार्षद ने बोर्ड को शिकायत दी थी कि गोपाल मेडिकल में कार्यरत कर्मचारी नारायण मिश्रा के द्वारा दो छोटी गाड़ी शिवम कालोनी गली नंबर 21 वार्ड क्रमांक-24 में यत्र-तत्र फेंकी गई हैं। इतना ही नहीं शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया था कि कथित कर्मचारी के द्वारा जिसका निवास बाणगंगा रोड शिवम कालोनी गली नंबर 2 से 50 मीटर की दूरी पर स्थित है, उसके द्वारा खराब एक्सपायरी दवाईयों को आग लगाकर नष्ट करने का प्रयास किया गया, जो कि नियम विरूद्ध है।

जांच में सामने आई सच्चाई :

शिकायत मिलने के बाद क्षेत्री अधिकारी ने विभाग के जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन शाखा प्रभारी वैज्ञानिक डॉ. ए.के. दुबे को जांच के निर्देश दिये थे, उन्होंने मौके से जली हुई एक्सपायरी दवाईयां पाई। रिपोर्ट और शिकायत में आरोप प्रमाणित होने पर बोर्ड के द्वारा केन्द्र और राज्य के नियमों के उल्लंघन करने पर कार्यवाही की गई है।

कोरोना काल में संक्रमण को बढ़ावा :

मुनाफे के फेर में दवा विक्रेता के द्वारा अपनी दुकानों में बची हुई एक्सपायरी डेट की दवाईयों को अपने कर्मचारी के माध्यम से कोरोना काल के दौरान जलवा दिया गया। जो कि सीधे तौर पर संक्रमण को बढ़ावा देने के साथ ही नियमों का उल्लंघन करने के साथ ही दवाईयों को आग लगाकर मानव स्वास्थ्य, जनहित व पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाने का काम दवा व्यापारी के द्वारा किया गया है।

रद्दी की टोकरी में जैव चिकित्सा नियम :

बोर्ड के द्वारा जारी किये गये पत्र में उल्लेख किया गया है कि केन्द्र सरकार द्वारा जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016, संशोधित नियम 2018 एवं 19 के अनुसार खराब दवाईयों को प्रभावी रूप से प्रबंधन करना संबंधित संस्थान की जिम्मेदारी होती है, लेकिन भारत सरकार के राजपत्र का उल्लंघन दवा व्यापारी के द्वारा किया गया है, बोर्ड ने 7 दिवस के भीतर गोपाल मेडिकल के संचालक से जवाब-तलब किया है।

विक्रेता संघ को भी किया आगाह :

पीसीबी ने गोपाल मेडिकल के द्वारा की गई करतूत सामने आने के बाद दवा विके्रता संघ के अध्यक्ष उमेश पाण्डेय व उपाध्यक्ष संदीप चपरा को पत्र लिखते हुए जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के निहित प्रावधानों के तहत पुर्नावृत्ति रोके जाने के साथ ही दोषी दवा विक्रेता के खिलाफ संघ के नियमों के तहत कार्यवाही के लिए भी पत्र लिखा है।

इनका कहना है :

शिकायत में यह पाया गया था कि गोपाल मेडिकल के कर्मचारी के द्वारा एक्सपायरी डेट की दो गाडिय़ा दवाईयां जला दी गई थी, जो कि नियमों का उल्लंघन है, संस्थान से 7 दिनों में जवाब तलब किया गया है। सीएमएचओ, मुख्य नगर पालिका अधिकारी के साथ ही दवा विक्रेता संघ को भी कार्यवाही के लिए पत्र भेजा गया है।

संजीव कुमार मेहरा, क्षेत्रीय अधिकारी, म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहडोल

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