शहडोल : बिना सत्यापन के शहर में रह रहे आधे किरायेदार

शहडोल, मध्य प्रदेश : किरायेदार का सत्यापन न कराने वाले लोगों पर पुलिस सख्ती करने जा रही है। किराएदार किसी आपराधिक गतिविधि में लिप्त पाया जाता है तो, मकान मालिक पर कार्रवाई होगी।
बिना सत्यापन के शहर में रह रहे आधे किरायेदार
बिना सत्यापन के शहर में रह रहे आधे किरायेदारSocial Media

शहडोल, मध्य प्रदेश। किराएदारों के सत्यापन न कराने के कारण मकान मालिक की लापरवाही बड़ी वारदात का कारण बनती है। पूर्व में किराएदारों के सत्यापन में लापरवाही पर कोतवाली प्रभारी राजेश चंद्र मिश्रा ने नाराजगी जताई थी। कोतवाली प्रभारी की सख्ती के बावजूद लोगों में कोई बदलाव नहीं हुआ। कोतवाली प्रभारी के अनुसार अपने किरायेदारों का पुलिस सत्यापन न कराने वाले मकान मालिक जितनी जल्दी हो सके यह कार्य पूरा करवा लें, वरना पुलिस को ऐसे लोगों के खिलाफ धारा-188 के तहत एफआइआर कर कानूनी कार्रवाई करनी होगी। किरायेदार का सत्यापन न कराने वाले लोगों पर पुलिस सख्ती करने जा रही है। किराएदार किसी आपराधिक गतिविधि में लिप्त पाया जाता है तो, मकान मालिक पर कार्रवाई होगी।

पुलिस के लिए है चुनौती :

संभागीय मुख्यालय सहित कस्बों में बड़ी संख्या में मकान मालिक नौकरों व किरायेदारों के पुलिस वेरिफिकेशन करने में कोताही बरतते हैं, लेकिन यह गंभीर मामला है। यह स्थिति संभागीय मुख्यालय में रह रहे लोगों के साथ ही कस्बों की सुरक्षा के लिए भी बड़ी चुनौती पैदा करती है। नौकरों और किरायेदारों का वेरिफिकेशन न किए जाने के कारण अक्सर बड़ी आपराधिक घटनाएं होती रहती हैं। जानकारों की मानें तो अगर कोई किरायेदार या नौकर कोई आपराधिक घटना को अंजाम देता है तो, आईपीसी की धारा 188 के तहत एक मामला मकान मालिक के विरूद्ध भी दर्ज किया जा सकता है।

किरायेदार रखने से पहले रखें ध्यान :

कोतवाली प्रभारी राजेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि किरायेदारों के वेरिफिकेशन का काम लोगों को अपने स्तर पर कराना होता है। इसके लिए किरायेदारों से संबधित वेरीफिकेशन फॉर्म हर जगह उपलब्ध है। ये फॉर्म पुलिस की वेबसाइट सहित हर थाने में उपलब्ध रहता है। फॉर्म भरकर किरायेदार की हर जानकारी के साथ इसे थाने में जमा करना होता है। मकान मालिक द्वारा पूरी प्रक्रिया किए जाने के बाद पुलिस किरायेदार की पूरी जानकारी अपने स्तर पर पता कर लेती है।

कोतवाली प्रभारी ने दी समझाईश :

कोतवाली प्रभारी राजेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि किरायेदार रखें तो, उससे जुड़ी हर जानकारी इकट्ठा करने की अपने स्तर पर कोशिश करें। अंजान शख्स को किराये का मकान नहीं दें, किसी शख्स को किराये पर मकान देने से पहले उसका स्थाई अथवा मूल पता और घर के लोगों के बारे में पता करें। किरायेदार के आने के साथ ही उसकी पासपोर्ट फोटो और उसका आईडी प्रूफ उससे जरूर लें। उसके मोबाइल नंबर के अलावा उससे जुड़े दो अन्य लोगों के मोबाइल नंबर अपने पास रखें। किरायेदारी का एग्रीमेंट जरूर कराएं और हर साल उसे रिन्यू कराएं। घर में किरायेदार की गतिविधियों पर नजर रखें। यह देखना भी आपकी ही की जिम्मेदारी है कि कहीं किरायेदारों से मिलने संदिग्ध किस्म के लोग तो नहीं आते।

गंज में आये बाहर से लोग :

कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत सब्जी मण्डी स्थित गंज में कटनी जिले से लगभग 25-30 लोग ढोलक बेचने शेड के नीचे डेरा डाला हुआ है, जिनके पास लगभग 600 ढोलक के खोल हैं, सोचनीय पहलू यह है कि इतनी मात्रा में ढोलक के खोल और उसमें लगने वाले चमड़े का जुगाड़ इन्होंने कहां से किया, वहीं अगर इनके द्वारा किसी आपराधिक घटना को अंजाम दिया जाता है तो, पुलिस को मामले को सुलझाने में काफी समय लग सकता है, क्योंकि पुलिस सहित आस-पास के लोगों के पास इनकी कोई पहचान नहीं है।

इनका कहना है :

बाहरी लोगों का सत्यापन करवाना पहली जिम्मेदारी मकान मालिक की है, पुलिस समय-समय पर निगरानी रखती है, संदिग्ध होने पर उसे गिरफ्तार भी करते हैं, वहीं अगर किसी किरायेदार द्वारा घटनाकारित की जा जाती है और उसके संबंध में कोतवाली में किसी प्रकार की सूचना मकान मालिक द्वारा नहीं दी गई है तो, मकान मालिक के विरूद्ध भी मामला पंजीबद्ध किया जायेगा और जो लोग गंज में आकर ठहरे हैं, उनके बारे में भी तत्काल दिखवाया जायेगा।

राजेश चंद्र मिश्रा, कोतवाली प्रभारी, शहडोल

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