शहडोल : एक धंधा ऐसा, जिसने बढ़ाये चोरों के हौसले

शहडोल, मध्य प्रदेश : पुलिस की नाक के नीचे चल रहा कबाड़ का कारोबार। मूक दर्शक बनकर देख रही वर्दी, रायपुर पहुंच रहा कबाड़।
एक धंधा ऐसा, जिसने बढ़ाये चोरों के हौसले
एक धंधा ऐसा, जिसने बढ़ाये चोरों के हौसलेसांकेतिक चित्र

शहडोल, मध्य प्रदेश। संभाग में कबाड़ की आड़ में काला कारोबार बेखौफ चल रहा है। कुछ बड़े कबाड़ कारोबारी चोरी के माल की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। पिछले कुछ समय तक कबाड़ी छोटी गाड़ियों को ही काटकर जबलपुर में ठिकाने लगाते थे पर अब आधुनिक इलेक्ट्रिक कटर द्वारा वाहनों सहित चोरी के लोहे की कटिंग कर रायपुर भेजा जा रहा है।

संभाग में कुछ कबाड़ी दिन में तो सामान्य कबाड़ सामानों का धंधा करते नजर आते हैं पर यह महज दिखावा होता है। रात के समय इनके द्वारा चोरी की मोटर साइकिलों व भारी वाहनों की कटिंग की जाती है। इनके द्वारा चोरी की वाहनों के अलावा रेलवे का लोहा, कालरी का चोरी का लोहा, एल्यूमीनियम व कॉपर के तार समेत चोरी के अन्य सामानों की खरीदी-बिक्री की जा रही है। सूत्रों की मानें तो कुछ माहों पहले तक इन कबाडिय़ों का लिंक जबलपुर में हुआ करता था, लेकिन इन दिनों पूरा कारोबार रायपुर से चल रहा है, चार पहिया व भारी वाहनों की कटिंग पूर्व में कोयलांचल में की जाती थी, लेकिन बीते कुछ दिनों से इलेक्ट्रिक कटर जैसे उपकरणों की सहायता से चोरी के दुपहिया व भारी वाहनों को ब्यौहारी सीधी तिराहे, बिजुरी फाटक के उस पर, डिण्डौरी बस स्टैण्ड के पास, पुरानी बस्ती शहडोल के कबाडिय़ों द्वारा काटा जा रहा है।

कटघरे में वर्दी की साख :

संभाग में एक धंधा ऐसा है, जो चोरों का हौसला बढ़ाए हुए है। चोर रातों-रात चोरी का माल पहुंचाते हैं और रात में ही पेमेंट भी हो जाता है। मजे की बात तो यह है कि कारोबार में बेहिसाब कमाई के बाद भी सरकारी तंत्र कोई दखल नहीं देता। बात संभाग में संचालित हो रही कबाड़ दुकानों की। जोन अंतर्गत अनूपपुर, डिण्डौरी और शहडोल मुख्यालय में थोक कबाड़ का कारोबार संचालित हो रहा है, लेकिन कार्यवाही न होने से कबाड़ियों के हौसले बुलंद हैं। कबाड़ी अब यह भी कहने से नहीं चूक रहे हैं कि उनकी वर्दी के साथ पार्टनरशिप है।

कौन है कोयलांचल का भुल्ले :

बिजुरी में फाटक के उस पार भुल्ले हसदेव एरिया, जमुना कोतमा एरिया, पसान कालरी, रामनगर, भालूमाड़ा कालरी से लोहे के पाइप एंगल और लोहे की प्लेट को काटवा कर आधी रात होने पर गाड़ी के माध्यम से उक्त कबाड़ को वहां से निकावा कर रायपुर में खपा रहा है, सूत्रों की मानें तो इस क्षेत्र से बड़े स्तर पर कबाड़ का कार्य भुल्ले के संरक्षण में हो रहा है, भुल्ले अनूपपुर, जैतहरी सहित डिण्डौरी के अल्लू से भी कबाड़ उठा रहा है। जिसमें कबाड़ गिरोह के साथ-साथ स्थानीय चोर भी कबाड़ की काला बाजारी में लिप्त और सक्रिय हैं। सूत्रों की मानें तो पूरा कारोबार खाखी के संरक्षण में हो रहा है, वहीं जिले में चोरी गये वाहनों का पता न चल पाना भुल्ले के कारोबार को चार चांद लगा रहा है।

ब्यौहारी का नईम बना मास्टर माइंड :

कबाड़ का व्यवसाय करने के लिए स्पष्ट नीति नियम न होने से संभाग के ब्यौहारी में यह अवैध धंधा तेजी से अपने पैर पसार चुका है, सूत्रों की मानें तो ब्यौहारी में नईम सीधीे तिराहे के पास से देवलोंद, बाणसागर, जयसिंहनगर, गोहपारू सहित संभागीय मुख्यालय तक कबाड़ खरीदी की आड़ में चोरी का माल खरीदकर रायपुर की मण्डी में पहुंचा रहे हैं, कबाडिय़ों को इस धंधे के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है, साथ ही स्टॉक का हिसाब रखना पड़ता है, लेकिन मास्टरमाइंड नईम बाहर से लोगों को बुलाकर रातों-रात पूरा माल छग पहुंचा रहा है।

मुख्यालय में तिकड़ी ने सम्हाली कमान :

संभागीय मुख्यालय में इन दिनों कबाड़ का अवैध कारोबार पुरानी बस्ती से बड़े रूप में संचालित हो रहा है। चर्चा है कि पंचगांव रोड दुर्गा मंदिर के पास से जुबैर, सादिग और रोशन इन दिनों जिस तरह पूर्व में कोयलांलच में कबाड़ का कारोबार होता था, उसी तर्ज पर मुख्यालय में कारोबार किया जा हा है और यह कारोबारी अब यह भी कहने से नहीं चूक रहे हैं कि मुख्यालय में बगैर वर्दी के पार्टनरशिप के इतना बड़ा कारोबार संचालित करना किसी के बस का नहीं हैं। कोरोना काल के बाद यह कबाडिय़ों के लिए गोल्डन पीरियड है, अवैध कारोबार करने वालों पर अंकुश न लग पाना पुलिस प्रशासन की मिली भगत कर अवैध धंधा को बढ़ावा देता प्रतीत होता है।

डिण्डौरी का अल्लू भी कमजोर नहीं :

रेंज के मुखिया सहित जिलों के कप्तानों ने पद सम्हालते ही अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने की बातें कहीं थी, लेकिन डिण्डौरी मुख्यालय में बस स्टैण्ड के अल्लू एक दर्जन कबाडिय़ों से सांठ-गांठ तीनों जिले से सटे क्षेत्रों से कबाड़ उठा रहा है, इसका कनेक्शन अनूपपुर जिले के बिजुरी क्षेत्र के भुल्ले से तार जुड़े हुए हैं, कथित कबाड़ी का कारोबार अब एक जिले तक सीमित नहीं रह गया है, ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस को नहीं है, लेकिन वरिष्ठों के आदेशों के बावजूद रेंज सहित जिले में अवैध कारोबार फल-फूल रहा है, कबाड़ की मंडियों में 29 से 30 रूपये में कबाड़ी खपा रहे हैं।

दलाल भी हैं सक्रिय :

साइकिल चोरी होने पर अमूमन लोग थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते, क्योंकि पुलिस इसे छोटा मामला बताकर ध्यान नहीं देती और यदि रिपोर्ट लिख भी ली जाए तो भी अक्सर ये वापस नहीं मिलते। लोगों ने इसके पीछे कबाड़ से जुड़े अवैध व्यापार पर संदेह जताया है, चोरी की साइकिल और बाईक के कुलपुर्जे को अलग-अलग कर कबाड़ में बेचा जा सकता है। इसके अलावा इस धंधे में लोहे के सामान व घरेलू उपयोग के सामान सहित कई कीमती सामान पानी के मोल कबाड़ी अपने दलालों के माध्यम से खरीद कर लाखों कमाते हैं।

इनका कहना है :

मामला मेरे संज्ञान में नहीं था, मैं तत्काल ही रेंज के पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित करता हूं कि जिले में किसी भी प्रकार के अवैध कारोबार पर पूर्णत: अंकुश लगाया जाये।

जी. जनार्दन, पुलिस महानिरीक्षक, शहडोल, रेंज

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