शहडोल, मध्य प्रदेश। स्थानीय मार्गों की बात तो दूर राष्ट्रीय राज्यमार्ग पर बिना परमिट वाले सैकड़ों वाहन बेरोकटोक सरपट दौड़ रहे हैं, परिवहन विभाग की उदासीनता से न सिर्फ सरकार को राजस्व का चूना लग रहा है, बल्कि द्रुत गति से चलने वाली प्राइवेट बसें यात्रियों के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं। प्रतिदिन जिला मुख्यालय से सैकड़ों की संख्या में जीप, सूमो, मिनी बसें व बड़ी बसें सवारियां भरकर रीवा, इलाहाबाद, रायपुर, नागपुर की यात्रा पर जाती हैं। इनके पास एनएच पर वाहन चलाने का कोई परमिट नहीं होता है। यह अनाधिकृत रूप से निजी बस स्टैंड से सवारी बैठाते हैं। जानकारी के मुताबिक वर्तमान में शहडोल से रीवा, नागपुर, उत्तर प्रदेश के लिए करीब दर्जनों व छत्तीसगढ़ के लिए दिन भर में लगभग 40 बसें आवागमन करती हैं। इनमें से 50 फीसद बसें बिना परमिट ही चल रही हैं। जिला परिवहन विभाग ने पिछले दिनों बिना परमिट के छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश चलने वाली कई बसों को फाइन किया था, इसके बावजूद इनका निर्बाध संचालन व्यवस्था को सवालों के घेरे में खड़ा करता है।
जांच अधिकारी से सांठ-गांठ :
बताया जा रहा है कि कुछ बस मालिकों ने रिजर्व पार्टी परमिट बसों का ले रखा है, मगर बसों को परमिट के अनुसार परिचालन में नहीं रखा जा रहा है इसके अलावा 3 दिनों का रिजर्व परमिट के नाम पर परमिट बनवाया जाता है और जब तक जांच ना खड़े हो जाए तब तक 15-20 दिनों तक उसी को संचालित करते रहते हैं, जब लगता है कि कोई जांच होने वाली है तब बस मालिकों द्वारा पुन: एक बार रिजर्व पार्टी के नाम पर परमिट ले लिया जाता है और जांच अधिकारी द्वारा सांठ-गांठ करके बस मालिकों के साथ खेल खेलने में मशगूल रहते हैं।
रजिस्ट्रेशन व बिना फिटनेस के चल रही बसें :
शहडोल जिले से छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रायपुर और महाराष्ट्र राज्य के लिए नागपुर तथा उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद, बनारस, कानपुर आदि के लिए खुलने वाली कई बसें बिना फिटनेस व प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र के भी चल रही हैं। इस तरह के कई मामलों की जांच समय-समय पर होते रहती है जिस पर गत दिवस ही यातायात प्रभारी शहडोल द्वारा 12 दिसम्बर को शाम लगभग 6 बजे के आसपास दीपक कंपनी की बस जिसका नंबर पीवाई 05 सी 1717 को यातायात जांच दल द्वारा कोनी तिराहे से पकड़ कर यातायात थाना क्षेत्र के अंदर देखा गया है जिसकी कागजातों पर जांच करने के बाद बस का रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर विभाग द्वारा 10 हजार रुपये का जुर्माना दीपक कम्पनी के बस पर किया गया। इसी प्रकार रजिस्ट्रेशन के दीपक कंपनी की एक और बस जो रीवा से शहडोल की ओर जाती है जिसका नंबर एमपी 17 पी 2155 है। सूत्रों के अनुसार इसका रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ है और फिर भी धड़ल्ले से रीवा से शहडोल के लिए दौड़ लगा रहे हैं, विभागीय अधिकारियों को पता भी नहीं है। इस तरीके से जिले में न जाने कितने ही बसों का परिचालन बिना रजिस्ट्रेशन बिना परमिट के संचालित हो रहे हैं इन सब के पीछे आरटीओ विभाग व यातायात पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने दिख रही है।
बेलगाम बसें हो सकती हैं खतरनाक :
अनियंत्रित गति से चलने वाले यह वाहन यात्रियों के लिए भी काफी खतरनाक साबित हो रहे हैं। यात्रियों के बार-बार कहने के बावजूद भी चालक सौ से ऊपर की गति में वाहन चलाते हैं। जिससे आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं, शहडोल रोड सही हो या खराब बस वाले अपने कमाई को देखते हुए धड़ल्ले से अपनी बसों को चलाते हैं, तेज गति में होने के कारण कई बार बड़ी दुर्घटना का शिकार राहगीरों को होना पड़ता है, कुछ दिन पहले जैतपुर थाना अंतर्गत कथित बस द्वारा ओवरटेक करते हुए दो पहिया वाहन चालक दो व्यक्तियों को गंभीर रूप से घायल करके जिला मुख्यालय की तरफ भागा था, जिसकी आज तक कोई पूछ परख भी नहीं हो पाई और दोनों घायलों का पैर टूट गया था, इस तरीके की गंभीर घटनाएं बसों की रफ्तार पर नियंत्रण ना होने के कारण दुर्घटना घटित होते रहते हैं इन सब के ऊपर भी विभाग को रफ्तार पर रोक लगाने के लिए कुछ प्रयास करते रहना चाहिए जिससे दुर्घटना होने से बचा जा सके।
इनका कहना है :
दीपक बस को यातायात परिसर में कोनी तिराहे से पकड़ कर लाया गया था, जिसकी कागजात की जांच की गई , जिसका रजिस्ट्रेशन न होने पर उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
अखिलेश तिवारी, उप पुलिस अधीक्षक, यातायात शहडोल
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