कचरे का सुनिश्चित प्रबंधन नहीं
कचरे का सुनिश्चित प्रबंधन नहींSocial Media

विभागीय चूक: कचरे का सुनिश्चित प्रबंधन नहीं, बढ़ सकती है महामारी

शहडोल, मध्यप्रदेश: कचरे में मिला रहे होम क्वारेंटाइन लोगों का वेस्ट, कोरोना संकट के बीच कहीं फैल न जाये संक्रमण। स्वास्थ्य, नगरीय निकाय, ग्रामीण विकास विभाग बेपरवाह।

राज एक्सप्रेस। मध्यप्रदेश के शहडोल में कोरोना महामारी को देखते हुए केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिशा-निर्देश जारी किये थे, जिसमें यह कहा गया था कि अगर बाहर से आये व्यक्ति को होम क्वारेंटाइन किया जाता है तो उसके निकलने वाले वेस्ट को अलग रखा जाये और उसके निपटान की व्यवस्था भी अलग से की जाये, जिसके लिये स्वास्थ्य, नगरीय प्रशासन और ग्रामीण विकास विभाग को सख्त निर्देश जारी किये थे, लेकिन संभाग के उमरिया, अनूपपुर और शहडोल में उक्त निर्देशों का पालन होता दिखाई नहीं दे रहा है।

प्रशासनिक अधिकारी इस मामले में गंभीर दिखाई नहीं दे रहे हैं, अभी भी नगरीय क्षेत्र या ग्रामीण अंचल में होम क्वारेंटाइन लोगों के वेस्ट को साधारण कचरे के साथ उठाकर फेंक दिया जा रहा है। जो कि खतरे की घंटी भी साबित हो सकता है।

20 हजार के आसपास होम क्वारेंटाइन उमरिया में स्वास्थ्य विभाग ने 8548 लोगों को, शहडोल में 4 हजार के आसपास और अनूपपुर में 8 हजार से ऊपर लोग जो कि अन्य प्रांतों से आये हैं, या फिर प्रदेश के दूसरे जिलों से आये हैं, उन्हें जांच के बाद 14 दिनों तक होम क्वारेंटाइन किया हुआ है, इसके अलावा कुछ लोगों को अलग-अलग स्थानों पर भी क्वारेंटाइन किया गया है, इतना बड़ी तदाद में लोग ग्रामीण और नगरीय क्षेत्र में रह रहे हैं, लेकिन उनके इस्तेमाल से निकलने वाले कचरे को साधारण कचरे के साथ मिलाया जा रहा है, जो कि घातक साबित हो सकता है और संक्रमण भी फैला सकता है।

ये हैं सीपीसीबी के आदेश केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने सभी प्रदेश के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग, नगरीय प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग को निर्देश जारी करते हुए कहा था कि यदि कोई होम क्वारेंटाइन है तो उसे भी पीले रंग के डबल लेयर थैले में अपना कचरा रखना होगा, नगरीय क्षेत्र में नगरीय निकाय और ग्रामीण अंचल में ग्रामीण विकास विभाग को कचरा लेने के लिये इस्तेमाल की जाने वाली गाड़ी बिल्कुल अलग रखी जायेगी, स्वास्थ्य महकमें को इसकी मानीटरिंग के निर्देश दिये गये थे, वहीं नगरीय निकाय और ग्रामीण विकास विभाग ऐसे इलाकों में बायोमेडिकल वेस्ट को डिस्पोज करने वाली कम्पनी से संपर्क कर इस्तेमाल किये गये कचरे को उठवाने की व्यवस्था करेंगी और उसका निपटान करवाएंगी।

कहीं फैल न जाये संक्रमण: विशेषज्ञों का कहना है नगरीय निकाय हो या ग्रामीण क्षेत्र इनके खुद के कचरे के निपटान की कोई व्यवस्था नहीं है, डोर टू डोर जाकर यह कचरा तो इकठ्ठा करते हैं, लेकिन उसे शहर के आसपास व ग्रामीण क्षेत्रों में ले जाकर फेंक देते हैं, वहीं होम क्वारेटाइन व्यक्तियों के वेस्ट को साधारण कचरे में मिलाने से संक्रमण फैल सकता है, जो कि मानव स्वास्थ्य के साथ ही जीव-जन्तुओं के लिये भी हानिकारक हो सकता है। इस मामले में प्रशासन को सख्ती से पेश आना चाहिए, ताकि संक्रमण न फैल सके।

गंभीर मामले में अगर लापरवाही बरती जा रही है तो संबंधित विभाग से रिपोर्ट तलब की जायेगी, निर्देशों का पालन करने की हिदायत दी जायेगी, लापरवाही मिलने पर कार्यवाही भी होगी।

दिलीप पाण्डेय - डिप्टी कमिश्नर, शहडोल

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