आज मोदीमय होगा श्योपुर जिले का वनांचल क्षेत्र कराहल
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Sheopur : आज मोदीमय होगा श्योपुर जिले का वनांचल क्षेत्र कराहल

श्योपुर, मध्यप्रदेश : पीएम नरेन्द्र मोदी के स्वागत को सज-धज कर तैयार हैं श्योपुर जिले का वनांचल। 72 वें जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री चीतों की देंगे कूनो में सौगात, एसएसजी की महिला सदस्यों से करेंगे संवाद।

श्योपुर, मध्यप्रदेश। आज का दिन श्योपुर जिले के लिहाज से एतिहासिक और स्वर्णिम दिन कहलाएगा, जब दुनिया के चुनिंदा ताकतवर लोगो में शुमार हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी श्योपुर जिले के आदिवासी विकासखण्ड कराहल के अन्र्गगत स्थापित किये गये कूनो नेशन पार्क की धरा पर पदार्पण करेंगे। पीएम मोदी कूनो नेशनल पार्क में 50 वर्षो पूर्व विलुप्त हुए चीतो की पुर्नस्थापना हेतु 02 नर व 01 मादा चीता को पार्क में बनाये गये बाड़े में नामीबिया से लाये गये पिजरों सेे मुक्त करेंगे। कार्यक्रमानुवसार प्रधानमंत्री श्री मोदी सुबह 10:30 बजे दुनिया की पहली अंतरमहाद्वीपीय परियोजना का शुभारंभ करेंगे। वहीं 11:40 बजे हरा-भरा मध्यप्रदेश अभियान में कराहल हेलीपेड स्थल पर पौध-रोपण करेंगे। तत्पश्चात श्री मोदी श्योपुर जिले के कराहल के मॉडल स्कूल ग्राउंड में दोपहर 12 बजे महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी विशेष पिछड़ी जनजाति समूह कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्रों शिवपुरी, मण्डला, शहडोल और तामिया का ई-लोकार्पण करेंगे।

भारत में वर्ष 1952 से विलुप्त घोषित चीता प्रजाति वर्ष 2022 में पुन पुनस्र्थापित होने जा रही है। इसके पूर्व चीता पुनर्स्थापना के लिए केन्द्र और राज्य सरकार के साथ अंतर्राष्ट्रीय चीता विशेषज्ञों की चर्चा हुई। प्रदेश के लिये गौरव की बात है कि भारतीय वन्य जीव संस्थान (वाईल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट) ने भारत में चीता पुनस्र्थापना के लिए किये गये संभावित क्षेत्रों के सर्वेक्षण में देश में चयनित 10 स्थान में से प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान को सर्वाधिक उपयुक्त पाया। यह ऐतिहासिक है कि इस कार्य का शुभारंभ प्रधानमंत्री श्री मोदी के कर-कमलों से हो रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी दो बाड़ों में चीते विमुक्त करेंगे। पहले बाड़े में दो नर चीते छोड़े जाएंगे। दूसरे बाड़े में एक मादा चीता को छोड़ा जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों के दल ने नामीबिया की चीता प्रबंधन तकनीक का प्रशिक्षण प्राप्त किया है। परियोजना के एकीकृत प्रबंधन में कूनो राष्ट्रीय उद्यान के 750 वर्ग किलोमीटर में लगभग दो दर्जन चीतों के रहवास के लिए उपयुक्तत है। इसके अतिरिक्त करीब 3 हजार वर्ग किलोमीटर वन क्षेत्र दो जिलों श्योपुर और शिवपुरी में चीतों के स्वछंद विचरण के लिए उपयुक्त है।

स्व-सहायता समूहों की बहनों का सम्मेलन :

प्रधानमंत्री श्री मोदी श्योपुर जिले के कराहल में महिला स्व-सहायता समूहों के सम्मेलन में शिवपुरी, मण्डला, शहडोल और तामिया के विशेष पिछड़ी जनजाति समूह कौशल विकास प्रशिक्षण केन्द्रों का ई-लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री श्री मोदी स्व-सहायता समूहों की बहनों से संवाद कर उद्यमशीलता की जानकारी प्राप्त करेंगे। प्रदेश में महिला सशक्तिकरण और उन्मुखीकरण के लिये म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में 3 लाख 86 हजार स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं। इन समूहों से 43 लाख से अधिक परिवार जुड़े हैं। समूहों द्वारा सब्जी उत्पादन, दुग्ध उत्पादन, अगरबत्ती, हैण्डवॉश, साबुन निर्माण, कृषि और पशुपालन आधारित आजीविका गतिविधियाँ और आजीविका पोषण वाटिका के संचालन संबंधी कार्य किये जा रहे हैं।

इस प्रकार रहेगी पार्किंग व्यवस्था :

आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केआयोजित कार्यक्रम के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा व्यापक व्यवस्थाएं की गई है। प्रधानमंत्री जी के मुख्य आतिथ्य में स्वसहायता समूह का सम्मेलन मॉडल स्कूल कराहल के प्रांगण में आयोजित किया गया है। सभा स्थल के आसपास श्योपुर एवं शिवपुरी तथा करियादेह, भैसरावन रोड से आने वाले वाहनों के लिए 11 स्थनों पर पार्किग व्यवस्था बनाई गई है। प्लान के मुताबिक पार्किग के लिए 1 लाख 15 हजार 396 स्क्वयर मीटर स्थान तय किया गया है। पार्किग स्थलों पर व्यवस्था के लिए रेवेन्यू आफीसर नियुक्त किये गये है। श्योपुर से जाने वाले वाहनों के लिए हॉस्पीटल के सामने, शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय का प्रांगण, मुदगल पेट्रोल पम्प के पास सहित कुल 04 पार्किग स्थल निर्धारित किये गये है। इसके अलावा शिवपुरी रोड से आने वाले वाहनों के लिए एकलव्य स्कूल प्रांगण, प्रांगण के सामने, मत्स्य प्रक्षेत्र, भीमनगर, कराहल टोल टैक्स के आगे सहित कुल 07 स्थानों पर पार्किग स्थल बनाये गये है। शिवपुरी से आने वाले वीआईपी वाहनों के लिए आईटीआई कराहल से दाई और तथा श्योपुर से आने वाले वीआईपी वाहनो के लिए एचपी पेट्रोल पम्प के पास पार्किग निर्धारित की गई है। साथ ही करियादेह, भैसरावन मार्ग पर भी पार्किग बनाई गई है। इसके अलावा रिर्जव पार्किग भी निर्धारित रखी गई है।

प्रधानमंत्री बनने के बाद कैसे मनाया नरेन्द्र मोदी ने जन्मदिन :

2014 में :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 64 वें जन्मदिन पर अहमदाबाद में अपनी मां से मुलाकात की और आशीर्वाद लिया। मां ने उन्हें जन्मदिन के उपहार के रूप में 5,001 रुपये पीएम मोदी को दिए, जिसे उन्होने जम्मू-कश्मीर बाढ़ राहत कोष में दान कर दिये। इस साल अपने जन्मदिन पर उन्होंने गुजरात सरकार के स्वाबलंबन अभियान को भी लॉन्च किया था। वहीं श्री मोदी 23 किलोमीटर दूर गांधीनगर तक अपनी मां हीराबेन से मिलने बिना किसी सुरक्षा के गए थे.

2015 में :

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 65 वें जन्मदिन पर 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध की स्वर्ण जयंती को चिह्नित करने के लिए एक सैन्य प्रदर्शनी, सूर्यंजलि का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि युद्ध के दौरान सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान की छवि हर भारतीय के मन में छपी रहेगी। साथ ही गैर-सरकारी संगठन सुलभ ने पीएम मोदी के जन्मदिन को स्वच्छ दिवस घोषित किया।

2016 में :

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अपने 66 वें जन्मदिन पर अपनी मां हीराबेन से मिलने के लिए गांधीनगर पहुंचे थे। उसके बाद वे नवसारी गए जहां उन्होंने एक समारोह में भाग लिया था। नवसारी में लगभग 989 दीपक एक साथ जलाए गए थे। पीएम के जन्मदिन पर लोगों द्वारा मनाया गया यह उत्सव गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ।

2017 में :

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 67 वें जन्मदिन पर छात्रों द्वारा वैदिक भजनों के बीच मेगा सरदार सरोवर बांध परियोजना को राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने यह भी कहा कि लगभग छह दशक पहले बांध की अवधारणा देश के विकास को बढ़ावा देने का प्रतीक बन जाएगी।

2018 में :

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 68 वें जन्मदिन पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्कूली बच्चों के साथ मनाया। उन्होंने एक प्राथमिक विद्यालय का दौरा किया और छात्रों के साथ अपना जन्मदिन मनाया। पीएम मोदी छात्रों के लिए कुछ उपहार भी लेकर आए। छात्रों को सौर दीपक, स्टेशनरी, स्कूल बैग और अन्य चीजें की थी। इसी के साथ उन्होंने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा की।

2019 में :

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 69 वें जन्मदिन पर गुजरात दौरे पर रहे, जहां उन्होंने सरदार सरोवर डैम जाकर नर्मदा नदी की पूजा की और जनसभा को संबोधित किया। साथ ही नमामि नर्मदे महोत्सव का उद्घाटन किया। सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास जाकर चल रही विकास परियोजनाओं का जायजा लिया। इसके बाद वह अपनी मां हीराबेन से भी मिले और उनका आशीर्वाद लिया।

2020 में :

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 70वां जन्मदिन पर महामारी के बीच शांति से मनाया था।

2021 में :

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना 71वां जन्मदिन आम दिनों की तरह व्यस्त दिनचर्या और बिना किसी उत्सव के बिताया।

2022 में :

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अपना 72वां जन्मदिन श्योपुर जिले के कूनो नेशनल पार्क में 70 वर्ष पूर्व विलुप्त हुए चीतो की सोंगात व कराहल हैलीपेड पर हरा भरा मध्यप्रदेश अभियान के तहत वृक्षारोपण व स्वसहायता समूह की महिलाओं को संबोधित व संवाद करके मनाएंगे।

कूनो नेशनल पार्क श्योपुर में विदेशी मेहमान :

कूनो वन्य अभयारण्य की स्थापना के 41 वर्ष बाद विदेशी मेहमानो की आमद की खबर ने जिलेवासीयों को प्रफुल्लित कर दिया हैं और लोगो में जिज्ञासा बनी हुई थी कि आखिर कब आएंगे चीते वह इंतजार आज खत्म हो जाएगा। श्योपुर जिले में 1981 से स्थापित कूनो वन्यप्राणी अभ्यारण को सन् 2018 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया गया था। इसकी स्थापना सन् 1981 को एक वन्य अभयारण्य के रूप में की गई थी जो श्योपुर और मुरैना जि़लें पर विस्तारित है। जिले के कूनो नेशनल पार्क में चीते आने की खबर के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि अब सिंह परियोजना बंद कर दी जाएगी, पर ऐसा नहीं होगा। मध्य प्रदेश में चीते के साथ लॉयन बसाने का रास्ता भी खुला रहेगा। सरकार दोनों को एक साथ कूनो पालपुर में बसाने पर विचार कर रही है। कूनो अभयारण्य लॉयन और चीता दोनों को बसाने के लिए मुफीद है। वन अधिकारी बताते हैं कि दोनों जगह शेर और चीता के लिए उपयुक्त जलवायु है। एशियाई देशों में अकेला गुजरात का गिर अभयारण्य ही ऐसा है, जहां एशियाटिक लॉयन (बब्बर शेर) पाए जाते हैं। इनकी संख्या वर्तमान में 600 से अधिक है। किसी महामारी की वजह से यह प्रजाति खत्म न हो जाए, इसलिए वर्ष 1992 में भारत सरकार ने सिंह परियोजना को मंजूरी दी थी। भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के वैज्ञानिकों ने कूनो पालपुर को गिर के शेरों के लिए मुफीद स्थान बताया था। 30 सालों में इस परियोजना ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। यहां की प्रशासनिक कोशिशों को कई पैमानों पर खरा उतरना पड़ा है। फिर भी शेर आने की उम्मीद कम है। इस बीच कूनो पालपुर का चीता के बेहतर रहवास के रूप में चयन कर लिया गया है।

कुनो पालपुर अभ्यारण चीता परियोजना, बढ़ जाएगी कूनो वन मण्डल की जिम्मेदारी :

चीता प्रतिस्थापना जिले ही नही वरन सम्पूर्ण देश के पर्यटन के लिये गर्व की बात होगी। आज पीएम के जन्मदिन पर कूनो में चीतो की सोंगात के साथ ही कूनो मण्डल की जिम्मेदारीयां भी पहले से अधिक बढ़ जायेगी। क्योकि पिछले कुछ सालों में देखा गया हैं कूनो पार्क में भारी तादाद में शिकारियों का जाल फैला हुआ हैं सूत्रो की माने तो कुछ वन महकमें के कुछ लोग भी शामिल बताये जाते हैं, कूनो वन्य क्षेत्र के आसपास निवासरत ग्रामीणों की माने तो उनके लिये खुशी की बात हैं कि कुनो में चीते आ रहें हैं लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग को आगामी समय में शिकार रोकने के लिये कढ़े कदम उठाने होंगे ताकि विदेश में भारत की छबि धुमिल ना हो। वर्तमान में कूनो वन्य प्राणी उद्यान का क्षेत्र बढ़कर 758 वर्ग किलोमीटर हो गया हैं जिसमें चिन्हित स्थलों से शिकारियों की आवक को देखते हुए 22 भूतर्पूव सैनिको को मय हथियार 24 घंटे गश्त कराई जा रही है।

चीतों की बसाहट के लिए कूनो में तैयारियाँ पूर्ण :

कूनो राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र से लगे हुए गाँव में पशुओं के टीकाकरण का कार्य पूरा किया जा चुका है। क्षेत्र के समस्त गाँव में जागरूकता शिविर लगाए गए हैं। यहाँ चीतों के रहवास के लिए अनुकूल परिस्थितियों का विकास किया गया है। पानी की व्यवस्था के साथ आवश्यक सिविल कार्य भी पूरे किए गए हैं। कूनो में वन्य-प्राणियों का घनत्व बढ़ाने के लिए नरसिंहगढ़ से चीतल लाकर छोड़े गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार क्षेत्र में शिकार का घनत्व चीतों के लिए पर्याप्त है। नर चीते दो या दो से अधिक के समूह में साथ रहते हैं। सबसे पहले चीतों को दो-तीन सप्ताह के लिए छोटे-छोटे पृथक बाड़ों में रखा जाएगा। एक माह के बाद इन्हें बड़े बाड़ों में स्थानांतरित किया जाएगा। विशेषज्ञों द्वारा बड़े बाडों में चीतों के अनुकूलन संबंधी आंकलन के बाद पहले नर चीतों को और उसके पश्चात मादा चीतों को खुले जंगल में छोड़ा जाएगा। इस संबंध में आवश्यक प्रोटोकॉल के अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

Kuno National Park
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कूनो अभ्यारण में अमले की कमी को दूर करना भी जरूरी :

कूनो अभ्यारण में पिछले लम्बे समय से स्वीकृत अमले की भी भारी कमी हैं वहीं अब वन क्षेत्र के बढऩे के बाद और अमले की आवश्यकता स्वाभाविक हैं ऐसे में वन विभाग और राज्य सरकार को इन्हे जल्द से जल्द पूर्ण करना चाहिये ताकि सुरक्षा व्यवस्था में कोई कोताही ना हो। डीएफओ पी के वर्मा से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में स्वीकृत अमले में 29 वनरक्षक, 29 वनपाल सहित 07 डिप्टी रेन्जर के पद रिक्त बने हुए हैं जिनकी पूर्ति के लिये शासन स्तर पर पूर्व में कई बार प्रस्ताव भेजे जा चुके हैं वहीं हाल ही में दौरे पर आये पीसीसीएफ जे एस चौहान को भी इस सम्बंध में जानकारी दी गई हैं जिनके द्वारा आश्वस्त किया गया हैं कि सरकार ओर विभाग अमले की पूर्ति के लिये जल्दी ही पदस्थापना कर सकती हैं। हालाकि विशेषज्ञों का मानना हैं कि चीतों को बसाने के लिये जिस प्रकार वन्य क्षेत्र में लगभग दोगुनी बृद्वि की गई हैं, उसके मान से सुरक्षाकर्मीयों सहित वन अमले की बढ़ोत्तरी भी की जाना चाहिए।

विश्व पटल पर अंकित होगा श्योपुर :

देश के दिल मध्यप्रदेश में श्योपुर जिले में स्थित कूनो राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान होगा। प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान सागर/दमोह ओर नरसिंगगढ की सीमाओं से सटा नौरादेही अभ्यारण है जिासका कुल क्षेत्रफल 1194.672 किलोमीटर बताया जाता हैं वहीं कूनो राष्ट्रीय उद्यान 748 वर्ग किलोमीटर तक फैला हुआ हैं। मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर स्थित श्योपुर जिला इन दिनों कूनो नेशनल पार्क को लेकर राष्ट्रीय ही नही बल्कि अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज 17 सितंबर को नामीबिया से लाये गये चीतों की शिफ्ंिटग करेंगे, तब यह पल देश के लिए न केवल गौरवशाली होगा, बल्कि एक एतिहासिक दिन भी होगा। कूनो नेशनल पार्क में विभिन्न प्रकार के 174 पक्षियों की प्रजातियां मौजूद है, वही सैकडो प्रजातियां वन्य जीवों की है। पक्षियों की 12 प्रजाति तो दुलर्भ श्रेणी में मानी गई हैं। वर्ष 1952 में भारत में एशियाई चीतों के विलुप्त होने के बाद से भारत में चीतो को फिर से स्थापित करने की योजनान्र्तगत भारत में चीतों को बसाने के लिए कूनो नेशनल पार्क में लाया जा रहा है।

एयरफोर्स के हैलीकॉप्टर से पहुचेंगे कूनो :

आज नामीबिया से चीतों को अनशैड्यूल्ड कार्गो से भारत लाया जाएगा। नामीबिया से चीतो को ग्वालियर लाया जाएगा। जहां से एयरफोर्स के हैलीकॉप्टर द्वारा उन्हे कूनो पार्क में लाया जाएगा। अन्र्तराष्ट्रीय नियमों के अनुसार दोनो देशों के विदेश मंत्रीयों से लेकर सम्बंधित विभागों द्वारा सभी तैयारियां पहले ही पूर्ण कर ली गई हैं। कूनो नेशनल पार्क अफ्रीकी चीतों की मेजबानी के लिये पूरी तरह तैयार हैं। विभागीय जानकारी के अनुसार कूनो में पहले चरण में नामीबिया से 8 चीते लाए जा रहे है। जिन्हे रखने के लिये कूनो पार्क में 06 जोन बनाये गये हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले चरण में 8 चीते आ रहे है जिसमे 3 नर और 5 मादा चीते बताये जा रहे हैं जिनमें भी दो नर चीतो में सगे भाई बताये जा रहे हैं। कूनो नेशनल पार्क में चीतों के लिए 5 वर्ग किलोमीटर का एक बड़ा बाड़ा बनाया गया है जिसके अंदर 50 वाई 30 वर्गमीटर के 6 बाड़े बनाये गए है। प्रारंभ में चीतों को एक महीना इन्हीं बाड़े में कवारन्टीन किया जाएगा। तत्पश्चात इन्हें बड़े बाड़े में छोड़ दिया जाएगा।

हैलीकॉप्टर से पहुचेंगे चीते
हैलीकॉप्टर से पहुचेंगे चीतेसांकेतिक चित्र

01 माह रखे जाएंगे क्वारंटीन, यह हैं कारण :

दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से आने वाले सभी चीतो को पहले माह के लिये क्वारंटीन में रखा जाएगा। जब इस सम्बंध में सीसीएफ उत्तम शर्मा से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि भारत सरकार द्वारा किसी भी लाईव एनीमल को लाने के लिये तय प्रोटोकॉल है जिसके अनुसार पहले माह में उनका व्यवहार, बीमारी सहित अन्य गतिविधीयों को भंली भांती परखने के लिये उन्हे 30 दिन क्वारंटीन में रखा जाता हैं तत्पश्चात उन्हे बड़े बाड़े में छोडा जाएगा।

अपने पीएम के स्वागत की बाट जोह रहा कराहल :

श्योपुर जिले में देश के किसी भी पीएम का यह पहला दोरा होगा और दौरा भी सोंगात के साथ आविासी विकासखण्ड कराहल मुख्यालय की धरती पर। पीएम के दोरे की तिथि निर्धारित होने के बाद से ही वनांचल सहित जिले भर का जनसमुदाय देश के कद़दावर नेता के स्वागत के लिये उनके आगमन की बाट जोह रहा हैं, पीएम मोदी को निहारने व उनका भाषण सुनने के लिये समीपस्थ प्रदेश राजस्थान सहित प्रदेश के अन्यान्य जिलों से लोगो की आवाजाही आरंभ हो गई हैं। कराहल मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में स्वसहायता समूह की लगभग 01 लाख महिलाओं सहित व्यापक पैमाने पर भाजपा नेता कार्यकर्ता व भारी संख्या में आमजनता उमडऩे वाली हैं।

देंगे पीएम जिले को सौगात भी ?

श्योपुर जिले की जनता को पीएम नरेन्द्र मोदी के शनिवार को जिले के प्रवास पर आने से उनसे काफी उम्मीदे भी लगी हुई हैं। आमजनता को उम्मीद हैं कि पीएम मोदी वनांचल में औषधीयों के उत्पादन और उनकी बिक्री के लिये समुचित बाजार, कूनो नेशनल पार्क में भविष्य में आने वाले पर्यटको के लिहाज से एअरपोर्ट, अथवा कोई अन्य बड़ी सौगात भी जिले के विकास के लिये प्रदान कर सकते हैं हालाकि पीएम मोदी के किसी भी फैसले की पूर्व में अन्दाजा लगा पाना देश के बड़े बड़े राजनैतिक विष्लेषको सहित उन्हे जानने वालों के लिये भी मुमकिन नहीं हैं। फिर भी जिले की जनता को पीएम नरेन्द्र मोदी से काफी उम्मीदे बंधी हुई हैं।

श्योपुर की पहचान बनेगी पीएम मोदी की जिले में आमद :

आज नरेन्द्र मोदी के श्योपुर जिले के कराहल मुख्यालय व कूनो पार्क में आगमन से श्योपुर जिले को एक नई पहचान मिलेगी। अब तक जिले की पहचान के लिये डकैतों की कहानियां मानी जाती थी जिसका अब अन्त होकर शनिवार से पीएम मोदी के प्रवास के उपरांत एक नई पहचान मिलेगी कि उसे जिले का नाम श्योपुर हैं जहां एशिया में एकमात्र चीतो की मौजूदगी वाली कूनो सैन्चुरी स्थामित हैं जिसमें चीतो की पुर्नस्थापना देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई हैं।

औषधियों से भरी है अरावली पर्वत श्रंखला, वनांचल के लोगो की पीएम मोदी से मांग :

आदिवासी विकास खंड कराहल क्षेत्र की अरावली पर्वत श्रंखला वनोषधियों से भरी पडी है, किन्तु व्यवस्थित उद्योग के अभाव में इसकी श्योपुर में रत्तीभर भी पूछ-परख नहीं है। जबकि इन्ही जडी-बूटियों की खाडी देशों में धाक है। अगर यूं कहें श्योपुर में वनोषधियों की साख कौडियों के बराबर भी नहीं है, तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। भारतीय संस्कृति में प्राचीन चिकित्सा पद्घति का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। पुराने समय में जडी-बूटियों से ही विभिन्न बीमारियों का उपचार किया जाता था। मगर कराहल की अरावली पार्वत श्रंखला में मौजूद इन जडी-बूटियों का बाजार भाव कौडियों के बराबर है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे खाडी देशों में हर्बल उत्पादकों ने जो बाजार तैयार किए हैं, उन बाजारों में कराहल के अरावली पर्वत की श्रंखला में पाई जाने वाली जडी-बूटियों की खासी धाक है। कराहल जिले का ऐसा केन्द्र है, जहां विभिन्न प्रकार की वनोषधियों का संग्रहण होता है। यहां के वनवासी औषधियों की खेती तो नहीं करते, लेकिन अरावली पर्वत की श्रंखला कहे जाने वाले यहां के जंगल और पहाड वनोषधियों की पैदावार देने में काफी समृद्घ हैं। कराहल के जंगलों और पर्वतों की तराई में जो जीवन रक्षक औषधियां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं, उन्हें जंगल से एकत्रित कर छुटमुट व्यापारियों को बेचने का काम शहरी जनजाति के लोग करते तो हैं, मगर अत्यधिक कीमती कहे जाने वाली जडी-बूटियों की कीमत में उन्हें दो जून की रोटी भी नसीब नहीं हो पाती है। जड़ी-बूटियों का अन्तरराष्ट्रीय बाजार में वास्तविक मूल्य कितना है? इस बात से सहरिया अनजान है। वनांचल कराहल क्षेत्र के जंगल और पर्वत की तराई में शतावर, सफेद मूसली, नीम फल, आंवला, बीलगुदा, बहेडा, शंखपुष्पी, बृह्गंराज, भूंमि आंवला, मरोडफली, विधारा, सेमल मूसली, ब्राह्मी, नागरमोथा, नीमगिलोय, नीम पत्ती, पलाश फूल, पवारबीज, ढाडौन, इन्द्रजो, बराईकंद, शहद, मोम, लाख पीपल, गनगेर, चितावर, अरण्डीमूल, अरण्डी, समालू बीज, गुणमारपत्ती आदि जीवनरक्षक औषधियां प्रचुर मात्रा में पाई जाती हैं।

06 लाख स्क्वेयर फीट सभागार का निर्माण, 08 फीट उंचे मंच से सम्बोधित करेंगे पीएम मोदी :

जिला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार कराहल में स्वसहायता समूह की महिलाओं को सम्बोधित करने के कार्यक्रम को लेकर जो सभागार का निर्माण कराया जा रहा हैं वह लगभग 06 लाख स्क्वेयर फीट भूमि तक विस्तारित होगा। वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी आठ फीट ऊँचे मंच से 01 लाख से अधिक स्वसहायता समूह की महिलाओं सहित उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करेंगे।

सभागार
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वनांचल के लोगो की पीएम मोदी से मांग :

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज कराहल की धरती पर पहुचेंगे जहां वह स्वसहायत समुह की महिलाओं को समबोधित करेंगे। आदिवासी अंचल में आदिवासी समुदाय में खासा उत्साह का माहौल बना हुआ हैं वहीं आदिवासी समुदाय के लोगो का कहना है कि जिला प्रशासन सहित राजनैतिक दलों के पदाधिकारीयों व जनप्रतिनिधीयों को पीएम से वनांचल क्षेत्र में बहुतायत मात्रा में पैदा होने वाली जड़ी बूंटियों के परीक्षण करने की सुविधा और वैश्विक बाजार तक पहुच बनाने के लिये समुचित बाजार उपलब्ध कराने की मांग करना चाहिए। आदिवासीयों का कहना है कि अब प्रधानमंत्रीजी के पास तक हम तो नहीं जा सकते पर जो पीएम तक हमारी बात पहुचा सकते हैं उन्हे वनांचल के औषधीय भण्डार की जानकारी प्रदान करना चाहिए, ताकि जिले को औषधीय जिले का दर्जा प्राप्त हो सके।

अतिथीयों की रहेगी गरिमामयी उपस्थिती :

प्रधानमंत्री श्री मोदी के कार्यक्रमों में राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय नागरिक विमानन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, प्रदेश के वन मंत्री कुँवर विजय शाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित-जाति कल्याण मंत्री सुश्री मीना सिंह, उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण (स्वतंत्र प्रभार) तथा नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल और खजुराहो सांसद व्ही.डी. शर्मा की गरिमामय उपस्थिति रहेगी।

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