भोपाल, मध्य प्रदेश। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौजूदा कार्यकाल में फूंक -फूंक कर कदम रख रहे हैं। वो ऐसा कुछ नहीं होना देना चाहते जिससे किसी भी तरह का विवाद उपजे या फिर कोई भी असंतुष्ट हो। यही वजह है कि शिवराज सिंह चौहान ने विधायक और मंत्रियों से मेल मुलाकात के लिए अपने दिल और निवास के दरवाजे 24 घंटे खुले रखे हैं। श्री चौहान ने स्पष्ट कर दिया है कि विधायक सीधे उनसे मिल सकते और बे-झिझक अपनी बात उनके समक्ष रख सकते हैं। प्रदेश में 15 माह बाद फिर से बनाई गई शिवराज सरकार को जनता, विधायक और कार्यकताओं की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए श्री चौहान हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले जनता के बीच जाकर नई योजनाएं और बनेक सख्त कदम उठाकर साधा और अब पार्टी के मंत्री, विधायक और कार्यकताओं के दिल में बने रहने के लिए मेल मुलाकात को सरल, सहज और सार्थक करना शुरू कर दिया है। उन्होंने रविवार और सोमवार को विधायकों से एक-एक कर मुलाकात चर्चा की है। इस चर्चा के दौरान सीएम श्री चौहान ने विधायकों के विचार और समस्याओं को सुना और विकास कार्यो पर सुझाव मांगे हैं।
मुख्यमंत्री की पहल से विधायक प्रसन्न :
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भाजपा विधायकों से सीधे मुलाकात कर संवाद करने पंरपरा को जारी रखने की पहल की है, श्री चौहान की इस पहले विधायक प्रसन्न हैं। उन्हें लगता है कि इस पहल से वह अपनी बात सीधे मुख्यमंत्री से बोल सकते हैं। मुख्यमंत्री उनके कार्यो को गंभीरता से सुनेंगे और तेज गति से उनकी विधानसभा क्षेत्र में कार्य होंगे।
मंत्रियों को विधायकों से मुलाकात करने को कहा :
सीएम श्री चौहान ने सरकार में शामिल सभी मंत्रियों को भाजपा विधायकों से निरंतर मुलाकात करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि मंत्री अपने निवास और प्रवास के दौरान विधायकों को मिलने और उनसे चर्चा करने का समय निर्धारित करे। वहीं श्री चौहान ने मंत्री और विधायकों से कहा कि कार्यकताओं से मिलते रहे और उनकी बात सुनते रहे।
क्या गलती कर गए कमलनाथ ?
विधानसभा चुनाव 2018 मे कांग्रेस ने सरकार बनाई और कमलनाथ मुख्यमंत्री बनें। कुछ समय तक सब ठीक चलता रहा लेकिन विधायकों में असंतोष चर्चा में आने लगा। विधायकों ने कहना शुरू कर दिया कि कमलनाथ उन्हें मिलने तक का समय नहीं देते, अगर मिलते भी तो कुछ मिनिट में बिना पूरी बात सुनें चलता कर देते हैं। ऐसा कहने वाले कांग्रेस के विधायक अधिक थे। कांग्रेस के मंत्रियों तक ने कई बार इस तरह की बात कहीं। कमलनाथ ने अपनी पार्टी के विधायकों से मुलाकात में कंजूसी की और उनकी बात नहीं सुनी जिसका खामियाजा सरकार गवां कर चुकाना पड़ा।
क्या कहते हैं भाजपा विधायक :
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