इंदौर : रेमडेसिविर के लिए मारामारी, लग रही लंबी कतारे

इंदौर, मध्यप्रदेश : 800-900 रु का इंजेक्शन मिल रहा 5 से 7 हजार तक। अब बिना जरूरत इंजेक्शन लगाने वाले अस्पताल, डॉक्टर पर भी होगी कार्रवाई।
रेमडेसिविर के लिए मारामारी, लग रही लंबी कतारे
रेमडेसिविर के लिए मारामारी, लग रही लंबी कतारेDellPC

इंदौर, मध्यप्रदेश। वैसे तो कहा जा रहा है कि कोविड-19 का अब तक कोई कारगर इलाज नहीं है। इसके बाद भी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को हजारों रुपए की दवा और इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन धड़ाधड़ लगाए जा रहा है। लोग स्वयं आगे होकर अपने मरीजों को इस इंजेक्शन लगाने के लिए डॉक्टर्स से अनुरोध करते हुए देखे जा रहे हैं।

वर्तमान में इंदौर में अब तक के सर्वाधिक कोविड एक्टिव केस हैं। सभी अस्पताल फुल हैं। भर्ती मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं। इस कारण वर्तमान में इंजेक्शन की किल्लत हो गई है। हालत यह हो गई है कि 800-900 रुपए के इस इंजेक्शन को खरीदने के लिए 5000 से 7000 हजार तक देने के बाद भी इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। दवा बाजार में इंजेक्शन खरीदने वालों की लंबी लाइन लगी हुई है।

अचानक मरीज बढ़ने से मांग बढ़ी :

इंदौर में मार्च माह के अंत में पहला केस सामने आया था। अप्रैल से मई 20 के दौरान सैकड़ों केस सामने आए थे, तब रेमडेसिविर इंजेक्शन का नाम सामने आया था। दावा किया गया था कि यह इंजेक्शन संक्रमणग्रस्त मरीज के लिए संजीवनी का काम कर रहा है। तभी से इस इंजेक्शन की डिमांड बड़ी थी। शुरुआत में एक इंजेक्शन 5 से 7 हजार में मिल रहा था। अन्य दवा कंपनियों द्वारा इस इंजेक्शन को बनाए जाने के बाद इसकी कीमत 900 से 1600 के बीच रिटेल में आ गई थी। फरवरी 21 में कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होने के बाद माने जाने लगा था कि शायद कोरोना खत्म हो गया है। यही कारण रहा है कि डिमांड कम होने से इंजेक्शन बनाने वाली पांचों कंपनियों ने इसका प्रोडक्शन कम कर दिया था। अब अचानक इंदौर सहित पूरे देश में संक्रमितों की संख्या बढ़ने के कारण इंजेक्शन की डिमांड बढ़ गई, लेकिन प्रोडक्शन और स्टॉक कम होने के कारण लोगों को मिलना मुश्किल हो गया। इतना ही नहीं मुनाफाखोरों ने इस इंजेक्शन का स्टाक कर इसकी कालाबाजारी शुरू कर दी। यही कारण है कि प्रशासन को कालाबाजारियों के लिए कड़े कदम उठाना पड़े, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। अब रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए हाहाकार मचा हुआ है। वर्तमान मे पांचों कंपनी मिलकर करीब एक लाख इंजेक्शन प्रतिदिन बना रही हैं, जबकि जानवकारों के मुताबिक खपत देशभर में 10 लाख के करीब है।

इंदौर में लम्बी लाइन रेमडेसिवीर इंजेक्शन के लिए
इंदौर में लम्बी लाइन रेमडेसिवीर इंजेक्शन के लिएSocial Media

प्रशासन सख्ती करे, तो स्थिति नियंत्रित होगी :

बुधवार को दवा बाजार के बाहर रेमडेसिविर इंजेक्शन खरीदने वालों की लंबी लाइन लगी हुई थी। इन लोगों का कहना था कि सभी दूर हाथ-पैर मारने के बाद यहां आस बंधी है कि इंजेक्शन मिल जाए। अस्पतालों में भर्ती मरीजों को अंधाधुंध रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाए जा रहा हैं। एक ओर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स कह रहे हैं कि हर मरीज को इस इंजेक्शन की जरूरत नहीं है, लेकिन निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों में से ज्यादातर को डॉक्टर रेमडेसिविर सहित अन्य महंगे इंजेक्शन लगाने के लिए दबाव डाल रहे हैं। हमारी भी मजबूरी है कि डॉक्टर की बात माने। प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों को इस मामले में एक्शन लेना चाहिए कि केवल जरूरतमंद मरीज को ही यह इंजेक्शन लगवाने के लिए कहा जाए। इससे स्थिति जल्द कंट्रोल में आ जाएगी।

आपाताकलानी परिस्थितियों में ही इंजेक्शन लगाएं :

खाद्य एवं औषधि प्रशासन प्रदेश सरकार ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के इस्तेमाल को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा तय की गई गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने के आदेश जारी किए हैं। इसमें चिकित्सकों से भी कहा गया है कि वह आपातकालीन परिस्थितियों में ही इस इंजेक्शन का इस्तेमाल करें और विधिवत उसका रिकॉर्ड भी रखा जाए और विशेष परिस्थितियों के अलावा मरीजों को अगर ये इंजेक्शन प्रिसक्राइब किया जाता है, तो उसकी जिम्मेदारी चिकित्सक, अस्पताल की होगी।

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजरी करने वालों पर रासुका हो :

कोरोना के इलाज में आवश्यक लगने वाला रेमडेसिविर इंजेक्शन आज भी बाज़ार में नही मिल रहा है, वहीं कुछ दवा विक्रेताओं द्वारा 800 से 900 रुपए के इस इंजेक्शन की कालाबाजारी कर 4 से 5 हजार में बेच रहे हैं। भाजपा नेता शैलेन्द्र महाजन ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर से अधिकांश चपेट में है। कोरोना इलाज में रेमडेसिविर इंजेक्शन संजीवनी का काम कर रहा है, लेकिन पूरे जिले में आसानी से नहीं मिलने के कारण दवा विक्रेता 800 से 900 रुपए के इस इंजेक्शन को 4 से 5 हजार रुपए में बेच रहे है। कालाबाजरी करने वाले ऐसे दवा विक्रेताओं की जानकारी जुटाकर इन पर रासुका की कार्यवाही करने के साथ रेमडेसिविर इंजेक्शन आसानी से उपलब्ध कराने की मांग मुख्यमंत्री शिवराजसिंह व जिला कलेक्टर मनीषसिंह से की है।

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