शिवपुरी जिले का सिद्ध स्थल जहां शिवलिंग के बदलते हैं रूप

शिवपुरी, मध्यप्रदेश : अति प्राचीन प्रसिद्ध भरका नामक धार्मिक सिद्ध स्थान पर पहाड़ों के बीचो बीच एक शिवलिंग स्थित है, जहां सूर्य की रोशनी के आधार पर शिवलिंग अपना स्थान परिवर्तित करते हुए दिखाई देता है।
भरका नामक धार्मिक सिद्ध स्थान पर पहाड़ों के बीचो बीच स्थित शिवलिंग
भरका नामक धार्मिक सिद्ध स्थान पर पहाड़ों के बीचो बीच स्थित शिवलिंग राज एक्सप्रेस, संवाददाता

शिवपुरी, मध्यप्रदेश। जिले के कोलारस अनुविभाग अंतर्गत बदरवास नगर से कुछ ही दूरी पर स्थित प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण अति प्राचीन प्रसिद्ध भरका नामक धार्मिक सिद्ध स्थान पर पहाड़ों के बीचो बीच एक शिवलिंग स्थित है। जहां शिवलिंग सूर्य की रोशनी के आधार पर अपना स्थान परिवर्तित करते हुए दिखाई देता है। लोगों की मान्यता है यहां भगवान भोलेनाथ स्वयंभू विराजमान होकर भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।

यह धार्मिक स्थल पहाड़ों के बीचो बीच स्थित होने से पहाड़ों से गिरने वाले जल के द्वारा भगवान शिव का अभिषेक निरंतर होता रहता है। बदरवास ही नहीं अपितु दूरदराज के कई स्थान से लोग भगवान शिव की इस अलौकिक छटा के दर्शन करने के लिए यहां आते हैं। इन दिनों श्रावण माह के महीने भगवान भोलेनाथ इस तीर्थ पर श्रद्धालुओं का तांता हमेशा लगा रहता है। ऊपर से गिरते हुए झरने का आनंददायक मनोहारी चित्रण के साथ नीचे भगवान शिव के दर्शन होते हैं।

बदरवास से करीब 22 किलोमीटर दूर :

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह स्थान बदरवास से करीब 22 किलोमीटर दूर है। जहां श्रावण मास में प्रतिवर्ष दर्शन करने जाने वाले दर्शनार्थी बताते हैं कि यह धार्मिक सिद्ध स्थल राजस्थान का काफी लंबा पुराना स्थान है। यहां पर पहले एक महात्मा रहा करते थे उनके साथ में कई बार शेरों को सोते हुए देखा गया है और वह शेर भगवान की पूजा भी करते थे। ऐसा कई सारे लोगों का मानना है। वहीं सिद्ध स्थल भरका के बारे में यहां के लोग बताते हैं कि यह एक वह स्थान है जहां पर सूरज की किरण पढ़ते शिवलिंग के रूप में भगवान भोलेनाथ अपना आकार बदल लेते हैं।

दर्शन मात्र से पूर्ण होती हैं मनोकामनाएं :

भरका स्थान पहुंचे लोगों ने बताया यहां के दर्शन मात्र से मन में शांति के साथ श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बदरवास और बदरवास के आसपास के लोग जब कभी किसी काम को सिद्ध करने का सोचते हैं तो यहां माथा टेकने जरूर आते हैं। प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण इस धार्मिक स्थान के दर्शन करने अपने परिवार के साथ दूर दूर से यहां लोगों को आते देखा गया है।

मंदिर के पुजारी ने बताया, बारह महीने पहाड़ों से गिरते जल से होता है शिवलिंग का जलाभिषेक :

स्वयंभू भगवान भोलेनाथ ने प्राचीन समय में स्वयं तपस्या करके इस धार्मिक स्थल का निर्माण किया जाना बताया जाता है। प्रकृति साल के बारह महीने पहाड़ों से गिरने वाले जल से भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग का जलाभिषेक यहां करती देखी जाती है। कैसी भी सूखा व गर्मी का मौसम हो परन्तु पहाड़ से शिवलिंग के ऊपर जल गिरना कभी बंद नहीं होता। पहाड़ों को काटकर बनाया गया यह प्राकृतिक मनोरम धार्मिक स्थल अति प्राचीन सिद्ध स्थान है। जहां दूरदराज से लोग दर्शन लाभ लेने यहां आते हैं। श्रावण माह में विशेष पूजा अर्चना चलती रहती है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com