राज एक्सप्रेस। प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ जहां एक तरफ किसानों के हित के लिए कई योजनाएं चला रहे हैं वहीं सिंगरौली जिले में पशु विभाग के अफसर खुलेआम मुख्यमंत्री के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं । सरकारी अफसरों के मनमानी रवैये से किसान दर-दर भटकने को मजबूर हैं। जिले के लगभग पशु-चिकित्सालयों पर ताला लटका हुआ है ।
क्या है मामला :
सिंगरौली जिले के चितरंगी, देवसर, सिंगरौली के चरगोड़ा, गांव समेत अनेक सरकारी पशु हॉस्पिटल, डिस्पेंसरी में ताला लटका हुआ है। किसान अपने पशुओं का इलाज कराने दर-दर भटक रहे हैं, गांव की अस्पताल बन्द होने से गरीबों को अपने जानवर टैक्सी कर मुख्यालय 50 किलोमीटर दूर बैढन जिला मुख्यालय आना पड़ता है, जिससे कई किसान पैसे के अभाव में नहीं आ पाते और जानवरों की मौत हो रही है, जो ग्रामीण आते भी हैं तो उनको डॉक्टर की कमीशन वाली मेडिकल स्टोर से दवा खरीदनी पड़ रही है। किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है।
जनप्रतिनिधि और उच्चधिकारी ने साधी चुप्पी :
एक तरफ सरकार गाय, भैंस, बकरी पालन के लिए अनुदान लोन दे रही है वहीं जानवरों का मामला होने से जनप्रतिनिधि और उच्चधिकारी भी चुप्पी साधे रहते हैं। जानकारों की मानें तो हर साल करोड़ों की दवा पशुओं के लिए खरीदी जाती है आखिर वह कहाँ बंटती है एक बड़ा सवाल है। जिला पशु अस्पताल में इतनी भर्राशाही है कि, फील्ड का कर्मी अफसरों के घर का खाना बनाने में जुटा है। यही नहीं हद तो तब हो गयी जब अस्पताल की बिजली से कर्मचारी अपने घर में लाइट लेकर हर माह हजारों का चूना सरकार को लगा रहे हैं ।
सम्बन्धित मामले में बोले कलेक्टर :
मामले की गम्भीरता को देखते हुए कलेक्टर KVS चौधरी ने तत्काल कार्यवाही के आदेश दिए हैं साथ ही मामले पर कहा कि, विभाग में कर्मचारियों की कमी है व जो कर्मचारी ऑफिस में हैं वो ऑफिस में कार्य करेंगे और जो फील्ड में हैं वो फील्ड का काम देखेंगे ।
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