हथियार से लेस माफिया दबंग करते हैं वाहन जप्त
हथियार से लेस माफिया दबंग करते हैं वाहन जप्तPrem Gupta

Singrauli : हथियार से लेस माफिया दबंग करते हैं वाहन जप्त

जिले में वाहन सीजिंग के व्यवसाय में कई हथियारबंद दबंग आरोपियों के नाम जुड़े हैं जिसमें एक सबसे बड़ा चर्चित नाम अजीत सिंह का है जो अपने गुर्गों के माध्यम से हजारों वाहनों को सीज कर चुका है।

सिंगरौली, मध्यप्रदेश। जिले में वाहन सीजिंग के व्यवसाय में कई हथियारबंद दबंग आरोपियों के नाम जुड़े हैं जिसमें एक सबसे बड़ा चर्चित नाम अजीत सिंह का है जो अपने गुर्गों के माध्यम से हजारों वाहनों को सीज कर चुका है। और सबसे बड़ी बात यह है की 99% सीजी के मामले में पुलिस की मौन स्वीकृत होती है फर्श से लेकर अर्श तक पहुंचने वाले सीजर अजीत सिंह के लगभग 10 वर्ष पूर्व सितारे गर्दिश में धूल फांक रहे थे परंतु अजीत सिंह के विगत 10 वर्षों के कारनामों को देखा जाए तो अजीत ने कानून को ताक पर रखकर कई करोड़ की गुमनाम संपत्ति अर्जित कर चुका है। विंध्यनगर थाने में दर्ज हैं पांच मामले।

गंभीर अपराधी को भी मिला गन का लाइसेंस :

अजीत सिंह का आपराधिक रिकॉर्ड खंगाला जाए तो विंध्यनगर नगर थाने में ही 5 अपराधिक गंभीर मामले दर्ज हैं और सूत्रों की माने तो सिंह के ऊपर 10 वर्ष में मारपीट लूट जैसे कई मामले जिले के कई थानों में दर्ज हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि आरोपी अजीत सिंह को गन का लाइसेंस भी प्राप्त है और आरोपी बकायदा गन के साथ क्षेत्र में अपने छोटे भैया चलो को लेकर गाड़ियों की सीजिग करवाता है।

काबिले गौर है कर्ज से लिए गए ज्यादातर वाहन मालिक पैसों से कमजोर टूटे होते हैं वाहन फाइनेंस करवाते समय खाली स्टांप पर उनके दस्तखत भी होते हैं यदि कोई वाहन मालिक पुलिस के पास फरियाद लेकर जाता है तो थाना प्रभारी तो बहुत दूर उनके कारिंदे ही वाहन मालिक को डांट कर भगा देते हैं। वाहन मालिक अपने घर, जमीन ,पत्नी के जेवरात बेचकर भी वाहन का किस्त अदा करते हैं लेकिन चार, छः किस्त टूटने के बाद भूखे शेर की तरह सीजर के छुटभईया बेरोजगार गुंडे वाहन मालिक से मारपीट कर गाड़ी को छीन लेते हैं और मामला पुलिस थाने में दर्ज भी नहीं होता।

गुर्गे करते हैं वाहन मालिक से वसूली :

जिन वाहन मालिकों की 2-3 किस्ते भी जमा नहीं हो पाती गुर्गे उनके गाड़ी नंबरों को लेकर हर जगह खोजते हुए पहुंच जाते हैं और उन्हें धमका कर वसूली करते हैं कई वाहन मालिकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमारी गाड़ी की दो किस्त नहीं जमा हो पाई थी सीजर के गुर्गों ने हमें धमकाया, बोला आपकी गाड़ी सीज कर देंगे अपनी बेज्जती के डर से सीजर के गुर्गे की मुंह मांगी रकम 10-10 हजार रुपए दिए।

बिना प्रशासन के सहायता के कोई सीजर वाहन नहीं छीन सकता :

कानूनन किसी वाहन मालिक की किस्त टूट जाए या वाहन का किस्त देने में उपभोक्ता अक्षम है तो सीजर प्रशासन को, न्यायालय को आवेदन करेगा और न्यायालय पुलिस को आदेशित करेगा कि आमुक गाड़ी को सीज करने में सीजर का सहयोग किया जाए ताकि शांति व्यवस्था बनी रहे परंतु सबसे बड़ी बात यह है कि गाड़ी को सीज करने के पहले प्रशासन द्वारा गाड़ी मालिक को कम से कम तीन नोटिस देना जरूरी होता है, ऐसा कानून कहता है परंतु सिंगरौली जिले में कानून का खुलेआम माखौल उड़ाया जा रहा है, सीजर के कारिंदे वाहन मालिक के वाहन की चाबी छीन कर वाहन लूटकर उसे सीजर के यार्ड में खड़ी कर देते हैं वही सूत्रों की मानें तो वाहन के लाखों रुपए के कलपुर्जा बैटरी टायर इंजन के पार्ट भी यार्ड में बदल दिए जाते हैं ऐसा पीड़ित और करेला निवासी रामायण वैश्य का कहना है वही पुलिस तमाशबीन बनी होती है क्योंकि हर वाहन के सीजिंग पर पुलिस का कमीशन बंधा होता है। मेहनतना में के रूप में दबंग सीजर उन बेरोजगार युवाओं को चंद रुपया और रात की पार्टी देना नहीं भूलते पुलिस से भी सांठगांठ बना कर सीजिंग का काम करने वाले आरोपियों का व्यवसाय दिन-ब-दिन फल फूल रहा है।

वाहन मालिकों के मन में सीजर एवं पुलिस के प्रति आक्रोश :

कई वाहन मालिकों ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि सीजर एवं पुलिस मिली जुली है पुलिस हमारी सुनती नहीं है और सीजर मारपीट तथा गुंडागर्दी कर हम लोगों से वाहन छीन लेता है जिले में भ्रष्टाचार व्याप्त है कोई बोलने वाला नहीं है कोई सुनने वाला नहीं है और कोई देखवाला नहीं है, स्थिति यथावत रही तो इसके गंभीर परिणाम होंगे।

कर्ज देकर चुकता ना करना भी घातक :

आजकल कई फाइनेंस कंपनियां बड़े ही आसानी से वाहनों का फाइनेंस कर रहे हैं कोई वाहन लेना तो सभी को अच्छा लगता है परंतु कर्ज चुकता ना कर पाना वाहन मालिकों की सबसे बड़ी कमी होती है जिसका फायदा नियम कानून को ताक पर रखकर सीजर उठाते हैं यदि ज्यादातर वाहन मालिकों का उद्देश्य किस्त पूरा करना होता है, कुछ लोग ही बदमाश होते हैं परंतु उन बदमाश लोगों की गलती का खामियाजा अच्छे लोगों को भी भुगतना पड़ता है। बहरहाल कर्ज लेकर उसे चुकता ना कर पाना और अदूरदर्शिता का परिणाम है। यदि वाहन मालिक समय पर कर्ज चुकता कर देते तो कभी ऐसी विषम स्थिति ही ना बनती।

इनका कहना है :

वाहन सीजर अजीत सिंह के ऊपर विंध्यानगर थाने में पांच संगीन अपराधिक मामले दर्ज हैं, अजीत सिंह को राइफल का लाइसेंस जिला कलेक्टर ने दिया है आप कलेक्टर से पता करें कि अजीत सिंह जैसे आरोपी को गन का लाइसेंस क्यों दिया गया और यह दिन मेरे पास कोई शिकायत आती है तो मैं अवश्य लाइसेंस निरस्त करने के लिए प्रतिवेदन उच्च अधिकारियों को दूंगा और कोई अपराधिक मामला आएगा तो मैं कार्यवाही भी करूंगा।

राघवेंद्र द्विवेदी, थाना प्रभारी विंध्यानगर

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