सिंगरौली : शौक को बनाया जुनून, घर को ऐसे बना डाला गार्डन

सिंगरौली, मध्य प्रदेश : हर कोई प्रकृति के बीच रहना चाहता है, इसके लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं घर पर ही नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं बस थोड़ा समय और लगन चाहिए।
शौक को बनाया जुनून, घर को ऐसे बना डाला गार्डन
शौक को बनाया जुनून, घर को ऐसे बना डाला गार्डनAkhilesh Dwivedi

सिंगरौली, मध्य प्रदेश। हर कोई प्रकृति के बीच रहना चाहता है रंग बिरंगे फूल और हरियाली सभी को भाते हैं इससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य भी जुड़ा है इसके लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं घर पर ही नैसर्गिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं बस थोड़ा समय और लगन चाहिए। सिंगरौली शहर में कुछ ऐसे ही लोग हैं जो फूलों के बीच रहते हैं इनका घर तरह-तरह के फूलों और पौधों से खिला है।

जिधर नजर डालो उधर ही फूल :

एनटीपीसी विंध्याचल परियोजना विन्ध्यनगर के एजीएम वायलर मेंटीनेंस एसके दासू की धर्मपत्नी मिसेज शारमिस्टा दासू अपने डी टाईप आवास में करीब 600 गमलों में फूल और पौधे लगा रखे हैं। यहां सबसे खास बात यह है कि इन्होंने अपने घरों के वेस्ट मटेरियल को भी आकर्षक इस्तेमाल की वस्तु में परिवर्तित कर देने का हुनर रखने में माहिर हैं। ट्यूबलाइट की फ्रेम का एक सीडी नुमा रूप दे दिया और चीनी मिट्टी की चीजों से अनेक आकार और टायरों को कलरिंग रूप दे झूले का आकार दे दिया है जिस पर कई सारे हैंगिंग पौधे लटके हुए हैं। बागवानी में फूलों के अलावा कई प्रकार की सब्जियां भी लगाई गई हैं जिनमें ताजगी का सुखद एहसास देखने को मिल रहा। मिसेज शारमिस्टा ने अपने घरों में सालविया डेंग्थक बोगनवेलिया प्रिटोनीया मेरीगोल्ड हौलीहोस मार सीना डेहलिया आदि जैसे खूबसूरत फूलों को लगा रखा है जो पूरे घरों व आसपास के वातावरण को महकाते हैं शारमिस्ट दासू तो बताती हैं कि मुझे बचपन से बागवानी का शौक था करीब 15 सालों से मैं इस बागवानी के कार्य में दिलचस्पी दिखा रही हूं मैंने बीएससी साइंस से पढ़ाई की है इसलिए कुछ और बागवानी के प्रति ज्यादा की दिलचस्पी मेरी रही है मैंने घर के बाहर आगे पीछे फूलों और सब्जियों को लगाया है इसके बाद अब टेरिस्ट पर भी बागवानी की तैयारी शुरू कर दी है।

उन्होंने कहा कि मुझे बागवानी का इतना शौक है कि मैं जहां कहीं भी जाती हूं सबसे पहले नर्सरी को सर्च करती हूं और वहां से तरह-तरह के फूलों को लाकर अपने बगिया में नया आकार देती हूं शहर के अलावा यदि कहीं बाहर जाना हुआ तो वहां से भी कई नई वैरायटी को खरीदती हूं पूरे घरों को इन्होंने फूलों से सजाया है पौधों फूलों को यह अपने बच्चों की तरह ही मानती है और उतना ही समय भी देती है जबकि इनके पति तरह तरह के फूलों को देख कर ड्यूटी से आने के बाद आनंद लेते हैं और सुकून महसूस करते हैं मिसेज शारमिस्टा दासू का तो अब बागवानी दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गया है बता दें कि अभी हाल ही में विंध्य नगर के लेक पार्क में मिसेज दासू को विंध्याचल एनटीपीसी विंध्यनगर में पुष्प प्रदर्शनी जो आयोजित हुई थी। उनमें डी टाईप और सी टाइप के क्वार्टर्स के सर्वे में इन को प्रथम पुरस्कार भी विंध्यनगर के ईडी मनीष जौहरी वह सुहासिनी संघ अध्यक्षा मृदुला जौहरी द्वारा पुरस्कृत भी किया गया था मिस्टर एसके दासू व मिसेज दासू ने सिंगरौली एवं विंध्याचल वासियों को संदेश देते हुए कहा है कि बागवानी सभी को करना चाहिए थोड़ा समय निकालकर इससे मन मस्तिष्क और स्वास्थ्य बेहतर रहता है और प्रकृति के प्रति हमारा प्रेम भी बढ़ता है।

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