राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश में जारी सियासत के बीच भाजपा की फ्लोर टेस्ट की मांग पर अब सुप्रीम कोर्ट में बुधवार सुबह 10.30 बजे सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को नोटिस भी दिया। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत 10 विधायकों ने सोमवार को याचिका दायर की थी।
भाजपा ने दावा किया है कि कमलनाथ सरकार बहुमत खो चुकी है और कांग्रेस को सरकार चलाने का संवैधानिक अधिकार नहीं है। इस स्थिति में तत्काल विधानसभा फ्लोर टेस्ट कराया जाए। इससे पहले राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को मुख्यमंत्री को दूसरी चिट्ठी लिखकर आज ही बहुमत परीक्षण कराने के निर्देश दिए। बता दें कि कल बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण के बाद स्पीकर ने कोरोना वायरस का हवाला देते हुए विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च तक स्थगित कर दी थी।
भाजपा की तरफ से पैरवी करने पहुंचे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा- आज कांग्रेस की ओर से कोई वकील कोर्ट रूम में मौजूद नहीं था। इसलिए अदालत ने बुधवार के लिए नोटिस जारी किया है। कांग्रेस के 22 विधायक पार्टी छोड़कर चले गए हैं, उनके पास बहुमत नहीं है, इसलिए उनकी तरफ से कोई सुनवाई में भी नहीं आया।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर प्रदेश में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार, स्पीकर और कांग्रेस पार्टी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अब इस मामले पर 18 मार्च को सुनवाई होगी।
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