शहडोल : सीमावर्ती जिलों के भरोसे छग के सुरा शौकीन

शहडोल, मध्य प्रदेश : संभाग के तीनों जिलों के साथ मण्डला, डिण्डौरी से छग जा रही शराब। अनूपपुर, राजेन्द्रग्राम, राजनगर, चचाई, धनपुरी, शहडोल व मानपुर से जा रही शराब की खेप।
सीमावर्ती जिलों के भरोसे छग के सुरा शौकीन
सीमावर्ती जिलों के भरोसे छग के सुरा शौकीनAfsar Khan

शहडोल, मध्य प्रदेश। बीते 6 महीनों के दौरान छत्तीसगढ़ के  विभिन्न जिलों में शराब के खिलाफ हुई कार्यवाहियों में अधिकांश मामले मध्यप्रदेश से तस्करी कर लाई गई शराब के हैं, बीते दिनों अनूपपुर से छग के रतनपुर में भी शराब की एक बड़ी खेप पकड़ी गई थी, रतनपुर पुलिस ने जिसे गिरफ्तार किया, उसके खिलाफ छग में पहले भी शराब तस्करी के मामले पंजीबद्ध हैं, यही नहीं अनूपपुर के कथित शराब ठेकेदार सुमित जायसवाल के बड़े भाई संदीप जायसवाल के खिलाफ छग में मामला पूर्व में कायम हुआ था, खासकर छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे अनूपपुर व शहडोल जिले की लगभग शराब दुकानें इन दिनों लोकल से कहीं ज्यादा छग तस्करी करने में लगी हुई हैं। इनमें अनूपपुर के पूर्व शराब ठेकेदार पंंकज सिंह सहित वर्तमान में राजेन्द्रग्राम व राजनगर के अलावा शहडोल मुख्यालय, उमरिया के मानपुर  आदि की दुकानें तो लगभग छग पर ही टिकी हुई हैं।

कटघरे में अंतर्राज्जीय जांच नाके :

मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ की सीमा पर कबीर चबूतरा से लेकर खूंटाटोला व राजनगर में अंतर्राज्जीय जांच नाके बने हुए हैं, जहां परिवहन विभाग सहित अन्य कई विभागों की चौकियां और दोनों ही राज्यों के जांच नाके हैं, इतना सबकुछ होने के बावजूद नियमित शराब का पार होना, यहां पदस्थ जिम्मेदारों को कटघरे में खड़ा करता है।

पूरे संभाग से ऑपरेट हो रहा गिरोह :

रतनपुर जिले में शराब का जखीरा बरामद होने के बाद, पूरे राज्य में तस्करों के सक्रिय होने का संदेह बढ़ गया है। राजधानी के देहात क्षेत्रों में भी बड़ी मात्रा में शराब खपाने की आशंका है। दरअसल लॉक डाउन सहित कोरोना काल को देखते हुए नशे का कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है। बीते महीने मध्यप्रदेश के टैग वाली शराब मिलने का पर्दाफाश हुआ था, जब आबकारी विभाग ने तस्करों को पकड़ा था, लेकिन किसके इशारे पर शराब लाई गई थी, इसका पता नहीं चल सका। मामला सामने आने के बाद पता चला है कि पूरा संभाग से गिरोह ऑपरेट हो रहा है।

कटघरे में आबकारी अमला :

छत्तीसगढ़ में सरकारी शराब दुकान खुलने के बाद संभाग के शराब कारोबारियों ने छग के ग्राहकों की मांग पूरी करने के लिए शराब तस्करी व्यापक पैमाने में तस्करी कराई जा रही है, ग्राहकों की मांग पूरी करने के लिए संभाग के शराब तस्कर अंतर्राज्जीय नाकों पर मैनेजमेंट कर शराब को छत्तीसगढ़ पहुंचाने में सफल भी हो रहे हैं, जहां एक ओर छत्तीसगढ़ की पुलिस कार्यवाही कर रही है, लेकिन संभाग में अभी तक ऐसी कोई कार्यवाही न होने से पुलिस सहित आबकारी विभाग को कटघरे में खड़ा नजर आ रहा है।

पुलिस की भूमिका भी संदेह में :

संभाग से छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलो में शराब पहुंच जाने में पुलिस विभाग के अफसरों की ही भूमिका संदेह के घेरे में है। शराब से भरी गाडिय़ां कई थाना क्षेत्रों को पार कर आसानी ने छग तक पहुंच रही हैं। इन इलाकों में पुलिस की मॉनिटरिंग, जांच व सूचना तंत्र पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। हर बार शराब छग में पकड़ी जा रही है। ऐसे में संभाग से तस्करी होने के बावजूद पुलिस की कार्रवाई न होना भी संदेह को जन्म दे रहा है।

पुराने ठेकेदार और कोचियों की नेटवर्किंग :

शराब के इस अवैध कारोबार में ठेकेदारों के पुराने कोचिए सक्रिय हैं। सूत्रों की माने तो संभाग के पुराने कोचिए छग में शराब बेचने में जुट गए हैं, लेकिन शराब संभाग के बार्डर में शराब पहुंचने के दौरान व पहुंचाने वालों पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर पा रही है। ये पूरा खेल पूर्व के कुछ शराब ठेकेदारों की मॉनिटरिंग पर चल रहा है, जो बार्डर के इलाकों से पूरी तरह परिचित है। रुट तय कर बड़ी मात्रा में शराब छग में पहुंचा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ पहुंचते ही टुकड़ों में बंट रही गाड़ियां :

संभाग से शराब की जो बड़ी खेप छग जा रही है, वह बार्डर में पहुंचने के पूर्व टुकड़ों में बंट जाती है। सीमा में पहुंचते ही शराब पहुंचाने अलग-अलग रुट की गाडिय़ां तय होती है। जो सीधे सप्लाई न कर, रुक-रुक के तय जगहों पर पहुंचती है। ये वाहन कुछ-कुछ स्थानों पर पूरी रात ठहरते हैं, इसके बाद कोचियों तक खेप पहुंचाई जाती है।

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