ग्वालियर, मध्य प्रदेश। प्रदेश में होने वाले उप चुनाव के लिए कांग्रेस ने विधानसभावार प्रभारी नियुक्ति किए है और उनको जिम्मेदारी दी गई है कि वह विधानसभा में जाकर वहां के संगठन को मजबूत करें। इसी जिम्मेदारी के तहत शनिवार को ग्वालियर विधानसभा के प्रभारी पूर्व मंत्री तरुण भानोट ग्वालियर आएं ओर कांग्रेस कार्यालय पर ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की बैठक ली। इस दौरान उन्होंने साफ कहा कि वह टिकट देने नहीं आएं है बल्कि कांग्रेस के लिए काम करने आएं है और डेढ़ माह ग्वालियर में रहकर पोलिंग बूथ स्तर तक जाकर में भी कार्यकताओं के साथ काम करूंगा। भानोट के साथ सह प्रभारी विधायक विनय सक्सेना भी आएं थे।
बैठक का समय सुबह 11 बजे का रखा गया था, लेकिन प्रभारी 12 बजे कांग्रेस दफ्तर पहुंचे। उनके पहुंचने से पहले ही कांग्रेसी दलबल के साथ वहां मौजूद थे, जिसमें कोई नारेबाजी कराकर अपनी दावेदारी को मजबूत करना चाह रहा था तो कोई अपनी दावेदारी जताने के लिए आए थे। बैठक में तरुण भानोट ने कहा कि किसी भी दल के लिए कार्यकर्ता काफी महत्वपूर्ण होता है, इसलिए कार्यकर्ताओं का सम्मान होना काफी जरूरी है। उनको भी संगठन की मजबूती के लिए भेजा गया है ओर इसके लिए वह हर कार्यकर्ता से मिलकर उनकी राय भी लेने का काम करेंगे।
बिना नाम लिए सिंधिया पर साधा निशाना....
बैठक में प्रभारी तरुण भानोट ने कहा कि यह सभी को पता है कि प्रदेश में कमलनाथ की सरकार किन कारणों से ओर किन लोगों के कारण गई है, इसलिए उप चुनाव काफी अहम हो जाते है, क्योंकि जो लोग अपने निजी हित के लिए अपनी पार्टी को धोखा देकर गए है उनको अब जनता के सामने पूरी तरह से बेनकाब करना होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि आपके सम्मान के लिए मैं साथ खड़ा हूं, क्योंकि मैंने भी छोटे से कार्यकर्ता के रूप में काम किया है। इसलिए चुनाव के समय जनता के बीच जाकर उनके यह बताने का काम किया जाएं कि सत्ता का लालच किसको था। इस तरह भानोट ने बिना नाम लिए सीधे सिंधिया पर निशाना साधा। इसके साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि आप सभी हमारी पार्टी के महाराज हो, क्योंकि असली महाराज तो कार्यकर्ता ही होता है।
व्यक्ति विशेष को लेकर नारेबाजी नहीं होना चाहिए....
प्रभारी भानोट जब बैठक ले रहे थे तो दावेदार अपनी मजबूती दिखाने के लिए अपने नाम से नारेबाजी करा रहे थे। नारेबाजी को सुनकर भानोट ने कहा कि मैं सभी को जानता हूं इसलिए व्यक्ति विशेष की नारेबाजी करने से बचना चाहिए। उन्होंने पास ही खड़े अशोक शर्मा एवं सुनील शर्मा की तरफ मुखातिब होकर कहा कि क्या आपको भी नारेबाजी कराने की जरूरत है। इस दौरान ग्वालियर विधानसभा से दो नए दावेदार शील खत्री एवं केशव मांझी ने भी अपनी दावेदारी पेश की। खत्री ने तो भानोट से यह भी कहा कि सर्वे में तो उन्हीं के नाम चलते है जो दावेदारी दिखाते है, लेकिन जो पार्टी के लिए काम करता है ओर दावेदारी नहीं दिखाता उनको टिकट कैसे मिलेगा?
बंद कमरे में मिले कांग्रेसियों से....
बैठक के बाद प्रभारी तरुण भानोट अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा के कमरे में बैठ गए ओर वहां उन्होंने ग्वालियर विधानसभा के कार्यकर्ताओं एवं दावेदारों से मुलाकात की। इस दारौन अशोक शर्मा ने भानोट को सुनील शर्मा के बारे में बताया कि वह पहले ही इस्तीफा दे चुके है ओर उनके इस्तीफे की कॉपी भी दिखाई। इस बात की जानकारी जब सुनील को लगी तो उन्होंने भानोट से बाहर हॉल में अलग से बात कर अपना पक्ष रखा। भानोट ने कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि मैं कार्यकर्ता को पोलिंग बूथ के नाम से जानना चाहता हूं, इसलिए पोलिंग बूथ स्तर के कार्यकर्ता अपना नाम व नंबर एक पर्ची पर लिखकर मुझे दे जिससे वह यहां जब आकर रुकेंगे तो उनसे अलग से बात कर सकूं। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष महाराज सिंह पटेल, मोहन माहेश्वरी, अमर सिंह माहौर, इब्राहिम पठान, ग्रामीण अध्यक्ष अशोक सिंह, पूर्व सांसद रामसेवक सिंह बाबूजी, अशोक शर्मा, सुनील शर्मा, पूर्व नेता प्रतिपक्ष नगर निगम कृष्णराव दीक्षित, चन्द्रमोहन नागौरी, रश्मि पवार शर्मा सहित करीब डेढ़ से दो सैकड़ा कांग्रेसी मौजूद थे।
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