क्वारेंटिंन किये गए लोग नहीं कर रहे नियमों का पालन
क्वारेंटिंन किये गए लोग नहीं कर रहे नियमों का पालन Sunil Saraswat

रतलाम : क्वारंटाइन किये गए लोग नहीं कर रहे नियमों का पालन

रतलाम, मध्यप्रदेश : कोरोना वायरस संक्रमित मुर्दा रतलाम में क्या दफन हुआ है, पूरे शहर की फिजां में पसरी दशहत।

राज एक्सप्रेस। कोरोना मृतक से संबंधित कई लोगों को जिला प्रशासन रतलाम ने शहर में कई अलग-अलग जगह, सर्वसुविधायुक्त होटल में कुछ दिनों के लिए क्वारंटाइन किया गया है, जो कि शहरवासियों व उनके स्वास्थ्य की दृष्टि से अति आवश्यक है। लेकिन इतना सब सुनने के बाद व समझाने के बाद भी ये लोग, क्वारंटाइन नियमो का पालन न करते हुए, नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए, इकट्ठे होकर मजे ले रहे है, जबकि उनको अलग-अलग रहना है ताकि अगर किसी एक भी कोरोना संक्रमण हो तो वह फैल न सके, लेकिन ये लोग प्रशासन द्वारा इतना समझाने के बाद भी नही समझ रहे हैं। हीरा पैलेस, अतिथि गार्डन में भी यही हालात है, जिसकी शिकायत, वहां के संचालक ने जिला प्रशासन को की है।

रतलाम की फिजा बिगाड़ने वालो को लक्झरी सुविधाएं!

कोरोना वायरस संक्रमित मुर्दा रतलाम में क्या दफन हुआ पूरे शहर की फिजां में दशहत पसर गई है। मुर्दे को रतलाम लाने और यहां लाकर दफनाने वालों की शिनाख्त प्रशासन ने कर ली है और इनमें ज्यादातर को उपचार और जरुरी परीक्षण के लिए अलग-अलग स्थानों पर रखा गया। जहां अफसरों की अपार मेहरबानी से ये फाईव स्टार सुविधाओं का उपभोग कर रहे हैं। प्रशासन ने शहर के आधा दर्जन मैरिज गार्डनों को अधिग्रहित किया है और पटरी पार इलाके के कुछ गार्डनों में उन लोगों को रखा गया है जो शव यात्रा में शामिल रहे या जो मृतक की लाश रतलाम लेकर पहुचे थे। अब बड़ा सवाल ये है कि जिन लोगों ने शांति और सुकून की जिंदगी जी रहे करीब तीन लाख लोगो को कोरोना वायरस के मुहाने पर खड़ा किया है उन्हे फाईव स्टार सुविधाएं क्यों दी जा रही हैं?

इनका दोष वर्षो तक माफी योग्य नही रहेगा, क्योंकि महामारी आपदा के बीच षडयंत्र पूर्वक एक फ़र्ज़ी पत्रकार संगठन के परिचय पत्र के बलबूते पर शव को लाकर रतलाम में दफन करना मानव बम जैसी घटना भी मानी जा सकती है। कानून की नजर में यह दोषी है तो इन्हें पटरी पार के विधायक सभागृह या किसी जनपद की धर्मशाला में ठहराने की बजाय पांच सितारा जैसे मैरिज गार्डन में ठहराना इनको गुनाह की सजा की बजाय उपकृत करने जैसा है कि, वाह- वाह आपने इन्दौर के मुर्दे को रतलाम लाकर दफन कर बहुत बड़ा उपकार किया है और अब आपको पांच सितारा होटलों में ठहरा कर वो सारी सुविधाएं दी जाएगी जो इस जनम में आप नहीं भोग पाएगे।

मैरिज गार्डनों में पहुचांए गए सभी लोग वही सब कर रहे हैं, जो सरकारी कर्मचारियो को परेशान करने की श्रेणी में आता है। घर में आधा लीटर पानी में चार दाने दाल के उबाल कर खाने वालों को यहां पनीर टिक्का की इच्छा जता रहे हैं। इन महारथियों की सेवा के लिए निगमकर्मी सहित स्वास्थ्य विभाग के लोग भी लगे हैं। आने वाले दिनो में ये शूरवीर मरेंगे- जिएंगे ये तो मालिक जाने मगर आने वाले दिनो में मैरिज गार्डन वालों के लिए अपने संस्थान को सैनिटाईज करना मंहगा सौदा पड़ेगा। बहरहाल रतलाम में जहर की पिचकारी चलाने वालों को सजा की बजाय मजा ले रहे हैं और 14-21 दिन यही सरकारी व्यवस्था का लुत्फ उठाते रहेंगे। आने वाले समय में इसी तरह की फाईव स्टार सुविधा के उपयोग की लालसा में फिर कोई इन्दौर, उज्जैन से मुर्दे लाकर रतलाम में दफन कर जाएगा।

ऐसे में भय जरुरी है, गलती की है तो सजा इन्हें अस्पतालों की चार दिवारी में सख्ती के बीच मिले ताकि फिर कोई रतलाम में चुपचाप मुर्दा जलाने और दफनाने की हिमाकत न करे। कोरोना के डर से घरों में दुबके जनप्रतिनिधियों को भी इस मामले को संज्ञान में लेकर फाईव स्टार सुविधाएं भोगने वालों को सजा लायक स्थानों पर शिफ्ट करवाना चाहिए।

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