आज उज्जैन में हुई सीएम कैबिनेट की बैठक में लिए गए ये फैसले- गृहमंत्री ने दी जानकारी
उज्जैन, मध्यप्रदेश। आज पवित्र धार्मिक नगरी उज्जैन में बाबा महाकाल के सानिध्य में सम्राट विक्रमादित्य प्रशासनिक संकुल भवन में कैबिनेट की बैठक हुई है। सीएम शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। बैठक में हुए अहम निर्णयों की जानकारी गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने ट्वीट कर दी है।
कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस वार्ता
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कैबिनेट बैठक में हुए अहम निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि, उज्जैन की पहचान ही महाकाल के नाम से होती है। इसी भाव का सम्मान करते हुए कैबिनेट ने यहां विकसित हो रहे कॉरिडोर का नाम ‘महाकाल लोक’ करने का निर्णय लिया है। वहीं, मां शिप्रा सदैव कल-कल बहें, इसके लिए विशेष परियोजना बनाए जाने को कैबिनेट ने सहमति दे दी है। इस परियोजना के तहत मां शिप्रा के घाटों को साबरमती रिवर फ्रंट की तरह विकसित किया जाएगा। इधर उज्जैन में हवाई पट्टी का विस्तार किया जाएगा। करीब 30 हेक्टेयर की जमीन पर बनी हवाई पट्टी 41 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित की जाएगी। इसके लिए जल्द ही जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
कैबिनेट की बैठक से पहले सीएम ने अपने सम्बोधन में कहा-
बता दें, आज सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यहां आयोजित कैबिनेट की बैठक से पहले अपने सम्बोधन में कहा कि महाकाल परिसर का विस्तार करने की योजना थी। इसके लिए प्रारम्भिक चरण में नागरिकों और मंदिर समिति के सदस्यों से चर्चा कर उनके सुझाव लेकर योजना बनाई गई। एक साल में डीपीआर प्रस्तुत होकर प्रथम चरण के टेंडर 2018 में बुलाए गए। सरकार बदलने के कारण काम सुप्तावस्था में चला गया, लेकिन भाजपा की सरकार बनते ही इसकी समीक्षा की गई।
इसके दो चरण तय किये, प्रथम चरण 351 करोड़ रुपये और दूसरे के लिए 310 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये। कई मकान विस्थापित किये गए, लेकिन उनको कष्ट न देते हुए 150 करोड़ रुपये की लागत से उन्हें विस्थापित किया। रुद्रसागर को पुनर्जीवित किया है। इसमें क्षिप्रा नदी का पानी रहेगा। मंदिर में लाइटिंग और साउंड सहित महाकाल पथ का निर्माण किया। दूसरे चरण में भी कई यहां काम पूर्ण होने हैं। सीएम ने कहा कि ये सभी कार्य महाकाल ही करवा रहे हैं। प्रदेश के लिए गर्व का विषय है कि PM मोदी 11 अक्टूबर को प्रथम चरण का उद्घाटन करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 200 वर्ष बाद ऐसा पहली बार मौका आया है कि सरकार सेवक के रूप में उज्जैन में बैठक कर रही है। आज का पहला निर्णय यही है कि महाकाल परिसर ‘महाकाल लोक’के नाम से जाना जाएगा। एक सैद्धांतिक फैसला ये है कि नर्मदा का जल सदैव क्षिप्रा में आएगा। कारखानों के दूषित जल को डायवर्ट करने का काम चल रहा है। क्षिप्रा नदी किनारे रिवर फ्रंट भी विकसित किया जाएगा जिससे उज्जैन का अलग रूप निखरेगा।
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