Seoni : बाघ ने किया गाय का शिकार, मौके पर वन अमला मौजूद

सिवनी, मध्यप्रदेश : गांव के नजदीक बाघ की दस्तक व मवेशी का शिकार करने के बाद से गांव में दहशत का माहौल है। सूचना के बाद मौके पर वन अमला पहुंच गया है।
बाघ ने किया गाय का शिकार
बाघ ने किया गाय का शिकारराज एक्सप्रेस, संवादाता

हाइलाइट्स :

  • बाघ की दस्तक से ग्रामीणों में दहशत का माहौल

  • वन विभाग ने ग्रामीणों को दी हिदायद

सिवनी, मध्यप्रदेश। वन परिक्षेत्र रूखड़ की जोगीवाड़ा बीट अंतर्गत आने वाले चक्कीखमरिया गांव में 9 जुलाई की सुबह बाघ ने खेत के पास गाय को शिकार बनाया। गांव के नजदीक बाघ की दस्तक व मवेशी का शिकार करने के बाद से गांव में दहशत का माहौल है। सूचना के बाद मौके पर वन अमला पहुंच गया है। मौके पर एकत्रित भीड़ को समझाइश देकर दूर कराया है।

गाय को 100 मीटर घसीटकर ले गया बाघ :

विकासखंड कुरई के अंतर्गत ग्राम चक्कीखमरिया निवासी राजकुमार पुत्र गेंदलाल चंदेल की गाय को गांव के शासकीय हाई स्कूल के पीछे खेत में बंधी हुई थी, जिसे बाघ ने अपना शिकार बनाया। शिकार करने के बाद बाघ गाय को करीब 100 मीटर घसीट कर ले गया। वहीं गाय के शरीर के पिछले हिस्से का कुछ मांस बाघ ने खाया है। 9 जुलाई की सुबह जब राजकुमार ने अपनी गाय को खेत में मृत देखा तो इसकी सूचना वन विभाग को दी।

वन विभाग ने ग्रामीणों को दी हिदायद :

मौके पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने गांव के लोगों को शिकार वाले स्थान से दूर रहने की हिदायत दी है। वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि बाघ ने शिकार करने के बाद थोड़ा ही मांस खाया है। इससे पूरी संभावना है कि बाघ दोबारा शिकार वाले स्थान पर आ सकता है। इसे देखते हुए कोई अनहोनी ना हो इसलिए वन विभाग के अधिकारियों ने गाय के मालिक व गांव के लोगों को शिकार वाले स्थान से कम से कम 500 मीटर दूर रहने की हिदायत दी है।

मौके से मिले बाघ के पंजों के निशान :

सूचना के बाद वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा। वहीं जोगीवाड़ा बीट के बीट गार्ड राजेंद्र सनोडिया ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों व पंचों की मौजूदगी में पंचनामा तैयार किया। निरीक्षण के दौरान बारिश की वजह से जमीन गीली होने के कारण बाघ के पंजे के निशान स्पष्ट नजर आए हैं। इसके बाद वन अमले ने प्रकरण तैयार करने की कार्रवाई की। पंचनामा कार्रवाई के दौरान गांव के सुखराम यादव, भीम चंदेल, धू्रव सिंह, रामधन सनोडिय़ा व युगल किशोर आदि मौजूद रहे।

वन अमले के द्वारा घटना स्थल की निगरानी :

शिकार की घटना के बाद मौके पर डिप्टी रेंजर, बीट गार्ड सहित अन्य वन कर्मी मौके पर पहुंच गए हैं। बाघ के दोबारा आने की संभावनाओं को देखते हुए वन अमला शिकार वाले स्थान से करीब 500 मीटर दूर बाघ पर नजर रखने के लिए डटा हुआ है। आक्रोश में आकर ग्रामीण कोई गलत कदम ना उठा ले इसलिए वन विभाग का अमला मौके पर मौजूद है।

टाईगर का आना-जाना लगा रहता है इस रास्ते से :

जोगीवाड़ा बीट के बीट गार्ड राजेंद्र सनोड़िया ने बताया है कि जिस जगह बाघ ने गाय का शिकार किया है उससे करीब 5 किलोमीटर दूर जंगल है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पूर्व में टाइगर इस स्थान से आते जाते थे। अब भी इस रूट से टाइगर का आना-जाना लगा रहता है। पिछले साल भी टाईगर ने चक्कीखमरिया गांव में मवेशियों का शिकार किया था।

इनका कहना है :

चक्कीखमरिया गांव में खेत के पास टाइगर ने गाय को शिकार किया है। मौके पर जाकर नजर रखी जा रही है। टाइगर ने गाय का थोड़ा ही मांस खाया है। इसके आधार पर टाइगर के वापस आने की संभावना है। इसलिए ग्रामीणों को शिकार वाले स्थान से दूर रहने की समझाइश दी गई है।

जेएस भलावी, सहायक वन परिक्षेत्र अधिकारी,वन परिक्षेत्र रूखड़

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