भोपाल : हाथों में गुस्से की मशालें, जुबां पर इंसाफ की मांग

भोपाल गैस त्रासदी को लेकर सालों बाद भी पीड़ितों का गुस्सा कम नहीं हुआ है, क्योंकि अब तक उन्हें न्याय नहीं मिल पाया है। बरसी की पूर्व संध्या-गैसपीड़ित संगठनों ने किये प्रदर्शन, आज भी होंगे आयोजन।
गैसपीड़ित संगठनों ने हाथों में मशालें लेकर किया प्रदर्शन
गैसपीड़ित संगठनों ने हाथों में मशालें लेकर किया प्रदर्शनRaj Express

भोपाल, मध्य प्रदेश। करीब 36 साल पहले 2 दिंसबर 1984 की सर्द रात शहर के हजारों लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले भोपाल गैस कांड़ की कड़वी यादें बुधवार को हादसे की पूर्व संध्या पर एक बार फिर ताजा हो गईं। बरसी से एक दिन पहले शहर में गैसपीड़ित संगठनों ने कई आयोजन किये, इस मौके पर शाम को मशाल जुलूस निकालकर एक बार फिर त्रासदी के शिकार लोगों को याद किया गया, और इंसाफ की आवाज बुलंद की गई। कहीं मशाल जुलूस निकला तो कहीं मृतकों की याद में मोमबत्तियां जलाईं गईं। भोपाल गैस त्रासदी को लेकर सालों बाद भी पीड़ितों का गुस्सा कम नहीं हुआ है, क्योंकि अब तक उन्हें न्याय नहीं मिल पाया है। बरसी से पहले यही आक्रोश फिर नजर आया। भोपाल ग्रुप फॉर एक्शन, भोपाल स्टेशनरी गैसपीड़ित संघ, महिला-पुरूष गैसपीड़ित मोर्चा और यूनियन कार्बाइड के खिलाफ बच्चे समेत प्रमुख गैसपीड़ित संगठनों ने विरोध प्रदर्शनों का अयोजन किया। इससे पहले मंगलवार को निराश्रित पेंशन भोगी मोर्चा ने गैसपीड़ित विधवाओं की एक साल से बंद पेेंशन शुरू कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था। इधर बुधवार को ही संभावना ट्रस्ट द्वारा गैस त्रासदी की बरसी के मौके पर हादसे के शिकार मृतकों और इस साल कोरोना के चलते अपनी जान गंवाने वालों को भी श्रद्वांजलि देेकर याद किया गया। इस मौके पर पीड़ितों के बेहतर इलाज का संकल्प भी लिया गया।

चिंगारी ट्रस्ट द्वारा बरसी पर पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया है, जो कि यूका के पास जेपी नगर में आज भी जारी रहेगी, इसमें त्रासदी के साथ ही पीड़ितों पर कोरोना महामारी के कहर को भी दिखाया गया है। इधर संभावना ट्रस्ट द्वारा त्रासदी के बरसी के मौके पर बड़ा खुलासा किया गया है, क्लिनिक द्वारा दावा किया गया है, पिछले 15 सालों में गैसपीड़ितों में बीमारियों का आंकड़ा तीन गुना तक बढ़ गया है, क्योंकि गैसपीड़ितों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, इसलिये वे हर बीमारी का आसान शिकार बन जाते हैं, कोरोना के दौरान भी यही हुआ है, और सबसे ज्यादा गैसपीड़ितों ने अपनी जान गंवाई है, जो कि सामान्य लोगों से साढ़े छह फीसदी ज्यादा है। बुधवार को बरसी से पहले शहर में गैसकांड़ त्रासदी पर कई आयोजन हुए।

सर्वधर्म प्रर्थना सभा आज गुरूवार को सरकार की तरफ से गैस त्रासदी के शिकार लोगों की याद में होने वाली सर्वधर्म प्रर्थना सभा का आयोजन सोशल डिस्टेंसिंग और गाइडलाइन का पालन करते हुए किया जाएगा। गौरतलब है, कि पहले इस सभा के आयोजन को रद्द करने का विचार था, लेकिन बाद में गैस राहत विभाग के मंत्री विश्वास सारंग के निर्देश पर सभा का आयोजन तय किया गया। इसके साथ ही शहर में गैसकांड की बरसी पर आज अन्य आयोजन भी होंगे।

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