राज एक्सप्रेस। मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा हर साल की भांति मध्य प्रदेश के सभी टाइगर रिजर्व में पर्यटन वर्ष की शुरूआत 1अक्टूबर से कर दी जाएगी, जिसके संबंध में पार्क में भ्रमण कराने वालों वाहनों का पंजीयन की तिथि 13 सितंबर 2019 व 14 सितंबर 2019 निर्धारित कर दी गई है, जिसके संबंध में हर साल की तरह पार्क प्रबंधन के पांच से सात अधिकारियों की टीम बनाकर सभी वाहनों के कागजात एवं वाहन निरीक्षण किए जाते हैं।
स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा नए वाहन जोड़ने का दिया गया आवेदन:
पिछले साल कुछ ग्रामीणों के द्वारा नए वाहनों को पंजीयन के लिए आवेदन दिया गया था, जो अभी भी पार्क प्रबंधन के यहां विचाराधीन है। इसके संबंध में स्थानीय जनों के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय में मामला विचाराधीन है, जबकि इस संबंध में जानकारी प्रबंधन के अधिकारियों से ली गई, तो प्रबंधन के मुखिया द्वारा बताया गया कि, गठित टीम के द्वारा जो निर्णय लिया जाएगा। उस आधार पर कार्य किया जाएगा।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पर्यटन भ्रमण कराने हेतु पंजीकृत :
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में पार्क पर्यटन भ्रमण कराने हेतु पूर्व से लगभग 174 वाहन पंजीकृत होते चले आ रहे हैं, जिन्हें पार्क प्रबंधन के द्वारा पुनः रिनुअल कर दिया जाता है।
बांधवगढ राष्ट्रीय उद्यान :
बांधवगढ राष्ट्रीय उद्यान मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है। यह वर्ष 1968 में राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था। यहां बाघ आसानी से देखा जा सकता है। यह मध्यप्रदेश का एक ऐसा राष्ट्रीय उद्यान है, जो 32 पहाड़ियों से घिरा हुआ है। यह भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। बांधवगढ़ उद्यान 448 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
बांधवगढ़ में देखने लायक स्थान :
किला : बांधवगढ़ की पहाड़ी पर 2 हजार वर्ष पुराना किला बना है।
जंगल : बांधवगढ़ का वन क्षेत्र विभिन्न प्रकार के वनस्पतियों और जन्तुओं से भरा हुआ है। जंगल में नीलगाय और चिंकारा सहित हर तरह के वन्यप्राणी और पेड़ हैं।
वन्यप्राणी : इस राष्ट्रीय उद्यान में पशुओं की 22 और पक्षियों की 250 प्रजातियाँ पाई जाती हैं। हाथी पर सवार होकर या फिर वाहन में बैठकर इन वन्यप्राणियों को देखा जा सकता है।
आरक्षित वन क्षेत्र : यह राष्ट्रीय उद्यान एक छोटा पार्क है, जो गठित होने के साथ ही खेलों से भरा हुआ है। बांधवगढ़ में बाघों की संख्या भारत में सबसे अधिक है। इस राष्ट्रीय उद्यान के महत्व और संभाव्यता को देखते हुए इसे 1993 में 'प्रोजेक्ट टाइगर नेटवर्क' में जोड़ा गया था।
मध्यप्रदेश को मिला टाइगर स्टेट का दर्जा :
आपको बता दें कि, मध्यप्रदेश को एक बार फिर टाइगर स्टेट का दर्जा मिल गया, तो वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के तीन टाइगर रिजर्व बेहतर प्रबंधन के साथ देश के पहले तीन स्थानों पर काबिज हुए हैं।
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