250 रूपये की रसीद बनवाकर लॉकडाऊन की धज्जियां उड़ा रहे व्यापारी

प्रशासन की लॉकडाऊन पालन कराने की कार्य प्रणाली के चलते व्यापारी 250 रूपये की रसीद बनवाकर धड़ल्ले से कर रहे हैं व्यापार, कोरोना योद्धा कही जाने वाली नायब तहसीलदार पर भी उठ रही है उंगलियांं।
250 रूपये की रसीद बनवाकर लॉकडाऊन की धज्जियां उड़ा रहे व्यापारी
250 रूपये की रसीद बनवाकर लॉकडाऊन की धज्जियां उड़ा रहे व्यापारीGopal Mavar

राजएक्सप्रेस। शहर कोरोना मुक्त तो फिलहाल हो गया है पर खतरा अभी टला नहीं है। प्रशासन द्वारा बार-बार शहरवासियों व दुकानदारों से लॉकडाऊन का पालन करने की अपील व कार्यवाही करने के बाद भी कुछ लोग मानने को तैयार ही नहीं हैं। अधिकारी भी इससे अब परेशान हो गए है। ऐसे लोगों पर प्रकरण दर्ज कराने की जगह सिर्फ चालानी कार्यवाही की जा रही जिससे कई दुकानदार तो 250 रूपये रसीद कटाकर 50 हजार का धंधा कर लॉकडाऊन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। अन्य शहरों से भी लोग शहर में आकर प्रवेश कर रहे हैं। इसको लेकर प्रशासन ने एक दल गठित किया है। वह ऐसे लोगों पर नजर रखेगा।

चौथे चरण का लॉकडाऊन का पालन कराना प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। लगातार चल रहे लॉकडाऊन के कारण लोग अब त्रस्त हो गए हैं। वैसे देखा जाए तो प्रशासन के अधिकारी भी ढिलाई बरतने लगे हैं। इसको लेकर अब शहर में लॉकडाऊन का पूरी तरह पालन नहीं हो पा रहा है। प्रशासन की कार्यवाही पर भी प्रश्न-चिन्ह लगने लग गए हैं। नियमानुसार यदि पहली बार कोई दुकानदार दुकान खोलता है तो उस पर जुर्माने की 100 से लेकर 250 रूपये की रसीद काटी जाना है। यदि दूसरी बार भी गलती करता है तो धारा 188 में प्रकरण दर्ज कराया जाना है। इसके बाद भी यदि नहीं मानता है तो प्रशासन को उसकी दुकान सील करने का अधिकार है। पर प्रशासन के अधिकारी सिर्फ जुर्माने की रसीद काटकर इतिश्री करने लग गए हैं।

मन बना लिया की रसीद कटवाकर करना है व्यापार :

प्रशासन की इस कार्यप्रणाली से दुकान खोलने के आदतन आदी कुछ व्यापारियों ने धंधा करने की कार्यप्रणाली बदल दी है। उनकी सोच बन गई है कि दिनभर व्यापार करना है तो 250 रूपये नपा को टेक्स देना है। नपा कर्मचारी व नायब तहसीलदार सिर्फ जुर्माने की कार्यवाही कर रहे हैं, जबकी नियमानुसार प्रशासनिक अधिकारियों को यह देखना है कि एक व्यक्ति की रसीद कितनी बार कटी है। यदि दो-तीन बार कटती है तो उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज की कार्यवाही करना चाहिए लेकिन वह भी इस और ध्यान नहीं देकर आदतन व्यापारियों को व्यापार करने की एक तरह से छूट दे रहे हैं।

3 हजार कमाएंगे तो 250 से फर्क नहीं पड़ रहा है :

रॉजीव कॉलोनी में फल के गोडाऊन हैं। उन्हें सिर्फ होम डिलेवरी की अनुमति एसडीएम आरपी वर्मा ने दे रखी है इसके बाद भी वह सड़को पर फल-फ्रूट के टोकरे खेरची व्यापार खुलेआम कर रहे हैं। एक व्यापारी दिनभर में 25 से 30 हजार रूपये से भी ज्यादा का व्यापार कर रहा है। यदि 10 प्रतिशत भी कमाई मानें तो 2 से 3 हजार रोज की कमाई करता है। तो 250 रूपये की रसीद बनवाना उसके लिए बड़ी बात नहीं है। नायब तहसीलदार जो शुरू से ही चर्चा में बनी है वह भी ऐसे लोगों पर कार्यवाही करने में क्यों कतरा रही है? यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

फोन कर बताया कि आप की कर रहे हैं शिकायत :

लॉकडाऊन की शुरूआत में नायब तहसीलदार की कार्यप्रणाली की चर्चा शहर में सिंघम के तौर पर होने लग गई थी। हालांकि उनकी कार्यशैली भी ऐसी ही थी। वह नई-नई बाजार में आई थी तब किसी से संबंध नहीं थे, इसलिए निष्पक्ष कार्यवाही कर रही थी। पर अब ऐसा लगता है कि इतने दिन में उनकी भी व्यापारियों से व अन्य लोगों से पहचान हो गई है, इसलिए भी कार्यवाही का तरीका बदल दिया है। यदि जान-पहचान का होता है तो वहां 100 रूपये की रसीद काटकर इतिश्री हो जाती है। आरोप तो यह भी लगने लगे हैं कि एक समाज के व्यापारियों पर कार्यवाही नहीं की जा रही है। मंगलवार को एक दुकान पर चालानी कार्यवाही करने पर जागरूक पत्रकारों ने नायब तहसीलदार से पान, गुटखा, सिगरेट बेचने वाले व्यापारी की शिकायत की वह उनके समाज का व्यक्ति था तो उसे तुरंत फोन कर बता दिया की यह लोग आपकी शिकायत कर रहे हैं। कई ऐसे दुकानदार भी है जो उनकी आड़ में अब खुलेआम व्यापार कर रहे हैं, यदि शिकायत होती है तो उन पर 100 से लेकर 250 रूपये की चालानी कार्यवाही की जाती है।

नही तो संभालना हो जाएगा मुश्किल :

एसडीएम, तहसीलदार व अन्य अधिकारियों की जागरूकता के कारण लॉकडाऊन का कड़ाई से पालन कराया तो इसके परिणाम सामने आए और शहर में कोरोना पैर पसार नहीं सका। यहां तक की 10 पॉजीटीव मरीज ठीक होकर भी घर लौट आए पर अब चौथे चरण में जो लॉकडाऊन पालन कराने की मैदानी अधिकारियों की कार्यप्रणाली है उससे ऐसा लगता कि यदि अब कोरोना की दस्तक हो जाए तो उसे संभालना आसान नहीं होगा। यदि वरिष्ठ अधिकारियों ने इस और ध्यान नहीं दिया तो पिछले इतने दिनों की मेहनत पर पानी फिरने की संभावना बन जाएगी।

इनका कहना :

यह बात सही है कि 17 मई के बाद बाजार में लोग दिखने लगे हैं। कुछ व्यापारी भी धंधा कर रहे है। 100 से 250 रूपये के जुर्माने से फर्क दिखाई नहीं दे रहा है। अब ऐसे दुकानदारों के खिलाफ प्रकरण दर्ज व दुकान सील की कार्यवाही की जाएगी।

आर. पी. वर्मा, एसडीएम, नागदा

ताज़ा ख़बर पढ़ने के लिए आप हमारे टेलीग्राम चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। @rajexpresshindi के नाम से सर्च करें टेलीग्राम पर।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com