कोरोना और डीजल के दामों की मार झेल रहा ट्रांसपोर्ट व्यापार

ग्वालियर, मध्य प्रदेश: कोरोना संक्रमण काल के कारण वैसे ही व्यापार काफी कम रफ्तार से चल रहा है ऐसे में डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्टरों पर दोहरी मार पड़ने लगी है।
कोरोना और डीजल के दामों की मार झेल रहा ट्रांसपोर्ट व्यापार
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हाइलाइट्स :

  • ट्रांसपोर्टरो के सामने संकट, कैसे करें नुकसान की भरपाई

  • भाड़े का किराया डीजल के प्रतिशत के हिसाब से बढ़ाने की तैयारी

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। डीजल के दामों में जिस तरह से उछाल आ रहा है उसके कारण महंगाई भी करंट मारने लगी है। डीजल के करंट से ट्रांसपोर्टरों को खासा झटका लगा है ओर उनके सामने भाड़ा बढ़ाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। कोरोना संक्रमण काल के कारण वैसे ही व्यापार काफी कम रफ्तार से चल रहा है ऐसे में डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्टरों पर दोहरी मार पड़ने लगी है। अब उनके सामने भाड़ा बढ़ाना ही एक मात्र रास्ता है। ट्रांसपोर्टरों ने डीजल के दाम कम करने की मांग तो की है, लेकिन उनको नहीं लगता कि ऐसा कुछ होगा।

कोरोना संक्रमण के दौर में व्यापार मात्र 20 प्रतिशत रह गया है। इसके कारण ट्रांसपोर्टरों को खासा नुकसान हो रहा है। दो माह तक ट्रकों के पहिए जाम रहने के बाद जब चलना शुरू हुए तो व्यापार कम था, इसके कारण भाड़ा काफी कम मिलता था। अब ट्रांसपोर्टरों के वाहनों की किस्त तो बराबर चल रही है साथ ही स्टॉफ का भी खर्चा देना पड़ रहा है। ऐसे में अब डीजल के दाम जिस तेजी से छलांग लगा रहे हैं उसके कारण ट्रांसपोर्टर खासी चिंता में आ गए हैं, क्योंकि डीजल की कीमत बढऩे से उनका खर्चा तो बढ़ गया है, लेकिन भाड़ा अभी पुरानी दर पर ही मिल रहा है। ट्रांसपोर्टरों ने अपनी चिंता से केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री को भी अवगत करा दिया है, कि अगर इसी तरह से डीजल की कीमत बढ़ती रही तो भाड़ा बढ़ाना पड़ेगा और अगर भाड़ा बढ़ाया तो महंगाई छलांग लगाने लगेगी।

लोकल का ट्रांसपोर्ट भी हुआ कम :

बाहर से आने वाले सामान को आसपास के जिलो में पहुंचाने के लिए जो छोटे ट्रक काम करते हैं वह भाड़ा बढ़ाने पर अड़े हुए हैं, लेकिन व्यापारी देने के लिए तैयार नहीं हैं। अपने खर्चे निकालने के लिए फिलहाल तो छोटे ट्रक पुरानी दर पर माल ले जाने का काम कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने भी भाड़ा जल्द बढ़ाने की तैयारी कर ली है। इसके पीछे उनका कहना है कि डीजल की कीमत जिस स्तर तक पहुंची है उसके कारण भाड़ा बढ़ाना ही पड़ेगा ओर इसकी मार आम उपभोक्ताओं पर सीधे पड़ेगी। ट्रांसपोर्टर सुनील माहेश्वरी का कहना है कि अगर डीजल के दाम नहीं घटाए तो इसका प्रभाव ट्रांसपोर्टरों पर पड़ेगा। इसके कारण उनका व्यापार काफी कम हो सकता है। माहेश्वरी का कहना है कि अगर तेल में महंगाई की आग इसी तरह से लगती रही तो कई ट्रांसपोर्टर तो अपने ट्रकों को बेचकर दूसरा व्यापार करने पर मजबूर हो सकते हैं।

अभी भाड़े की यह स्थिति :

  • दिल्ली से ग्वालियर - माल 20 टन - भाड़ा 24 हजार

  • मुंबई से ग्वालियर - माल 20 टन - भाड़ा 50 हजार

  • इंदौर से ग्वालियर - माल 20 टन - भाड़ा 24 हजार

भाड़ा बढ़ा तो यह होगी स्थिति :

  • दिल्ली से ग्वालियर 20 टन भाड़ा 28 हजार

  • मुम्बई से ग्वालियर 20 टन भाड़ा 58 हजार

  • इंदौर से ग्वालियर 20 टन भाड़ा 28 हजार

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