उज्जैन, मध्यप्रदेश। प्रदेश में महामारी का प्रकोप जहां बढ़ते संक्रमण के साथ अब भी जारी है तो वहीं संकट काल के बीच संक्रमण पर नियंत्रण रखने के प्रयास भी किए जा रहे हैं इस बीच ही महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग के क्षरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश सामने आते जा रहे हैं जिसे लेकर आज यानि मंगलवार को मंदिर के सरंचना की मजबूती काे जांचने के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की की चार सदस्यीय टीम उज्जैन पहुंची। जो जांच कर इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत करेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश किए जारी
इस संबंध में बताते चलें कि, महाकालेश्वर मंदिर के शिवलिंग क्षरण को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए मंदिर के स्ट्रक्चर की केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की से जांच कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी निर्देश दिए हैं कि इस जांच पर 41 लाख रुपए की व्यय राशि का भी भुगतान करें।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर विशेषज्ञों की टीम करेगी मंदिर का अवलोकन
इस संबंध में बताते चलें कि, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर तीन दिन तक विशेषज्ञों की टीम मंदिर के स्ट्रक्चर का अवलोकन करने के साथ पत्थरों और निर्माण सामग्री की जांच कर पता लगाएगी कि स्ट्रक्चर कितना मजबूत है। बता दें कि, इस विशेषज्ञों की टीम में रुड़की व दिल्ली से सीबीआरआई के 4 विशेषज्ञ डॉ. अचल मित्तल, डॉ. देबदत्त घोष, दीपक एस धर्मशक्तु और ऋषभ अग्रवाल शामिल हैं। टीम मंदिर के पत्थरों और निर्माण सामग्री की जांच के लिए ग्राउंड पेनेट्राटिंग रडार, थर्मल कैमरा और अन्य उपकरणों का उपयोग कर रही है। टीम यह उपकरण अपने साथ लेकर आई है।
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