बीमार कल्याण सिंह से नहीं मिलने का उमा भारती को अफसोस

भाजपा के कद्दावर नेता कल्याण सिंह इन दिनों बीमार चल रहे हैं, उनसे मिलने उमा भारती नहीं जा पा रही हैं। अपनी मजबूरी का जिक्र करते हुए उमा भारती ने कल्याण सिंह से नहीं मिलने पर अफसोस जताया है।
बीमार कल्याण सिंह से नहीं मिलने का उमा भारती को अफसोस
बीमार कल्याण सिंह से नहीं मिलने का उमा भारती को अफसोसSocial Media

भोपाल, मध्यप्रदेश। उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता कल्याण सिंह इन दिनों बीमार चल रहे हैं, उनसे मिलने मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती नहीं जा पा रही हैं। अपनी मजबूरी का जिक्र करते हुए उमा भारती ने कल्याण सिंह से नहीं मिलने पर अफसोस जताया है। दोनों पूर्व मुख्यमंत्री राम मंदिर आंदोलन में साथी रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हूं। मैं लखनऊ उनको मिलने नहीं आ पा रही हूं क्योंकि उत्तराखंड में गंगा किनारे मेरे गुरुजी के स्थान पर गुरु पूर्णिमा तक गंगा की अर्चना हो रही है जिसकी प्रमुख यजमान मैं स्वयं (उमा भारती) हूं। इसलिए मैं इस स्थान को गुरु पूर्णिमा तक छोड़ नहीं सकती।

कल्याण सिंह जी भाजपा के उन चंद नेताओं में से हैं जिनको आज की सशक्त भाजपा को बनाने का श्रेय जाता है। हिंदुत्व एवं पिछड़े वर्गों का मेल करना भाजपा के लिए असंभव था इसी मेल के कारण भाजपा केंद्र एवं राज्यों में अपनी सरकारें बना पाई है। जिन चंद नेताओं ने यह चमत्कार करके दिखाया उसमें यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री एवं मेरे पिता तुल्य बड़े भाई कल्याण सिंह जी प्रमुख रहे। पिछड़े वर्गों, दलित एवं हिंदुत्व के मेल को मैंने नाम दिया है राम रोटी। यही भारत के उत्कर्ष का मंत्र है तथा यही मंत्र भारत में राम राज्य लाएगा। इस राम रोटी की विचारधारा के अगुआओं में कल्याण सिंह जी प्रमुखता से रहे। मैं गंगा के किनारे से अपने पिता तुल्य बड़े भाई कल्याण सिंह जी के दीर्घायु होने की कामना करती हूं।

राम मंदिर आंदोलन के समय बना भाई-बहन का रिश्ता :

नब्बे के दशक के शुरुआती समय में कल्याण सिंह उप्र के मुख्यमंत्री थे, उस समय उमा भारती राम मंदिर आंदोलन का युवा चहेरा हुआ करती थीं। आंदोलन के दौरान उमा भारती और कल्याण सिंह के बीच भाई-बहन का रिश्ता बना और फिर प्रगाढ़ होता गया।

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