राज एक्सप्रेस। बच्चों का कुपोषण समाज के लिए कलंक हैं, कुपोषण का शत - प्रतिशत निराकरण करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारी रणनीति बनायें तथा उन पर अमल करते हुए बच्चों को कुपोषण से बाहर लाये। कलेक्टर ने यह बात ग्राम पंचायत कछरवार में 'आपकी सरकार आपके द्वार' कार्यक्रम के तहत आयोजित चौपाल के दौरान महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि गांव के पांच बच्चे कुपोषण की श्रेणी में हैं जिन्हें पूर्व में एनआरसी में भर्ती भी कराया गया था। अब वे पुनःकुपोषण की श्रेणी में चले गये हैं। जिस पर कलेक्टर श्री स्वरोचिष सोमवंशी चल पड़े कुपोषित बच्चों का हाल जानने ।
कलेक्टर ने दिया निर्देश :
कलेक्टर ने एएन एम, आँगनबड़ी कार्यकर्ता तथा पंचायत सचिव को निर्देशित किया कि ऐसे परिवारों तथा बच्चों एवं माताओं की नियमित मॉनीटरिंग की जाए तथा उन्हें कुपोषण से बाहर लाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। आपको बताते चलें कि उमरिया जिले में लगभग 83% जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। जिले में व्यापक जंगल हैं, जिनका कुल क्षेत्रफल का लगभग 42% भाग केवल वनों से आच्छादित है।
पौष्टिक भोजन देने की समझाइश :
कलेक्टर ने अति कुपोषित चार वर्षीय स्वर्णलता जिसका वजन 10 किलो ग्राम था जिसे 12 किलो ग्राम होना चाहिए की माता पूजा रजक तथा पिता सुशील रजक के घर जाकर मुलाकात की। उन्होंने अभिभावकों को कुपोषित बच्चे को एनआरसी में भर्ती कराने तथा वहां के चिकित्सकों द्वारा बताई गई डाईट के अनुसार बच्चे को पौष्टिक भोजन देने की समझाइश दी। इसी तरह एक वर्षीय आकृति प्रजापति की मां अंजू प्रजापति तथा पिता पुष्पेंद्र प्रजापति को भी बच्चे की देखरेख करने, एनआरसी में भर्ती कराने एवं पौष्टिक आहार देने की समझाइश दी।
इनकी रही उपस्थिति :
इस अवसर पर जिला कलेक्टर उमरिया सहित जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश श्रीवास्तव अन्य अधिकारियों की उपस्थिति रही ।
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