पुलिया निर्माण में एस्टीमेट से हुआ खिलवाड़
पुलिया निर्माण में एस्टीमेट से हुआ खिलवाड़राज एक्सप्रेस, संवाददाता

Umaria : पुलिया निर्माण में एस्टीमेट से हुआ खिलवाड़

उमरिया, मध्यप्रदेश : चांदपुर ग्राम पंचायत के सभी शासकीय निर्माण कार्यों का यदि ऑडिट कराया जाए तो जमीनी हकीकत मे कई विकास कार्य गायब भी मिल सकते हैं..?

हाइलाइट्स :

  • चाँदपुर ग्राम पंचायत में सचिव की मनमानी।

  • कमीशन बाजी की भेंट चढ़ा पुलिया व सड़क निर्माण।

Summary

पाली जनपद के अन्तर्गत चाँदपुर ग्राम पंचायत में पुलिया व सड़क निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है, यहां एस्टीमेट को दरकिनार कर पुलिया व सड़क निर्माण कराया गया, जिसमें 25 प्रतिशत भी शासन की राशि खर्च नहीं की गई है, निर्माण की औपचारिता निभाकर सरकारी राशि का बंदरबांट किया गया है।

उमरिया, मध्यप्रदेश। जिला अंतर्गत पाली-2 जनपद के ग्राम पंचायत चांदपुर में शासकीय निर्माण कार्यों में जमकर अनियमितताएं की जा रही हैं। चांदपुर ग्राम पंचायत के सभी शासकीय निर्माण कार्यों का यदि ऑडिट कराया जाए तो जमीनी हकीकत में कई विकास कार्य गायब भी मिल सकते हैं..? यदि बात सिर्फ उक्त ग्राम पंचायत अंतर्गत कलेक्टर मद से निर्माणाधीन हनुमान मंदिर पहुंच मार्ग में करीब 14 लाख 98 हजार की लगात से बने सड़क और रेल लाइन के पास करीब 15 लाख की लागत से निर्माणाधीन कल्वर्ट पुलिया की करे और किसी बड़े प्रशासनिक अधिकारी द्वारा स्वयं जांच की जाए तो मालूम होगा कि किस तरह भ्रष्टाचार रुपी दीमक चांदपुर जैसे आदिवासी क्षेत्रों के लिए आए विकास कार्यों की राशि को मिट्टी पलीत कर रहे हैं।

जिम्मेदार भी शामिल :

पंचायत कर्मी और पंचायत के एक मुख्य जनप्रतिनिधि ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चांदपुर पंचायत अंतर्गत वर्तमान में हुए और हो रहे सड़क और कल्वर्ट पुलिया निर्माण में करीब 25 से 30 प्रतिशत की कटौती हो रही है, अब यहां सवाल उठ रहे हैं कि आख़िरकार यह 25 से 30 प्रतिशत किस-किस तथा कथित जिम्मेदारों तक पहुंचाया जा रहा है। सूत्रों द्वारा बताया जा रहा है कि उक्त दोनों कल्वर्ट पुलिया में रॉड सहित बांकी के निर्माण सामग्री लगाने में मनमानी की गई है, कथित तौर पर ऐसा अक्सर होता है कि चांदपुर का सहायक सचिव किसी बड़े नेता से अपने संबंध बता कर बांकी पंचायत कर्मियों और और पंचायत के जनप्रतिनिधियों को एक अघोषित भय शाये में रखता है। जिसकी जांच आवश्यक है!

निर्माण की गाइड लाईन की अनदेखी :

यही हाल पंचायत अंतर्गत के सचिवों का है जिनसे बीते पूर्व में किसी गड़बड़ी के मामले में वित्तीय प्रभार छीन लिया गया था बताते हैं कि बीते दो महिने पहले ही चांदपुर सचिव रवि तिवारी का वित्तीय प्रभार बहाल किया गया है! इसके बाद फिर से ऐसी गड़बड़ियां शुरू हो गईं। गौरतलब है कि चांदपुर पंचायत अंतर्गत पुलिया निर्माण मे एस्टीमेट में तय मैटेरियल, स्ट्रक्चर आदि को धता बता कर कार्य किया जाना मालूम पड़ रहा है यदि ऐसा नहीं है तो निर्माण एजेंसी द्वारा रॉड, सीमेंट आदि के साथ-साथ पानी से तराई में कटौती क्यों की जा रही है।

अधिकारियों को कमीशन से मतलब :

उपयंत्री, सहायक यंत्री जैसे अधिकारी जांच भी करने आते हैं तो कार्यों की घटिया गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं दिखता है सिर्फ इनके द्वारा खाना पूर्ति किया जाता हैं। निर्माण कार्यों की गुणवत्ता कहां अटकी हुई है समझ में नहीं आता, यदि उक्त पंचायत क्षेत्र के सभी ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों का जिला कलेक्टर और अधिकांश ग्रामीणों की मौजूदगी में ऑडिट होता रहे तो सरपंच, सचिव और सहायक सचिव जैसे जमीनी जिम्मेदार भी गड़बड़ी करने से डरेंगे।

इनका कहना है :

सचिव की लापरवाही की शिकायत पहले भी हो चुकी है, जिसमें उसके खिलाफ कार्यवाही भी की गई थी, फिर मामला संज्ञान में आया है, जांच कर कार्यवाही अवश्य की जायेगी।

अंशुल गुप्ता, सीईओ, जिला पंचायत, उमरिया

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