"आगे पाठ-पीछे सपाट" की तर्ज पर एनएच का निर्माण
"आगे पाठ-पीछे सपाट" की तर्ज पर एनएच का निर्माणRaj Express

Umaria : "आगे पाठ-पीछे सपाट" की तर्ज पर एनएच का निर्माण

उमरिया, मध्यप्रदेश : निर्माण के कुछ माहों में एनएच-43 में पड़ रही दरारें। सूचना पटलों के आभाव में बढ़ा दुर्घटनाओं का ग्राफ।
Summary

शहडोल से उमरिया के बीच एनएच-43 का निर्माण 6 वर्षाे में भी पूरा नहीं हो सका, जो निर्माण हुआ भी है, वह "आगे-आगे पाठ, पीछे-पीछे सपाट" की तर्ज पर होता दिख रहा है, निर्मित सड़क में कई जगहों से दरारे और टूट नजर आ रही है, जो दुर्घटनाओं का कारक बन रही है।

उमरिया, मध्यप्रदेश। वर्ष 2015 में उमरिया से शहडोल सड़क निर्माण के लिए जीव्हीआर कंपनी को ठेका दिया गया था, नेशनल हाइवे-43 का हिस्सा जगह-जगह दोफाड़ हो रहा है। 333 करोड़ की सीसी रोड में हर कदम पर आई दरारे खुद ब खुद गुणवत्ता से हुए खिलवाड़ की कहानी कह रही है। अब सड़क में मरम्मत के नाम पर भी लीपापोती का खेल कर सीसी रोड में डामर के थिगड़ो का पैबंद लगाया जा रहा हैं। निर्माण की भांति मरम्मत मे भी नियम शर्तो को दरकिनार है। सीसी रोड में मरम्मत के नाम पर जगह-जगह लोहे की सरिया से दरारों के दोनों ओर स्टेचिंग करके डामर भरा जा रहा है। गर्मी और बारिश में बार-बार दरारों का डामर बाहर आ रहा है, इससे दरारों में दो पहिया वाहनो के फिसलने की आशंका बढ़ रही हैं।

अवैध रूप से दिया गया लाभ :

उमरिया-शहडोल राष्ट्रीय राजमार्ग 43 के अपग्रेडेशन का कार्य पूर्व में जीबीआर कंपनी को मिला था, लेकिन विभाग के उच्च अधिकारियों एवं तत्कालीन मंत्रियों के बीच अच्छी पैठ का फायदा उठाते हुए तिरुपति कंस्ट्रक्शन ने यह काम हथिया लिया। जानकारों की मानें तो इस निर्माण कार्य को हथियाने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी की है और तिरुपति कंस्ट्रक्शन को अवैध रूप से निर्माण कार्य का जिम्मा थमा दिया।

गुणवत्ता पर उठे सवाल :

एमपीआरडीसी द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग के नवीनीकरण हेतु दो अलग अलग कार्य स्वीकृत किए गए थे, जिनमें पहला कार्य कटनी से उमरिया एवं दूसरा उमरिया से शहडोल मार्ग निर्माण का था। तिरूपति कांस्ट्रक्शन कंपनी उमरिया से शहडोल राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण कर रही हैं। तकनीकी मापदण्डों के इतर घटिया सामग्री एवं मिश्रण का इस्तेमाल करते हुए सरकारी राशि की बंदरबाट की जा रही है। इस मामलें में विभाग के आला अधिकारी अपना कमीशन लेकर चुप बैठे हुए है और आम जनता को हो रही असुविधा से किसी को सरोकार नही रह गया है।

संपदा का अनुचित दोहन :

सड़क निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा सड़क आस-पास के संसाधनों का अवैध रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है। पुलिया निर्माण में नदी नालों का पानी बिना अनुमति के इस्तेमाल करने के साथ साथ मिट्टी, मुरूम एवं पत्थरों का इस्तेमाल कर ठेकेदार द्वारा निर्माण कार्य की गुणवत्ता खराब की जा रही है, इसके अलावा आस पास ही मौजूद रेत का भी अवैध रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है। स्वीकृत किए गए इन कार्यों का टेण्डर उपरांत निर्माण कार्य संबंधित ठेकेदारों द्वारा शुरू किया गया और कटनी से उमरिया मार्ग कथलिया कन्ट्रक्शन द्वारा पूर्ण कर लिया गया, लेकिन उमरिया से शहडोल मार्ग अभी भी लोगों के लिए मुसीबत बना हुआ है।

बढ़ा दुर्घटनाओं का ग्राफ :

बीते 6 सालों से सड़क का निर्माण प्रगति पर है, यह प्रगति कितनी तेज हैं, इसका अंदाजा वर्ष 2015 में हुए निर्माण और बीते 6 वर्षाे के दौरान हुए निर्माण को देखकर लगाया जा सकता है, उमरिया और शहडोल के बीच की सड़क 6 वर्षाे के दौरान धूल-गड्ढों का पर्याय बन चुकी है, इन 6 वर्षाे में दर्जन से अधिक मौतें, सैकड़ों दुर्घटनाएं और धूल के गुब्बारे अब राहगीरों की आदत में आ चुके हैं, टीबीसीएल के द्वारा किया जा रहा निर्माण कार्य अभी कब तक पूरा होगा, यह कहना मुश्किल है।

इनका कहना है :

पहले सड़क का काम पूरा हो जाये, जहां कहीं भी गुणवत्ता में कमी होगी, हैण्ड ओव्हर लेने से पहले पूरा करवा लेंगे।

डी.के. स्वर्णकार, जीएम, मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम, शहडोल

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