आदिवासी समाज देश की बहुरंगी संस्कृति का संरक्षक है: उपराष्ट्रपति धनखड़
जबलपुर, मध्यप्रदेश। भारत के उपराष्ट्रपति धनखड़ के मुख्य अतिथ्य और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विशेष उपस्थिति में आज वेटरनरी कॉलेज मैदान में ‘बलिदान दिवस कार्यक्रम’ का आयोजित किया गया। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल और लोक निर्माण विभाग मंत्री गोपाल भार्गव सहित अन्य नेता मौजूद रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, देश के स्वतंत्रता संग्राम में जनजातीय जननायकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, परंतु दुर्भाग्यवश उन्हें इतिहास में वो स्थान नहीं मिल पाया, जिसके वो हकदार थे। हमें उन वीर महापुरुषों द्वारा देश की आजादी के लिए किए गए संघर्ष और त्याग को समाज के सामने लाना चाहिये।
इस कार्यक्रम में आज भारत के उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि मध्यप्रदेश की पावन धरा पर जन्मे वीर शिरोमणि राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस पर उन महानायकों को नमन करते हैं। ये उन जैसे बलिदानियों का ही प्रताप है कि आज हम एक स्वतंत्र भारत मे सांस ले पा रहे हैं और अपनी नियति खुद तय कर पा रहे हैं। भारत की बहुरंगी संस्कृति में हमारे आदिवासी समुदायों का विशिष्ट स्थान है। सादगी भरा जीवन, प्रकृति से प्रेम और लोक संगीत की मधुर गूंज उन्हें सबसे अलग बनाती है। आदिवासियों के बिना भारत की आत्मा अधूरी है।
आदिवासी समाज देश की बहुरंगी संस्कृति का संरक्षक है। यह वर्ग बदलते हुए भारत की नई उम्मीद है।
मुख्यमंत्री के मन में जनजातीय विकास की ललक और तड़प है : उपराष्ट्रपति धनखड़
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान के मन में जनजातीय विकास की ललक और तड़प है। वे जनजातीय वर्ग के उत्थान के लिए हर पहलु पर कार्य कर रहे हैं। उनके प्रयास हैं कि पूरा जनजाति समुदाय गर्व और सम्मान के साथ जीवन यापन कर सकें। उप राष्ट्रपति ने कहा कि वे आज धन्य हो गए, आज का दिन वे कभी नहीं भूलेंगे। वे राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ शाह को नमन करते हैं और मध्यप्रदेश की भूमि को भी नमन करते हैं।
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