Waraseoni : सफाईकर्मियों के साथ हड़ताल पर बैठे सीएमओ चौधरी

वारासिवनी, मध्यप्रदेश : हमेशा सुर्खियों में रहने वाली जिले की वारासिवनी नगरपालिका परिषद एक बार फिर चर्चाओं में है। सफाई कर्मियों की पीड़ा जानने के बाद सीएमओ खुद हड़ताल पर बैठ गए।
सफाईकर्मियों के साथ हड़ताल पर बैठे सीएमओ चौधरी
सफाईकर्मियों के साथ हड़ताल पर बैठे सीएमओ चौधरीRaj Express

हाइलाइट्स :

  • नपा के पास रुपये नहीं, तो वेतन कहॉ से दे : चौधरी सीएमओ

  • वेतन न मिलने से पालिका के सफाई कर्मचारी बैठे हड़ताल पर।

  • धनतेरस पर सफाई व्यवस्था ठप्प।

  • नगर में चारों तरफ गंदगी का अंबार।

वारासिवनी, मध्यप्रदेश। हमेशा सुर्खियों में रहने वाली जिले की वारासिवनी नगरपालिका परिषद एक बार फिर चर्चाओं में है। दरअसल नगरपालिका परिषद के सफाई कर्मचारियों को पिछले 2 माह से वेतन ना मिलने से आक्रोशित होकर 2 नवम्बर से नगर पालिका के सामने टेंट लगाकर हड़ताल प्रारम्भ कर दी है। जिससे नगर में जगह-जगह कचरा पड़ा हुआ दिखाई दिया। हड़ताल की सूचना कर्मचारियों द्वारा गत दिवस पालिका के सीएमओ राधेश्याम चौधरी को दे दी थी। वहीं सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से धनतेरस होने के बावजूद नगर में चारों तरफ बिखरे हुए कचरे ने त्यौहार की रौनक को फीका कर दिया है।

लॉकडाउन की मार और दीपावली का त्यौहार : नन्दू

सफाई कर्मी नन्दू पांडे ने बताया कि पिछले कुछ सालों में कोरोना के चलते वैसे भी आम नागरिकों का जीना मुहाल हो गया है। गरीब लोग दो वक्त का भोजन भी सही ढंग से नहीं खा पा रहे हैं। वहीं लॉकडाउन के कारण जिन गरीब परिवारों ने साहूकारों से कर्ज लिए थे। अब वह साहूकार भी परेशान कर रहे हैं। कल दीपावली का त्यौहार है, उसके बाद भी नगरपालिका द्वारा मात्र एक ही माह का वेतन दिया गया है। जो कि गलत है, कम से कम हमें दो माह का वेतन दिया जाना चाहिए।

दो माह से वेतन न मिलने से नहीं दे पा रहे लोगों से लिया हुआ कर्ज : माधुरी

माधुरी महानन्दे ने नपा सीएमओ राधेश्याम चौधरी को बताया कि उन्हें पिछले 2 माह से नपा द्वारा वेतन नहीं दिया जा रहा हैं। जिससे उनके समक्ष आर्थिक तंगी उत्पन्न हो गई हैं, वेतन ना मिलने की वजह से वे अपने परिवार का भरण पोषण ठीक ढंग से नहीं कर पा रही हैं। दुकान वाले अधिक उधारी हो जाने की वजह से उधारी में सामान देने से भी मना कर रहे हैं। परिवार चलाने के लिए उन्होंने साहूकारों से रुपये उधार लिए हैं। जो उधार चुकाने हमें प्रताडि़त करते हैं। नियमित रूप से ईमानदारी से कार्य करने के बावजूद भी हमें 2 माह से वेतन नहीं दिया जा रहा हैं। ऐसी स्थिति में हमारे पास काम बंद हड़ताल करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है।

सफाई कर्मी की पीड़ा को देखकर खुद बैठ गए नपा सीएमओ हड़ताल पर :

नगरपालिका सीएमओ राधेश्याम चौधरी को जैसे ही हड़ताल की सूचना मिली, वह तत्काल नपा पहुँचे। उन्होंने हड़ताल में बैठे हुए सफाईकर्मियों को समझाने का प्रयास किया। मगर सफाई कर्मियों ने अपनी पीड़ा सीएमओ को बताई। जिसके बाद नपा सीएमओ ने नपा के पास राशि नहीं होने का हवाला दिया। जिसके बाद सफाई कर्मी नहीं माने, तो सीएमओ राधेश्याम चौधरी खुद उनके साथ लगभग 1 घण्टा हड़ताल पर बैठ गए और सफाई कर्मियों को समझाने का प्रयास किया। सफाई कर्मियों ने कहा कि जब तक वेतन नहीं मिलती, हम हड़ताल पर ही रहेंगे।

क्षमता से अधिक कर्मचारियों की है नपा में भर्ती :

विदित हो कि वारासिवनी नगरपालिका में क्षमता से अधिक कर्मचारियों की नेताओं और अधिकारियों द्वारा मनमाफिक भर्ती कर ली गई है। इनमें से कई कर्मचारी नपा के रजिस्टर में जाकर हाजरी लगाने के बाद कार्य से गायब रहते हैं। कई कर्मचारी तो तनख्वाह नपा से लेते हैं और कार्य अन्य करते हैं। नपा में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों में से आधे से अधिक तो सिर्फ दिखावे के लिए नपा में लगे हैं। बाकी इनके काम देखें, तो कोई बस की एजेंटी कर रहा है, कोई अपनी दुकानदारी कर रहा है, कोई प्रॉपर्टी का धंधा कर रहा हैं, तो कोई अन्य कार्यो में व्यस्त हैं।

ऐसे कर्मचारियों की जाँच कर उनकी छंटनी करनी चाहिए। लेकिन ना तो सीएमओ, ना ही नपा प्रशासक इनकी छंटनी करने की हिम्मत जुटा पा रहे हैं। परिणामत: नपा पर बीते कई वर्षों से आर्थिक बोझ बेतहाशा बढ़ता जा रहा है और कर्मचारियों को नियमित वेतन देने में मुश्किलें उठानी पड़ती हैं।

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