अगले दो दिन छाए रहेंगे राहत के बादल, नहीं बढ़ेगा पारा
अगले दो दिन छाए रहेंगे राहत के बादल, नहीं बढ़ेगा पाराSocial Media

अगले दो दिन छाए रहेंगे राहत के बादल, नहीं बढ़ेगा पारा

मई शुरू होते ही मौसम के मिजाज में हेरफेर शुरू हो गया है। सिस्टम बनने से राजधानी सहित प्रदेश में अनेकों स्थानों पर बादलों की आवाजाही बनी हुई है। जिससे तापमान बढ़ने के सिलसिले पर ब्रेक लग गया है।

भोपाल, मध्यप्रदेश। मई का महीना शुरू होते ही मौसम के मिजाज में हेरफेर शुरू हो गया है।  सिस्टम बनने से राजधानी सहित प्रदेश में अनेकों स्थानों पर बादलों की आवाजाही बनी हुई है। जिससे तापमान बढ़ने के सिलसिले पर ब्रेक लग गया है। इसी क्रम में सोमवार को चढ़ते पारे पर ब्रेक लग गया। दिन का पारा करीब एक डिग्री लुढ़क गया। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक अगले दो दिन बादलों की आावाजाही बनी रहने से पारे में बढ़ोत्तरी नहीं होगी और गर्मी के तेवर फिलहाल तीखे नहीं होंगे और लू नहीं चलेगी।

यह सिस्टम सक्रिय :

मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि मई के महीने तापमान के साथ ही मौसम के मिजाज में भी अप-डाऊन होता रहता है। प्री मानसून गतिविधियों के होने से बीच-बीच में बौछारें भी पड़ती हैं। वर्तमान में दक्षिण-पूर्वी मध्यप्रदेश से लेकर उत्तरी तमिलनाड़ तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। इसके अलावा दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। इन दोनों सिस्टम की मौदूगी के चलते सोमवार रात तक शहर में हल्की बूंदाबंदी हो सकती है। लेकिन बादलों की तांक-झांक अगले दो दिन बनी रहेगी। जिसके कारण तापमान नहीं बढ़ेगा और तेज गर्मी से राहत रहेगी। सिस्टम के समाप्त होने पर एक बार फिर से गर्मी के तेवर तीखे हो सकते हैं।

मिलाजुला रहता है माह मई का मौसम, गर्मी के तेवर भी होते हैं सख्त :

इस माह में भोपाल में सर्वाधिक गर्मी पड़ती है। सबसे अधिकतम तापमान भी अभिलेखित किया जाता है। सतही हवाएं सामान्यत: पश्चिम तथा उत्तर-पश्चिम से आती है। कभी कभी दोपहर के बाद हवा के तेज हो जाने से दिन असुविधाजनक हो जाते हैं। कभी-कभी गर्जन के साथ वर्षा हो जाने से ठंडी हवाएं चलती है, जिससे तापमान कम हो जाता है एवं अस्थाई आराम प्राप्त होता है।

अप्रैल के अंतिम सप्ताह का सामान्य औसत तापमान 40.7 डिग्री सेल्सियस होता है जो माह के अंत तक कायम रहता है। औसत न्यूनतम तापमान 25.0 से 27.0 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है जिससे रातें असुविधाजनक होती है। भोपाल शहर कभी-कभी लू से प्रभावित होता है जिसकी औसत सं या 3 से 4 है। यह माह सामान्यत: शुष्क रहता है। माह की औसत वर्षा 19.8 मिमी और वर्षाके दिनों की औसत से 1.6 दिन है । गर्जन होने वाले दिनों की औसत सं या 2.4 है, जो सामान्यत: अल्पकालीन झझा से जुड़ी हुई होती है। गर्जन की घटना के साथ हल्की वर्षा से तापमान में कमी आती है, जिसकी वजह से राहत महसूस होती है।

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