इंदौर : शहर के लिए क्यों जरुरी हो गया है ऑपरेशन चेतन ?

करीब दो साल पहले पुलिस ने नाबालिग वाहन चलाने वालों के लिए आपरेशन चेतन शुरु किया था। इसका काफी असर भी हुआ था। शहर के हालात देखते हुए अब ऐसा लगने लगा है कि आपरेशन चेतन फिर से शुरु होना चाहिए।
शहर के लिए क्यों जरुरी हो गया है आपरेशन चेतन..?
शहर के लिए क्यों जरुरी हो गया है आपरेशन चेतन..?सांकेतिक चित्र

इंदौर, मध्य प्रदेश। अनलॉक के बाद पुलिस ने आपरेशन क्राइम कंट्रोल चलाया और कई गुंडे-बदमाशों को सलाखों के पीछे कर दिया है। अपराधियों पर अंकुश लगाने वाले इस अभियान से आम जनता को कुछ राहत मिली है। इन दिनों सड़कों पर कई नाबालिग वाहन चालक धड़ल्ले से वाहन दौड़ाते दिख रहे हैं। इस तरह के वाहन चालक खुद तो अपनी जान जोखिम में डालते हैं इनके आसपास के वाहन चालक की जान भी खतरे में आ जाती है। करीब दो साल पहले पुलिस ने ऐसे नाबालिग वाहन चलाने वालों के लिए आपरेशन चेतन शुरु किया था। इसका काफी असर भी हुआ था। शहर के हालात देखते हुए अब ऐसा लगने लगा है कि ऑपरेशन चेतन फिर से शुरु होना चाहिए।

क्या था ऑपरेशन चेतन :

शहर में नाबालिग वाहन चालक खुद का जीवन तो खतरे में डालते हैं दूसरे वाहन चालकों की भी जान आफत में डाल देते हैं। अगस्त 2018 में तात्कालीन डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र के निर्देश पर एक सप्ताह तक इस तरह के नाबालिग वाहन चालकों के खिलाफ अभियान चलाया था। इस दौरान 253 नाबालिगों को वाहन चलाते हुए पकड़ा गया। पुलिस ने इन नाबालिगों के पालकों के चालान बनाए और उन्हें बुलाकर नाबालिगों को वाहन नहीं देने की समझाइश दी थी। इस अभियान के दौरान 70 वाहन भी जब्त किए गए। आज डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने फिर से पुलिस की कमान है। करीब दो साल पहले चलाए गए आपरेशन चेतन को अब फिर से चलाया जाना बेहद जरुरी हो गया है।

नाबालिग वाहन चालक: बेहद डरावना सच

नाबालिग वाहन चालकों की समस्या कोई नई नहीं है। सालों से ये चिंता का विषय बना हुआ है। 2016 में जनवरी से जून तक नाबालिग वाहन चालकों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया था। प्रदेश स्तर पर चले इस अभियान के दौरान बेहद डरावना सच सामने आया था। मध्य प्रदेश में इस दौरान 5 लाख 38 हजार 109 नावालिग वाहन चलाते हुए पकड़े गए। सबसे बड़ी चिंता की बात तो ये है कि इसमें इंदौर जोन के सबसे ज्यादा नाबालिग वाहन चालक थेे। इंदौर जोन में इस दौरान 1 लाख 45 हजार 650 नाबालिग वाहन चालक पकड़े गए। 2016 में ये हालात थे तो आज क्या हालात होंगे इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। शहर में नाबालिग वाहन चालक भी सबसे बड़ी समस्या है। यदि नाबालिग हादसे का शिकार होते हैं तो ट्रैफिक व्यवस्था को दोष दिया जाता है। स्कूल जाने वाले नाबालिग छात्र-छात्राएं अक्सर दो पहिया वाहन से स्कूल जाना पसंद करते हैं। नाबालिग वाहन चालकों के प्रति सख्त कार्रवाई नहीं होने का ही परिणाम है कि मैजिक और कार तक चलाते हुए नाबालिग आसानी से दिखाई देते हैं। कुछ नाबालिग रईसजादे तो अपने दोस्तों के साथ कार तक चलाते हुए देखे जाते हैं। कई बार तो ये रईसजादे नशे में भी कार चलाते हैं जो बेहद खतरनाक है।

ऐसे नाबालिग जिनका वाहन चलाना बना मौत का सबब :

शहर में नाबालिग वाहन चलाने वालों के कुछ मामले ऐसे भी सामने आ चुके हैं जिनमें वे मौत का भी शिकार हो चुके हैं। आए दिन सड़कों पर नाबालिग वाहन चालक तेजी से वाहन चलाते हुए दिखाई देते हैं। कई नाबालिग तो प्रमुख मार्गों पर बाइक के साथ स्टंट करते हुए भी दिखते हैं। इसके साथ ही मैजिक चलाते हुए भी नाबालिग वाहन चालक पकड़े जा चुके हैं। कुछ प्रमुख मामले इस प्रकार हैं।

12 मार्च 2020 को शिवाजी नगर में हुए सड़क हादसे में दो नाबालिग छात्रों की मौत हो गई। 10 वीं के तीन छात्र एक बाइक पर सवार थे। उनकी तेज रफ्तार बाइक शिवाजीनगर में असंतुलित होकर डिवाइडर से टकरा गई थी। खंभे से टकराने से बाइक चला रहे परदेशीपुरा निवासी विवेक दुबे की मौके पर ही मौत हो गई थी। श्याम नगर निवासी निलेश उर्फ नकुल बारिया ने इलाज के दौरान दूसरे दिन दम तोड़ दिया। तीसरे छात्र बंशी प्रेस की चाल में रहने वाले देवांग तांबे की जान बच गई।

मई 2019 में रीगल चौराहे पर पुलिस ने चैकिंग अभियान चलाया। इस दौरान कई बेकायदा वाहन चालकों के चालान बनाए गए। एक नाबालिग तो मैजिक चलाते हुए मिला। उसका वाहन जब्त कर उसे थाने ले जाकर कार्रवाई की गई।

कुछ अरसा पहले विजयनगर में चैकिंग के दौरान एक नाबालिग को दो पहिया वाहन चलाते हुए पकड़ा। वह मां और बहन को गाड़ी पर ले जा रहा था। आरटीओ खुद चैकिंग कर रहे थेे। नाबालिग के पिता का चालान बनाया और लाइसेंस भी सस्पेंड कर दिया। इस दौरान 18 लाइसेंस सस्पेंड कर 24 वाहन पकड़े गए।

जून 2019 टावर चौराहे पर नाबालिग वाहन चालक डिवाइडर से टकराकर गंभीर रुप से हो गया घायल।

जनवरी 2019 दोस्त का बर्थडे मनाकर लौट रहे भंवरकुआ इलाके के तीन नाबालिग छात्र किशनगंज इलाके में डंपर से टकराए। एक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई उसके दो दोस्त गंभीर रुप से घायल हो गए।

27 मार्च 2019 रेसकोर्स रोड पर नाबालिग ने बीएमडब्ल्यू तेजी से चलाते हुए जिनिंग फेक्टरी के मालिक बाइक सवार आनंद पिता प्रकाश जैन को टक्कर मार दी, इस हादसे में वैभनगर निवासी आनंद की मौत हो गई। तुकोगंज पुलिस ने नाबालिग को हिरासत में लेकर कार जब्त की।

सितंबर 2018 में भी इसी तरह का हादसा सामने आया। गिरधरनगर में रहने वाली डॉक्टर श्रद्धा मालवीय ने नाबालिग को कार धोने के लिए रखा था। कार धोने के बाद उसने विनोबा नगर में कार दौड़ा दी कई लोगों को टक्कर मारते हुए उन्हें घायल कर दिया। इस हादसे में नगर सुरक्षा समिति के बबलू कैथवास एवं लक्ष्मीबाई की मौत हो गई।

कैसे लगाई जाए रोक..?

नाबालिग वाहन चालक बहुत बड़ी समस्या बनकर उभर रहे हैं। इस तरह के वाहन चालकों पर रोक लगाने के लिए पुलिस को कुछ कदम उठाना चाहिए जिससे नाबालिगों के वाहन चलाने पर रोक लग सके। ये बेहद चिंता की बात है कि कई परिजन अपने नाबालिग बेटे-बेटियों को स्वयं या तो वाहन खरीदकर दे देते हैं या फिर उन्हें वाहन चलाने के लिए दे देते हैं। यदि कोई नाबालिग वाहन चलाता पाया जाए तो उनके परिजनों पर सख्त कार्रवाई करें। उनके लाइसेंस सस्पेंड और वाहन जब्ती की कार्रवाई भी हो सकती है। नाबालिगों को वाहन देेने वाले परिजनों पर यदि पुलिस अंकुश लगाने में कामयाब हो जाए तो नाबालिगों के वाहन चलाने से होने वाले हादसे काफी हद तक कम हो सकते हैं। देखना ये है कि आपरेशन क्राइम कंट्रोल के बीच ही क्या ऑपरेशन चेतन चलाया जाता है...? जिसकी आज के समय में बेहद जरुरत है।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com