विश्व बैंक के सहयोग से बीहड़ में लहलहाएगी फसल

ग्वालियर, मध्य प्रदेश : नरेंद्र सिंह तोमर की पहल पर विश्वबैंक के अफसरों के साथ शनिवार को बैठक आयोजित की गई, 3 लाख हेक्टेयर भूमि पर फसल उगाने की कवायद।
नरेंद्र सिंह तोमर : विश्व बैंक के सहयोग से बीहड़ में लहलहाएगी फसल
नरेंद्र सिंह तोमर : विश्व बैंक के सहयोग से बीहड़ में लहलहाएगी फसलSocial Media

ग्वालियर, मध्य प्रदेश। अंचल के बीहड़ को कृषि योग्य बनाने के लिए विश्व बैंक की मदद से एक बड़ी परियोजना बनाते हुए व्यापक काम किया जाएगा। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास तथा पंचायती राज मंत्री और मुरैना-श्योपुर क्षेत्र के सांसद नरेंद्र सिंह तोमर की पहल पर विश्वबैंक के अफसरों के साथ शनिवार को बैठक आयोजित की गई।

बैठक में तोमर ने कहा कि स परियोजना से बीहड़ क्षेत्र में खेती-किसानी तथा पर्यावरण में अत्यधिक सुधार होगा, साथ ही रोजगार के काफी अवसर पैदा होंगे। परियोजना पर सभी ने सैद्धांतिक सहमति जताई तथा प्रारंभिक रिपोर्ट महीने भर में बनाना भी तय हुआ है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में केंद्रीय मंत्री तोमर ने प्रस्तावित परियोजना के माध्यम से बीहड़ क्षेत्र में कृषि का विस्तार करने, उत्पादकता बढ़ाने तथा वैल्यू चैन विकसित करने पर जोर दिया।

तोमर ने बताया कि चंबल क्षेत्र के लिए पूर्व में विश्व बैंक के सहयोग से बीहड़ विकास परियोजना प्रस्तावित थी। पर विभिन्न कारणों से विश्व बैंक उस पर राजी नहीं हुआ। अब नए सिरे से इसकी शुरूआत की गई है। परियोजना के माध्यम से बीहड़ को कृषि योग्य बनाने का उद्देश्य तो है ही। कृषि का विस्तार होने के साथ उत्पादकता भी बढ़ेगी। कृषि बाजारों, गोदामों व कोल्ड स्टोरेज का विकास परियोजना के अंतर्गत करने का विचार है।

तोमर ने बताया कि बीहड़ की 3 लाख हैक्टेयर से ज्यादा जमीन खेती योग्य नहीं है। प्रोजेक्ट के माध्यम से क्षेत्र में सुधार हो जाएं तो वहां खेती प्रारंभ होगी तथा पर्यावरण की दृष्टि से भी यह ठीक होगा, आजीविका भी मिलेगी। नदी किनारे काफी जमीन है जहां कभी खेती नहीं हुई तो यह क्षेत्र जैविक रकबे में जुड़ेगा जो बड़ी उपलब्धि होगी। जो चंबल एक्सप्रेस बनेगा, यहीं से गुजरेगा।

इस तरह क्षेत्र का समग्र विकास हो सकेगा। प्रारंभिक रिपोर्ट बनाए जाने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ भी बैठक की जाएगी और आगे की बातें तय होगी।

बैठक में मप्र के कृषि संचालक संजीव सिंह ने बताया कि पूर्व में विभिन्न विभागों के साथ मिलकर एक प्रोजेक्ट प्लान किया गया था। अब सहमति के उपरांत नए सिरे से प्रदेश में कृषि की वर्तमान स्थितियों तथा अन्य प्रदेशों का तत्संबंधी आंकलन करते हुए परियोजना का प्रारूप बनाया जाएगा। मप्र के कृषि उत्पादन आयुक्त के.के. सिंह ने कहा कि पुराने प्रोजेक्ट को रिवाइज किया जाएगा। सिंह ने महीने भर में प्रारंभिक रिपोर्ट बनाने पर सहमति जताई। विश्व बैंक के साथ सहयोग करते हुए सेटेलाइट इमेज सहित अन्य माध्यमों से परीक्षण कर प्रारूप बनाया जाएगा।

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