महिला सुरक्षा कानून पर्याप्त नहीं, समाज के दृष्टिकोण में बदलाव जरूरी
ग्वालियर, मध्य प्रदेश। कानून तो कई बनते हैं, लेकिन समाज के दृष्टिकोण में बदलाव होना बहुत जरूरी है। यह बात ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सार्वजनिक परिवहन में महिला सुरक्षा विषय पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कही।
मंत्री तोमर ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिये केवल कानून ही पर्याप्त नहीं है बल्कि समाज के दृष्टिकोण में भी बदलाव आवश्यक है। परिवहन विभाग द्वारा शुक्रवार को भारतीय पर्यटन एवं प्रबंधन संस्थान सिटी सेंटर में चालक एवं परिचालकों के लिये आयोजित कार्यशाला में सार्वजनिक परिवहन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले चालक एवं परिचालकों को भी सम्मानित किया गया। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिये सरकार ने कानून तो बनाए हैं। कानून के पालन के साथ-साथ हमें अपने और अपने समाज के दृष्टिकोण को भी बदलने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है।

ऊर्जा मंत्री तोमर ने यह भी कहा कि महिला सुरक्षा के मामले में अगर कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसके विरूद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए। कार्यक्रम में परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने महिला सुरक्षा के संबंध में कहा कि हम जैसा व्यवहार करेंगे, वैसा ही व्यवहार हमें समाज की और से मिलेगा। हम सबको अपने व्यवहार में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है। केवल कानून के भरोसे ही महिला सुरक्षा संभव नहीं है। समाज की सक्रिय भागीदारी और सकारात्मक सोच इसके लिए नितांत आवश्यक है।
परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने कहा कि इस तरह की कार्यशालायें प्रदेश के अन्य जिलों में भी आयोजित की जाएंगीं। परिवहन आयुक्त ने उदाहरण देते हुए बताया कि जब स्वामी विवेकानंद अमेरिका जाने वाले थे तो वह अपनी मां के चरण स्पर्श करने पहुंते तो मां शारदा ने विवेकानंद से कहा कि छुरी रखी है उसे उठाकर मुझे दे दो। विवेकानंद मां के आज्ञाकारी पुत्र थे तो उन्होंने छुरी उठाकर मां को दी तो मां ने कहा कि जाओ बेटा अब आपको आगे बढऩे से कोई नहीं रोक सकेगा। इसके पीछे कारण यह था कि जब विवेकानंद छुरी लेकर मां को देने आएं तो छुरी का धारदार हिस्सा स्वयं पकड़े थे और लकड़ी वाला हिस्सा मां को पकड़ा दिया था।
परिवहन आयुक्त जैन ने कहा कि लोक परिवहन में महिला सुरक्षा के लिये आधुनिक तकनीक का उपयोग विभाग द्वारा किया जा रहा है। इन सबके बाद भी हमें समाज के सहयोग की नितांत आवश्यकता है। कार्यशाला में अपर परिवहन आयुक्त अरविंद सक्सेना ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिये सरकारों ने कड़े से कड़े कानून बनाए हैं। इससे बदलाव भी आया है, लेकिन कानून के साथ-साथ मानसिक सोच में बदलाव लाने के लिये अभी और प्रयास जरूरी है।
पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने कहा कि महिला सुरक्षा के लिये पुलिस विभाग द्वारा पहले से कार्य किया जा रहा है। नए वर्ष में सार्वजनिक परिवहन में महिला सुरक्षा के मुद्दे को हम अपने एजेण्डे में सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे और इस पर वर्ष भर कार्य करेंगे। कार्यक्रम का संचालन सहायक संचालक शिक्षा एसबी ओझा ने किया।
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