विश्व टाईगर दिवस विशेष : मध्य भारत में बांधवगढ़ की बादशाहत

विश्व टाईगर दिवस विशेष : 27 टाइर्गर रिजर्वाे में हासिल किया पहला स्थान। 124 बाघों की मौजूदगी, टाइगर स्टेट का दर्जा मिलने में अहम योगदान।
विश्व टाईगर दिवस
विश्व टाईगर दिवसAfsar Khan

उमरिया, मध्य प्रदेश। बांधवगढ टाईगर रिजर्व का कुल क्षेत्रफल 1536 वर्ग किमी है, जिसमें बाघों के लिए सघन कोर जंगल महज 694 वर्ग किमी ही है, इसके अलावा बाकी की हिस्सा बफर जोन का है, जिसमे सैकड़ों गांव हैं, जहां कि वन्य जीव और मानव द्वंद्व एक बड़ी चुनौती बना हुआ है, वही दूसरी ओर बाघों के बीच बढ़ती वर्चस्व की लड़ाईयां और उसमें बाघों की असामयिक मौत से वन्यजीव प्रेमियों का चिंतित होना स्वाभाविक है, बांधवगढ में बीते 10 वर्षाे में 46 बाघों की मौत हुई है, जिसमे टेरिटरी फाइट में बाघों की मौत सबसे ज्यादा हुई है, जिसे रोकना किसी चुनौती से कम नहीं।

124 बाघ हैं मौजूद :

टाईगर एस्टिमेशन 2018 के पूर्व में जारी हुए आंकड़े से ही प्रदेश को 13 साल बाद टाइगर स्टेट का दर्जा मिल गया था, लेकिन उसी गणना के विस्तृत परिणाम यानि जोन वार या टाइगर रिजर्व वार नतीजों ने प्रदेश के खाते में एक और उपलब्धी जोड़ दी है और इसका सेहरा बंधा है बांधवगढ़ पर जंहा टाइगर डे के ठीक पहले जारी किये गये आंकड़े यह बताते है कि मध्य भारत में सबसे ज्यादा बाघ बांधवगढ़ में मौजूद है, ताजा जारी आंकड़ों के मुताबिक बांधवगढ़ में 124 बाघों की मौजूदगी मध्य भारत में बांधवगढ़ की बादशाहत साबित करती है, मध्य भारत जोन में मध्यप्रदेश सहित गुजरात, राजस्थान, अरुणाचल, मेघालय, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, महाराष्ट्र, तेलंगाना प्रदेश शामिल है।

सतकोसिया में बांधवगढ़ के बाघ :

एक और दो नंबर पर प्रदेश के क्रमश: बांधवगढ़-124 और कान्हा टाइगर रिजर्व-108 है, जबकि 106 बाघों के साथ महाराष्ट्र का ताडोबा टाइगर रिजर्व तीसरे नंबर पर रहा है, गौरतलब है कि बांधवगढ ही एक ऐसा इकलौता टाईगर रिजर्व है, जिसने बाघ पुन: स्थापना योजना के तहत बीते 8 सालों में तकरीबन 20 बाघ अन्य टाइगर रिजर्वो में भेजे हैं, बात चाहे बाघ विहीन पन्ना टाइगर रिजर्व की हो या फिर संजय टाइगर रिजर्व, नौरादेही अभ्यारण की या फिर उड़ीसा राज्य का सतकोसिया अभ्यारण्य बांधवगढ का बाघ देखने को मिल जाएगा। इसके अलावा सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में तीन और वन विहार भोपाल में चार बाघ बांधवगढ़ के ही गुलजार हैै।

ब्रीडिंग सेंटर के रूप में विकसित :

एसडीओ अनिल शुक्ला ने बताया कि बांधवगढ के अलग-अलग बाड़ों में कैद 8 बाघों को देश के दूसरे पार्को में भेजा गया है, बांधवगढ में 124 बाघो की बड़ी मौजूदगी का श्रेय बांधवगढ की आबो हवा को जाता है, जहां के घने जंगल, पहाड़ी, झरझर गिरते झरने गुफानुमा आवास और आहार का मेल बाघो के प्रजनन के लिए सबसे उपयुक्त है और यही वजह है कि बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व बीते 10 वर्षाे में बाघों के ब्रीडिंग सेंटर के रूप में विकसित हुआ है।

बाघों का घनत्व से अधिक :

टाईगर एस्टिमेशन 2018 के ताजा आंकड़ो के बाद से बांधवगढ टाईगर रिजर्व का हैविटेट सुर्खियों में है, जिससे न सिर्फ यहां बाघों का औसत घनत्व दुनिया मे सबसे ज्यादा हुआ है, बल्कि प्रजनन दर भी सबसे अधिक मानी जा रही है, ऐसे में बाघ संरंक्षण की दिशा में कार्यरत प्रबंधन के सामने बाघों की बढ़ती संख्या के साथ-साथ प्राकृतिक वातावरण को बनाये रखने की भी चुनौती स्वीकार करनी होगी।

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