मध्यप्रदेश-बाढ़ प्रभावित जिलों में बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिए बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों को निर्देश, हर हाल में बाढ़ से प्रभावितों की रक्षा हो, सर्वे कार्य शीघ्र पूरा हो ताकि प्रभावितों को मिले मुआवजा.....
बाढ़ प्रभावित जिलों में बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारी
बाढ़ प्रभावित जिलों में बचाव कार्य युद्ध स्तर पर जारीSyed Dabeer Hussain - RE

प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों में जिला प्रशासन ने राहत और बचाव के कार्य तेजी से शुरू कर दिए हैं। इसके कारण किसी प्रकार की जन-हानि नहीं हो पाई है। मुख्यमंत्री ने आज पुन: बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों से संपर्क कर बाढ़ की स्थिति और लोगों की सुरक्षा के संबंध में उठाए गए कदमों की जानकारी ली। उन्होंने निर्देशित किया कि हर हाल में बाढ़ से लोगों की रक्षा की जाए और फसलों तथा अन्य की हानि का शीघ्र से शीघ्र आंकलन करें जिससे किसानों को समय पर मुआवजा दिया जा सके।

नीमच में बाढ़ प्रभावितों की मदद एवं सर्वे का काम शुरू

नीमच के मनासा क्षेत्र में अति-वृष्टि से प्रभावित लोगों के बचाव एवं राहत कार्यों का कलेक्टर अजय सिंह गंगवार एवं पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सगर ने निरीक्षण किया। रामपुरा क्षेत्र में डूब प्रभावित गाँव में अधिकारियों की टीम राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात की गई है। जिलों में क्षतिग्रस्त फसलों, मकानों एवं पशुओं के प्रारंभिक सर्वे का कार्य शुरू कर दिया गया है।

राहत और बचाव कार्य में जिलों की स्वयंसेवी संस्था और बोहरा समाज ने भी सहयोग की पहल की है। स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से प्राप्त राहत सामग्री प्रभावितों के बीच में वितरित की जा रही है। रोटरी क्लब नीमच द्वारा कपड़े, समाज सेवी छाया जायसवाल द्वारा पानी के पाउच और कपड़े, जैन सोशल ग्रुप नीमच द्वारा कपड़े और सेनेटरी नेपकिन, ऋषभ अशोक समाज कल्याण समिति द्वारा पचास कम्बल, 64 साड़ी, बच्चों के यूनिफार्म, आटा, चावल, दाल, नमक, पूज्य सिंधी पंचायत नीमच द्वारा कपड़े, भोजन, सामग्री, जूते-चप्पल, बिस्किट, बर्तन एवं रेडीमेड एसोसिएशन द्वारा नए कपड़े, बाढ़ प्रभावितों के लिए कलेक्टर नीमच को दिए गए हैं।

भिण्ड जिले में बाढ़ प्रभावितों के राहत और बचाव कार्य जारी

भिण्ड जिले में चंबल नदी में उफान आने पर आस-पास के गाँवों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिला प्रशासन ने मुकुटपुरा, दीन्नपुरा, नावली वृन्दावन, रमाकोट, खैराहट, नखनोली की मढ़ैयन, कोषण की मढ़ैयन, चिलोंगा गाँव के रहवासियों को राहत शिविरों में पहुँचाया गया है। लगभग 90% लोग सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा दिए गए हैं। होमगार्ड और सेना के जवान लगातार बचाव कार्य में लगे हुए हैं।

चंबल कमिश्नर रेनू तिवारी, आईजी चंबल डी पी गुप्ता सहित जिले के कलेक्टर छोटे सिंह, पुलिस अधीक्षक रुडोल्फ अलवार से निरंतर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रेस्क्यू ऑपरेशन पर निगरानी रख रहे हैं।

राहत शिविरों में सभी व्यवस्थाएँ की गई हैं और चिकित्सा शिविर लगाए गए हैं। पशुओं के इलाज की व्यवस्था की गई है।

जिले के सभी छुट्टी पर गए अधिकारी और कर्मचारी के अवकाश निरस्त कर दिए गए हैं और उन्हें सेवा पर उपस्थित होने को कहा गया है।

श्योपुर में भी युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य जारी

श्योपुर जिले में चंबल नदी में आई बाढ़ से नदी क्षेत्र के 33 गाँव के 6300 ग्रामीण प्रभावित हुए हैं। इन सभी को राहत शिविरों में पहुँचाने का काम सेना और जिला प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। होमगार्ड, सेना और पुलिस की टीम के साथ अधिकारी निरंतर राहत और बचाव के काम में लगे हुए हैं। विशेष स्वास्थ्य शिविर भी लगाए गए हैं। जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक निरंतर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।

विदिशा : सर्वे में हर पात्र शामिल हो

विदिशा जिले में बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे का काम शुरू हो गया है। जिले के प्रभारी सचिव ने आज जिले का दौरा किया। उन्होंने निर्देशित किया कि बाढ़ से हुई क्षति के सर्वे में कोई भी पात्र न छूटे और अपात्र शामिल न हो। उन्होंने क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का कार्य तुरंत शुरू करने के निर्देश दिए हैं। जिले में प्रभावितों को आरबीसी के प्रावधानों के तहत 68 लाख रुपए की मदद दी गई है। मकान, कुँए और अन्य सामग्री क्षति के कुल 5370 प्रकरणों में 2911 प्रकरणों का निराकरण कर 1 करोड़ 73 लाख की राशि वितरित की जा चुकी है। विदिशा जिले के कुल 118 गाँव प्रभावित हुए हैं। कुल 1110 व्यक्तियों को राहत शिविरों में ठहराया गया है।

मंदसौर में बाढ़ अब नियंत्रण में

मंदसौर में बाढ़ की स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है। उज्जैन संभाग के कमिश्नर अजित कुमार एवं आईजी राजीव गुप्ता ने मंदसौर जिलों के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सघन दौरा किया। उन्होंने प्रभावितों से मुलाकात की और राहत, बचाव कार्यों की जानकारी ली। गांधी सागर बांध में 1.24 लाख क्यूसेक पानी की आवक है और 6.52 लाख क्यूसेक पानी बांध से छोड़ा जा रहा है। वर्तमान में 1316.04 फीट तक पानी बांध में भरा हुआ है।

राहत शिविरों में बाढ़ प्रभावितों के ठहरने, सोने, खाने और रोज के वस्त्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। जिन लोगों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए उनकी तत्काल सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करने और उन परिवारों को तत्काल 50 किलो गेहूँ देने के निर्देश दिए गए हैं।

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