दिल्ली, भारत। महामारी कोरोना के डर के कारण हर कार्य में बाधा आ रही है, इसी कड़ी में हर साल सावन के माह में निकलने वाली कांवड़ यात्रा निकलेंगी या नहीं इस पर सस्पेंस बना हुआ है। इसी के मद्देनजर आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी हो रही है और केंद्र की ओर से भी हलफनामा दायर किया जा चुका है, जिसमें केंद्र की ओर से कांवड़ यात्रा को लेकर यह सलाह दी गई है।
हलफनामा दायर कर केंद्र ने सुझाया ये रास्ता :
कांवड़ यात्रा को लेकर केंद्र ने ये रास्ता सुझाया है, केंद्र ने SC में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि, "COVID-19 के मद्देनज़र राज्य सरकारों को हरिद्वार से 'गंगा जल' लाने के लिए कांवड़ियों की आवाजाही की अनुमति नहीं देनी चाहिए। हालांकि, धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकारों को टैंकरों के माध्यम से 'गंगा जल' उपलब्ध कराना चाहिए।"
टैंकर चिन्हित/निर्धारित स्थानों पर उपलब्ध हों :
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से यह भी कहा- टैंकर चिन्हित/निर्धारित स्थानों पर उपलब्ध हों, ताकि आस-पास के भक्त 'गंगा जल' को इकट्ठा कर सकें और अपने नजदीकी शिव मंदिरों में 'अभिषेक' कर सकें। इस दौरान राज्य सरकारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोरोना नियमों का पालन किया जाए।
हरिद्वार से गंगाजल लेकर कांवड़ियों का अपने इलाके के मंदिर तक ले जाना कोरोना संक्रमण के मद्देनजर उचित नहीं है, इसलिए टैंकर के ज़रिए गंगाजल को जगह-जगह उपलब्ध करवाया जाए।
केंद्र सरकार
कांवड़ यात्रा पर यूपी सरकार का हलफनामा :
केंद्र के अलावा यूपी सरकार ने भी कांवड़ यात्रा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है, जिसमें यूपी सरकार ने कहा- कांवड़ यात्रा सांकेतिक रूप से चलाई जाएगी। साथ ही सरकार द्वारा इसको लेकर गाइडलाइन्स बनाई जा सकती हैं।
बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जस्टिस आरएफ नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कांवड़ यात्रा की अनुमति देने पर उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया था और आदेश दिया था- यूपी और उत्तराखंड के प्रमुख सचिव तथा केंद्र के गृह सचिव शुक्रवार सुबह एफिडेविट दाखिल करे और बताया था, इस मामले की सुनवाई शुक्रवार (16 जुलाई) को होगी।
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