एनीमल ट्रेकिंग ऐप प्रारंभ
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एनीमल ट्रेकिंग ऐप प्रारंभ, अब हाथी के आने पर कॉल और SMS से लोगों को मिलेगी सूचना

Animal Tracking App: वनमण्डल क्षेत्र के लोगो को उनके आस पास हाथी आने की सूचना मोबाईल कॉल एवं SMS से मिलने लगेगी। वन विभाग ने इसके लिये बकायदा दो एप तैयार करवाये है।

हाइलाइट्स

  • गरियाबंद वनमण्डल में एनीमल ट्रेकिंग एवं ओ.डी.के. ऐप हुआ प्रारंभ

  • वन कर्मचारियों को एप संचालन का दिया गया प्रशिक्षण

  • जल्द सभी हाथी के संभावित प्रभावित स्थानों के लोगो का रजिस्ट्रेशन इसमे प्रारंभ होगा।

Animal Trekking App: गरियाबंद छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद वनमण्डल क्षेत्र के लोगो को उनके आस पास हाथी आने की सूचना मोबाईल कॉल एवं SMS से मिलने लगेगी। वन विभाग ने इसके लिये बकायदा दो एप तैयार करवाये है, जिसके संचालन के लिये वन अधिकारी, कर्मचारियों को विगत दिवस एक वृहद कार्यशाला रखते हुये प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में बताया गया कि, कैसे एनीमल ट्रेकिंग सी. जी. एप्लीकेशन एवं ओ.डी.के. कलेक्ट एप्लीकेशन में ग्रामीणों का रजिस्ट्रेशन करना है, और कैसे हाथी की जानकारी मिलने पर या दिखाई देने पर उसकी विस्तृत जानकारी ऐप मे डालना है जिससे लोगो को हाथी क्षेत्र में आने की सूचना जल्द से जल्द मिल सके और लोगो और हाथी को एक दूसरे से दूर रखा जा सके।

हाथी प्रबंधन हेतु वनमण्डल स्तरीय कार्यशाला के अवसर पर उप वनमण्डलाधिकारी मनोज चन्द्राकर ने कहा की जल्द से जल्द सभी हाथी के संभावित प्रभावित स्थानों के लोगो का रजिस्ट्रेशन इसमे प्रारंभ करें। गांव के हर जागरूक नागरिक के साथ संरपच, सचिव, पंच, कोटवार, ग्राम पटेल, आंगन बाड़ी कार्यकर्ता सहित अन्य लोगो के नम्बर का रजिस्ट्रेशन करें ताकि हाथी दिखाई देने पर उन्हें ऑटोमेटेड कॉल तथा SMS जा सके। उन्होने सभी वन कर्मचारियों को यह भी निर्देशित किया कि हाथी की सूचना मिलने के बाद पुष्टीकरण होने पर ओ.डी. के. कलेक्ट एप्लीकेशन में हाथी के बारे विस्तृत जानकारी भरे। दल का नाम, संख्या, हाथी दिखा या फिर अन्य प्रमाण मिले, दिखाई देने पर हाथी की स्थिति कैसी थी, कोई नुकसान किया या नही समेत सभी जानकारी एप में डालकर दुबारा पढ़कर चेक करने के बाद ही सबमिट करें।

चंद्राकर ने बताया कि एप में जानकारी सबमिट करने के बाद 15 मिनट के भीतर हाथी वाले स्थान के 0 से 20 कि.मी. के दायरे में आने वाले सभी रजिर्स्टड लोगो को उनके फोन पर कॉल एवं एसएमएस के माध्यम से सूचना जायेगी। साथ ही लोगों को जंगल से दूर रहने की समझाईश दी जायेगी। उन्होने वन कर्मचारियों से कहा की अभी फिलहाल मैसेज तथा फोन कॉल के अलावा पुराने परम्परागत मुनादी आदि के तरिको पर भी कार्य जारी रहेगा।

प्रशिक्षण में गरियाबंद वनमण्डल के बलराम सेन तथा उदंती सीतानदी टायगर रिजर्व एरिया के लालबहादुर भिलेपारिया ने पावर पांईट प्रेजेंटेशन के माध्यम से सभी वन कर्मचारियों को एप्लीकेशन के रजिस्ट्रेशन एवं संचालन की विस्तृत जानकारी देते हुये सभी तरीके सिखाये। इस अवसर पर प्रमुख रूप से यू.एस. ठाकुर, संयुक्त वनमण्डलाधिकारी राजिम, मनोज चन्द्रकार, उप वनमण्डलाधिकारी गरियाबंद एवं आर. के. सोरी उप वनमण्डलाधिकारी देवभोग, आर. के साहू वन परिक्षेत्र अधिकारी गरियाबंद, कामता लाल मरकाम परिक्षेत्र अधिकारी धवलपुर, तरूण तिवारी परिक्षेत्र अधिकारी पाण्डुका धीरेन्द्र साहू परिक्षेत्र अधिकारी छुरा, दुर्गाप्रसाद दीक्षित परिक्षेत्र अधिकारी परसुली के साथ प्रशिक्षण के दौरान सैकड़ों वन कर्मचारी मौजूद रहे।

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