न्याय के चार साल : अबूझमाड़ अंचल में चल रहा है मसाहती सर्वे

रायपुर, छत्तीसगढ़ : नारायणपुर जिले 110 गावों का सर्वे पूर्ण: आजादी के बाद पहली बार हो रहा है सर्वेक्षण। समर्थन मूल्य पर लगभग 2200 किसान पहली बार बेचेंगे धान।
न्याय के चार साल : अबूझमाड़ अंचल में चल रहा है मसाहती सर्वे
न्याय के चार साल : अबूझमाड़ अंचल में चल रहा है मसाहती सर्वेRaj Express

रायपुर, छत्तीसगढ़। लगभग 4 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले अबूझमाड़ का क्षेत्र पहाड़ों और घने जंगलों से घिरा हुआ है। अबूझमाड़ का क्षेत्र वर्तमान में नारायणपुर, बीजापुर और दंतेवाड़ा के अंतर्गत समाहित है। इस अंचल में जनजाति परिवार के लोग निवास करते हैं। यह क्षेत्र लंबे समय से अलग-थलग रहा है। यहां भूमि का सर्वे आजादी के बाद से नहीं हो पाया था, जिसके कारण यहां निवास कर रहे आदिवासी किसानों को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ सरकार ने अबूझमाड़ अंचल के किसानों की दिक्कत को समझते हुए यहां मसाहती सर्वे कराने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।

अबूझमाड़ के 275 गांवों में चलेगा सर्वे :

नक्सल प्रभावित क्षेत्र अबूूझमाड़ अंतर्गत बस्तर संभाग के जिला नारायणपुर, बीजापुर, तथा दंतेवाड़ा के लगभग 275 से अधिक असर्वेक्षित ग्राम स्थित हैं। इन ग्रामों का कोई भी शासकीय अभिलेख तैयार नहीं है। मंत्रिपरिषद द्वारा निर्णय लिया गया कि अबूझमाड़ क्षेत्र के असर्वेक्षित ग्रामों में वर्षों से निवासरत लगभग 50 हजार से अधिक लोगों को उनके कब्जे में धारित भूमि का मसाहती खसरा एवं नक्शा उपलब्ध कराया जाएगा। इससे किसान परिवारों के पास उनके कब्जे की भूमि का शासकीय अभिलेख उपलब्ध हो सकेगा तथा वे अपने काबिज भूमि का अंतरण कर सकेंगे। इस प्रकार अबूझमाड़ क्षेत्र अंतर्गत लगभग 10 हजार किसानों को 50 हजार हेक्टेयर से अधिक भूमि का स्वामित्व प्राप्त होगा।

नारायणपुर में 246 गांवों का होगा सर्वे :

27 अगस्त 2019 को मंत्री परिषद के निर्णय के पालन में छत्तीसगढ़ के राजस्व विभाग द्वारा नारायणपुर जिले में मसाहती सर्वे के लिए 246 ग्रामों को अधिसूचित किया गया। इन गांवों में सम्पूर्ण ओरछा विकासखण्ड के 237 ग्राम तथा नारायणपुर विकासखण्ड के 9 ग्राम शामिल थे। अब तक नारायणपुर जिले के 110 ग्रामों का मसाहती सर्वे किया जा चुका है, जिसमे से नारायणपुर विकासखण्ड के असर्वेक्षित 9 ग्रामों का तथा ओरछा विकासखण्ड के 101 ग्रामों का सर्वे किया जा चुका है। अब तक 7 हजार 7 सौ से अधिक लोगों को मसाहती खसरा का वितरण किया जा चुका है।

किसानों को मिल रहा मालिकाना हक :

अबूझमाड़ अंचल में बहुत से किसान वर्षों से वन क्षेत्रों के भीतर काबिज भूमि पर खेती करते आ रहे थे, लेकिन इस क्षेत्र में भूमि का सर्वें नहीं होने के कारण उनके पास भूमि संबंधी कोई भी दस्तावेज नहीं थे। जिसके कारण न तो कोई शासकीय योजना का लाभ ले पाते थे और न ही उन्हें खेती-किसानी के लिए बैंकों से ऋण मिल पाता था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ऐसे किसानों की तकलीफ को समझते हुए नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ अंचल में सर्वे का काम शुरू कराया और किसानों को मसाहती पट्टे दिए गए। इससे ऐसे किसानों को भूमि का मालिकाना हक मिल रहा है। अंचल के कई किसानों के जीवन में खुशियों के रंग भर गए हैं।

दो हजार से अधिक किसान बेचेंगे पहली बार धान :

जिला प्रशासन नारायणपुर द्वारा जिले के अबूझमाड़ अंचल में सर्वे का काम किया जा रहा है। कई किसानों को मसाहती पट्टे का वितरण किया जा चुका है। चालू खरीफ सीजन में अबूझमाड़ के 2 हजार 193 किसानों ने मसाहती खसरा मिलने के बाद पहली बार धान बेचेंगे। ऐसे किसानों से मसाहती सर्वे के आधार पर शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है। इससे किसानों को शासकीय योजनाओं के साथ-साथ अन्य लाभ भी मिलना शुरू हो गया है। इसके अंतर्गत 35 किसानों को 112.35 लाख रूपए के सोलर ड्यूल पंप दिए गए हैं, जिससे 87 एकड़ कृषि भूमि में सिंचाई का लाभ मिलेगा। साथ ही 493 प्रकरणों में केसीसी ऋण के माध्यम से 127.97 लाख रूपए और 1700 उद्यानिकी टूल कीट, बीज मिनी कीट भी वितरित किए गए हैं। इसी तरह इनमें 2731 हितग्राहियों को जाति प्रमाण पत्र, 1573 को निवासी प्रमाण पत्र प्रदान किए गए हैं। मसाहती किसानों के अंतर्गत 249 किसानों के भूमि समतलीकरण किया जा रहा है, जिससे उनके सिंचाई और पशुओं के लिए शेड की सुविधा लाभ ले सकेंगे। साथ ही इन किसानों को 11370 किलोग्राम धान के, 536 किलोग्राम मसूर के और 470 किलोग्राम सरसों के बीज वितरित किए गए हैं।

पप्पु पोटाई ने पहली बार समर्थन मूल्य पर बेचा धान :

ऐसे ही नारायणपुर जिले के ग्राम कदांड़ी के एक किसान है श्री पप्पू पोटाई, जिन्हें लगभग साढ़े तीन एकड़ भूमि का मसाहती खसरा दिया गया है। अब उन्हें जमीन का मालिकाना हक मिल गया है। मसाहती सर्वे से प्राप्त पट्टा के आधार पर धान खरीदी केन्द्र में धान का विक्रय करने आये ग्राम कंदाड़ी के युवा आदिवासी किसान पप्पू पोटाई ने बताया कि लगभग साढ़े 3 एकड़ खेत में उसने इस बार धान की फसल लगायी थी। वह लगभग 32 क्विंटल धान का विक्रय करने आया था। उन्होंने बताया कि पूर्व वर्षों में भी वह धान की फसल लेता था, किन्तु सरकारी दस्तावेज नहीं होने के कारण वह समर्थन मूल्य पर धान बेच नहीं पाते थे। मजबूरी में उन्हें बिचौलियों को अपनी फसल आधी कीमत पर बेचनी पड़ती थी। मसाहती सर्वे के बाद उन्हें भूमि समतलीकरण और डबरी निर्माण के लिए भी सहायता मिली है।

किसान पप्पू पोटाई ने बताया कि उनके ग्राम के समीप ही धान खरीदी केन्द्र खुल जाने से आसपास के किसानों को काफी सुविधा हो रही है। उन्होंने बताया कि मनरेगा के तहत् उसके खेत में डबरी निर्माण व भूमि समतलीकरण का कार्य के साथ ही खाद एवं बीज भी दिया गया है। धान विक्रय से प्राप्त राशि का उपयोग खेत के चारों ओर फेनसिंग और बोर करवाना चाहता है, जिससे वह अलग-अलग फसल ले सकें।

ताज़ा समाचार और रोचक जानकारियों के लिए आप हमारे राज एक्सप्रेस वाट्सऐप चैनल को सब्स्क्राइब कर सकते हैं। वाट्सऐप पर Raj Express के नाम से सर्च कर, सब्स्क्राइब करें।

और खबरें

No stories found.
logo
Raj Express | Top Hindi News, Trending, Latest Viral News, Breaking News
www.rajexpress.com