मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद की जयंती पर किया नमन
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद की जयंती पर किया नमनRE

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित किया नमन

आज स्वामी आत्मानंद की जयंती पर CM भूपेश बघेल ने अपने निवास कार्यालय में स्वामी आत्मानंद की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।

हाइलाइट्स-

  • स्वामी आत्मानंद की जयंती आज।

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित किया नमन।

  • भूपेश बघेल ने कहा- उनके विचार मूल्य हमेशा सेवा और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए करते रहेंगे प्रेरित।

रायपुर, छत्तीसगढ़। आज छत्तीसगढ़ ही नहीं छत्तीसगढ़ के बाहर सत्य, अहिंसा, सेवा, परोपकार के लिए जाने गए, स्वामी आत्मानंद की जयंती है। उन्होंने छत्तीसगढ़ को सामाजिक समरसता, एकता, नैतिकता, मूल्यनिष्ठा का पाठ पढ़ाया। आज स्वामी आत्मानंद की जयंती पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को अपने निवास कार्यालय में स्वामी आत्मानंद की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि,स्वामी आत्मानंद ने स्वामी रामकृष्ण परमहंस की भावधारा को छत्तीसगढ़ की जमीन पर साकार किया और मानव सेवा समेत शिक्षा संस्कार की अलख जगाई।

भूपेश बघेल ने कही यह बात:

मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने ट्वीट करते हुए कहा कि, "महान समाज सुधारक और शिक्षाविद् स्वामी आत्मानंद जी की जयंती पर हम सब सादर नमन करते हैं। स्वामी आत्मानंद जी ने स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी की भावधारा को छत्तीसगढ़ की जमीन पर साकार किया और मानव सेवा व शिक्षा संस्कार की अलख जगाई।"

उन्होंने आगे कहा कि, "स्वामी विवेकानंद जी के विचारों का भी आत्मानंद जी पर भी गहरा असर हुआ, जिससे उन्होंने अपना पूरा जीवन दीन-दुखियों की सेवा में बिता दिया। मठ और आश्रम स्थापित करने के लिए एकत्र की गई राशि उन्होंने अकाल पीड़ितों की सेवा और राहत काम के लिए खर्च कर दी। उनके विचार मूल्य हमेशा सेवा और ज़रूरतमंद लोगों की मदद के लिए हमें प्रेरित करते रहेंगे।"

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि, स्वामी आत्मानंद जी का समाज सुधारक और शिक्षाविद् के रूप में छत्तीसगढ़ में बड़ा योगदान है। उनके मानव सेवा के क्षेत्र में किए गए कार्य अनुकरणीय और प्रेरणास्पद है। उन्होंने पीड़ित मानवता की सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया। उनके आदर्शों और विचारों से प्रेरणा लेकर राज्य सरकार आगे बढ़ रही है। स्वामी आत्मानंद जी ने वनवासियों के उत्थान के लिए नारायणपुर आश्रम में उच्च स्तरीय शिक्षा केन्द्र की स्थापना की। राज्य सरकार द्वारा इसी तर्ज पर जिला मुख्यालयों और विकासखण्डों में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश और हिन्दी मीडियम स्कूल शुरू किये जा रहे हैं। प्रदेश में ग्रामीण सहित दूरस्थ अंचलों में 753 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी एवं हिंदी माध्यम के स्कूल संचालित हो रहे हैं। इसी कड़ी में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा देने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम कॉलेज भी प्रारंभ किया जा रहा है।

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