Raipur News: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय खाद्य मंत्री गोयल को पत्र लिखकर किया यह अनुरोध
हाइलाइट्स-
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय खाद्य मंत्री गोयल को लिखा पत्र।
केंद्रीय पूल में चावल उपार्जन के लक्ष्य में कटौती पर जताई आपत्ति।
उन्होंने खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में केंद्रीय पूल में चावल उपार्जन का लक्ष्य 86.5 लाख मे.टन यथावत रखने का अनुरोध किया।
चावल की पैकेजिंग के लिए 3.56 लाख गठान नए जूट बैग की आपूर्ति का भी किया अनुरोध।
रायपुर, छत्तीसगढ़। छत्तीसग्रह के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज गुरुवार को केंद्रीय खाद्य एवम सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है। आज भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल जी को पत्र लिखकर खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में केंद्रीय पूल में चावल उपार्जन का लक्ष्य 86.5 लाख मे.टन यथावत रखने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके साथ ही परिणामी चावल की पैकेजिंग के लिए 3.56 लाख गठान नए जूट बैग की आपूर्ति जूट कमिश्नर के माध्यम से कराए जाने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।
भूपेश बघेल ने पत्र में कही यह बात:
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि, "खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग, भारत सरकार द्वारा खाद्य सचिवों की बैठक में धान के 130 लाख टन उपार्जन के अनुसार बनने वाले परिणामी चावल की 86.5 लाख मीट्रिक टन मात्रा को घटाते हुए 61 लाख मीट्रिक टन कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त जूट पैकेजिंग की छठवीं आपूर्ति योजना द्वारा केन्द्रीय पूल में चावल उपार्जन हेतु आवश्यक नये जूट बारदानों की आपूर्ति मात्रा को कम करते हुए 3.56 लाख गठान के स्थान पर 2.45 लाख गठान किया गया है।"
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में आगे कहा कि, इस बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से राज्य में खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में राज्य सरकार की तरफ से धान खरीदी की सीमा 20 क्विंटल प्रति एकड़ किए जाने का उल्लेख करते हुए, जो कि विगत कई वर्षाे से खरीफ विपणन वर्ष 2014-15 से 15 क्विंटल प्रति एकड निर्धारित थी, केन्द्रीय पूल में 86 लाख मे.टन चावल उपार्जन के लक्ष्य को यथावत रखे जाने का अनुरोध किया गया था। विगत वर्षों में धान के रकबे में हुई बढ़ोत्तरी के साथ-साथ राज्य के किसानों की ओर से उन्नत किस्म के बीजों के उपयोग और बेहतर उर्वरक प्रबंधन के दृष्टिगत उत्पादकता में वृद्धि हुई है। विशेषतः मध्य छत्तीसगढ़ के मैदानी क्षेत्रों में, जिसके चलते किसानों समूहों की ओर से की गई मांग के आधार पर राज्य में धान खरीदी की सीमा 15 क्विंटल प्रति एकड़ को बढ़ाते हुए राज्य शासन की ओर से अधिकतम 20 क्विंटल प्रति एकड़ निर्धारित की गई है।
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