छत्तीसगढ़ में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके
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छत्तीसगढ़ में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके, दहशत में हैं लोग

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से एक बड़ी खबर सामने आई है। खबरों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में आज शुक्रवार की सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप के तेज झटकों से यहां की धरती कांप उठी।

छत्तीसगढ़, भारत। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से एक बड़ी खबर सामने आई है। खबरों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में आज शुक्रवार की सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। भूकंप के तेज झटकों से यहां की धरती कांप उठी। ये झटके छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में महसूस किए गए हैं। इसकी जानकारी नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (National Center for Seismology) ने दी है।

मिली जानकारी के अनुसार, भूकंप के ये झटके आज सुबह-सुबह 5 बजकर 28 मिनट पर महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप की गहराई जमीन से 10 किमी नीचे थी। ये झटके कटरा से 65 किलोमीटर WNW के तरफ आए। बताया जा रहा है कि, छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

मापी गई इतनी तीव्रता:

नेशनल सेंटर फार सिस्मोलॉजी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में आए इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.8 की स्पीड रही। यह झटका सुबह 5:28 मिनट के आसपास महसूस किया गया है।

आपको बता दें कि, छत्तीसगढ़ में जहां भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, उनमें बैंकुंठपुर, कोरिया, राक्य और दुधनिया कलाम के पास की जगहें शामिल हैं। सुबह 5.28 मिनट पर भूकंप के झटकों का अहसास हुआ।

भूकंप की स्थिति में क्या करें, क्या न करें

  • भूकंप आने पर आप घर से बाहर हैं तो ऊंची इमारतों, बिजली के खंभों आदि से दूर रहें।

  • भूकंप के झटके महसूस बंद होने तक बाहर ही रहें।

  • यदि आप गाड़ी चला रहे हो तो गाड़ी को रोक लें और गाड़ी में ही बैठे रहें।

  • पुल या सड़क पर जाने से बचें।

  • भूकंप आने के वक्त यदि आप घर में हैं तो फर्श पर बैठ जाएं।

  • यदि आप घर से बाहर नहीं निकल सकते तो, घर के किसी कोने में चले जाएं।

  • घर में कांच, खिड़कियों, दरवाज़ों और दीवारों से दूर रहें।

  • भूकंप के समय लिफ्ट का इस्तेमाल करने से बचें।

क्यों आता है भूकंप:

वहीं, अगर भूकंप आने के कारणों के बारे में बात करे, तो धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी होती है। इनर कोर, आउटर कोर, मैन्टल और क्रस्ट। क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं। ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है, जिसे टैक्टोनिक प्लेट्स कहते हैं। ये टैक्टोनिक प्लेट्स अपनी जगह पर कंपन करती रहती हैं और जब इस प्लेट में बहुत ज्यादा कंपित हो जाती हैं, तो भूकंप के झटके महसूस होते हैं।

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