हनी ट्रैप मामले को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लगाई अफसरों को फटकार

हनी ट्रैप मामले को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नोटिफिकेशन अध्ययन कर अफसरों से पूछा कि, इस मामले की जांचपड़ताल के लिए एंटी टेररिस्ट स्कवॉड (ATS) टीम को क्यों बुलाया गया ये कोई आतंकी गतिविधि तो है नहीं?
CM Kamal Nath statement on ATS surveillance
CM Kamal Nath statement on ATS surveillanceSocial Media

राज एक्सप्रेस। हनी ट्रैप मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अफसरों को फटकार लगाई, उन्होंने सोमवार रात 9 बजे 'मुख्य सचिव एसआर मोहंती', 'डीजीपी वीके सिंह' और 'एटीएस चीफ संजीव शमी' को सीएम हाउस बुलवाया। खबरों के अनुसार, CM कमलनाथ ने इन सभी अफसरों से हनी ट्रैप मामले को लेकर सवाल किया कि, हनी ट्रैप कोई आतंकी गतिविधि तो है नहीं? और अगर नहीं है तो, फिर इसकी जांच में एंटी टेररिस्ट स्कवॉड (ATS) कहां से आ गई? उन्होंने आगे कहा (CM Kamal Nath statement on ATS surveillance) कि, ATS किस की अनुमति से तीन महीने से इस मामले पर सर्विलांस कर रही थी? मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस तरह के कई सवाल उठाये।

अफसरों ने दी सफाई :

हालांकि इस मामले में अफसरों ने अनेक प्रकार की सफाई देने की कोशिश भी की, लेकिन कमलनाथ ने कहा कि, इस तरह की कोई बयानबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस बैठक के पूर्व CM ने एटीएस के गठन से संबंधित सारे नोटिफिकेशन का अध्ययन किया था। इन सब के बाद CM कमलनाथ ने अफसरों को चेतावनी देते हुए कहा कि,

"प्रदेश की छवि खराब करोगे तो, किसी को नहीं छोड़ूंगा, बयानबाजी बंद कर काम पर फोकस करें।"

मुख्यमंत्री कमलनाथ

अफसर ने बताया :

CM कमलनाथ द्वारा ली इस बैठक में एक अफसर ने बताया कि, हनी ट्रैप से जुड़ी एक महिला आरोपी ने खुद को विदेश का नागरिक बताया था, यही कारण था कि, ATS का इन्वाॅल्वमेंट लिया गया। इस पर कमलनाथ ने उसकी इस बात को खारिज करते हुए कहा कि,

"हनी ट्रैप की शिकायत इंदौर के एक थाने में हुई थी तो, उसे इंदौर पुलिस को ही देखना था। उस आधार पर प्रदेश के तमाम अफसरों को उसकी जांच के दायरे में लेने का क्या मतलब है? पहले ही व्यापमं महाघोटाले की वजह से मध्यप्रदेश की बहुत बदनामी हो चुकी है। अब लोग हनी ट्रैप की चर्चा कर रहे हैं। हनी ट्रैप से प्रदेश की छवि को जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई कैसे होगी?"

मुख्यमंत्री कमलनाथ

कांग्रेस प्रदेश सचिव के BJP को लेकर बिगड़े बोल :

हनी ट्रैप मामले कांग्रेस के प्रदेश सचिव राकेश यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई जहां उन्होंने BJP को आड़े हाथों लिया। उन्होंने BJP पर आरोप लगते हुए कहा कि, "हनी ट्रैप मामले में किस तरह से BJP के नेता, मुख्यमंत्री जुड़े हुए है और श्वेता जैन कैसे इस मामले से जुड़ी? उन्होंने यह भी बताया कि, इस हनी ट्रैप मामले की शुरूआत बाबूलाल गौर से हुई और उनसे इस साजिश के तहत ही स्तीफा दिलवाया गया था और शिवराज सिंह चौहान जो, राघौगड़ से हार गए थे, उन्हें मुख्य मंत्री बनाया गया, शिवराज सिंह चौहान के CM बनने का कारण आज तक BJP सहित कोई नहीं जान पाया है।

श्वेता जैन को मेंबर बनाया गया :

इतना ही नहीं प्रदेश सचिव राकेश यादव ने यह भी कहा कि, इन साजिशकर्ताओं ने ही श्वेता जैन को मेंबर बनाया, जबकि इस प्रक्रिया के लिए कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से चरित्र प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है, तो फिर ऐसा कैसे हुआ? एक आश्चर्य भी है कि, यह नियुक्ति 3 साल की होती है और 2006 से श्वेता जैन मध्यप्रदेश शासन और शिवराज सिंह चौहान के आदेशों पर किशोर न्याय मेंबर थी। यह किशोर न्याय बोर्ड बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए बताया जाता है, जिसमें योग्य लोगों को नियुक्त किया जाता है,

इस पर उन्होंने कहा कि, शिवराज सिंह ने श्वेता जैन में जो योग्यता देखी वो तो आप सब को दिख ही गया होगा। इसके अलावा उन्होंने BJP के सारे नेता और मंत्रियों पर पर इस हनी ट्रैप मामले को 2006 से चलने का आरोप लगाया है। उन्होंने तो यह तक कह डाला कि, BJP के नेता ने हनी ट्रैप जगह इस्तेमाल किया और बाबूलाल गौर को अभी तक हनी ट्रैप को लेकर ब्लैकमेल किया जाता रहा और ऐसा भी हो सकता है कि, उन्हें ब्रेनहेमरेज आने का कारण भी यही हो।

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