जोशीमठ में भू-धंसाव संकट पर एक्शन में CM पुष्कर धामी, आज विभिन्न समूहों के साथ की बैठक
उत्तराखंड, भारत। उत्तराखंड में जोशीमठ में आपदा का कहर थम ही नहीं रहा है और भू-धंसाव की संभावनाओं, मकानों और इमारतों पर पड़ी दरारें दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही हैं, जिससे आपदाग्रस्त जोशीमठ शहर में लोग काफी परेशानी का सामना कर रहे है। इस बीच आज उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी विभिन्न समूहों के साथ बैठक भी करेंगे।
जोशीमठ भू-धंसाव पर उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी ने कहा- इस समय हम हर तरीके से जोशीमठ के लोगों के साथ खड़े हैं, पूरी सरकार उनके साथ खड़ी हैं और PM मोदी ने हर तरीके से पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया है। यहां पर पूरी टीम काम कर रही है। आज लगातार हमारी विभिन्न समूहों के साथ बैठकें होंगी।
मिली जानकारी के अनुसार, आपदाग्रस्त जोशीमठ शहर के 9 वार्डों के 723 घरों में दरारें आई है, इनमें से 86 मकान असुरक्षित क्षेत्र में स्थित है। बाकी के मकानों में लोग दरारों को देखते हुए दिन-रात गुजारने को मजबूर हैं। हालांकि, जिन मकानों में दरारें आई हैं, उनमें से कई लोगों को जोशीमठ से राहत शिविरों में नहीं भेजा गया है।
इस बीच जोशीमठ में भूस्खलन की आपदा के बीच सिंहधर वार्ड की निवासी पुष्पा वर्मा ने बताया कि, ''मैं रातभर अपने घर में पड़ी दरारों को देखती रहती हूं और ये डर लगा रहता है कि वो बढ़ रही हैं। हमारा घर कभी भी गिर सकता है, इस चिंता में मैं मुश्किल से ही सो पाती हूं। हमेशा लगने वाला ये डर भू-धंसाव से भी बदतर है। वो राहत शिविर जाना चाहती हैं, लेकिन अभी तक प्रशासन ने उनके घर को असुरक्षित घोषित नहीं किया है। क्षतिग्रस्त मकान में रहने से अच्छा है, राहत शिविर में रह लिया जाए। मैंने अपने बेटों, बहू और पोती को देहरादून में एक रिश्तेदार के घर भेज दिया है। मैं नहीं चाहती कि, उनकी जिंदगी खतरे में पड़े। बारिश का मौसम बन रहा है और कभी भी बरसात शुरू हो सकती है, जो स्थिति को और बिगाड़ देगी।''
इसके अलावा आपदाग्रस्त जोशीमठ शहर में घर तोड़े जाने की खबर के बीच कल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद अपना बयान जारी कर यह ऐलान कर चुके है कि, ''किसी भी घर को तोडऩे का न कोई निर्णय हुआ है और न ऐसा कदम भविष्य में उठाया जाएगा। केवल अपरिहार्य होने पर ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी और वह भी भवन स्वामी की सहमति से। प्रभावितों को बाजार दर पर मुआवजा देने के लिए हितधारकों से सुझाव लेकर और जनहित में यह दर घोषित की जाएगी।''
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