संस्कृति के प्रकाश स्तंभ हैं शिल्पकार : जगदीप धनखड़
संस्कृति के प्रकाश स्तंभ हैं शिल्पकार : जगदीप धनखड़Social Media

संस्कृति के प्रकाश स्तंभ हैं शिल्पकार : जगदीप धनखड़

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि भारत मौजूदा दशक के अंत तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और शिल्पकार भारतीय संस्कृति के प्रकाशस्तभं हैं।

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को कहा कि भारत मौजूदा दशक के अंत तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा और शिल्पकार भारतीय संस्कृति के प्रकाशस्तभं हैं। श्री धनखड़ ने यहां आयोजित शिल्प गुरु और राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि शिल्पकार विश्व में विरासत के भारत के राजदूत हैं। उन्होंने कहा कि भारत इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है जितना पहले कभी नहीं बढ़ा था। भारत निवेश और अवसर के लिए विश्व स्तर पर सबसे पसंदीदा गंतव्य हैं। हस्तशिल्प और हथकरघा क्षेत्र से जुड़े शिल्पकारों ने इस वृद्धि में अपनी भूमिका निभाई है। उन्होेंने कहा कि इस तरह के परिष्कृत कौशल भारत को गौरवान्वित करते हैं।

उप राष्ट्रपति ने कहा, “शिल्पकार हमारी संस्कृति के प्रकाश स्तंभ हैं। आप हमारी संस्कृति और रचनात्मकता के सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली हैं। आप दुनिया को दिखाते हैं कि भारत के पास अपार कौशल है।” श्री धनखड़ ने कहा कि जी- 20 की अध्यक्षता यह दर्शाती है कि दुनिया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके विचारों को सुन रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि दशक के अंत तक भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने वर्ष 2017, 2018 और 2019 के लिए शिल्प गुरु और उस्ताद शिल्पकारों को राष्ट्रीय पुरस्कार वितरित किए। कुल 30 शिल्प गुरु पुरस्कार और 78 राष्ट्रीय पुरस्कार मास्टर शिल्पकारों को प्रदान किए गए, जिनमें 36 महिलाएं हैं। पुरस्कारों का मुख्य उद्देश्य शिल्प कौशल में उनकी उत्कृष्टता और भारतीय हस्तशिल्प और वस्त्र क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान के लिए मान्यता देना है।

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