कोतवाली से कैसे फरार हो गया लूट का आरोपी
कोतवाली से कैसे फरार हो गया लूट का आरोपीAfsar Khan

उमरिया : कोतवाली से कैसे फरार हो गया लूट का आरोपी

वारदात के बाद सचिन को शिकायतकर्ता ने खुद किया था पुलिस के हवाले, परन्तु मामले के खुलासे में पुलिस ने आरोपी को किया फरार घोषित, फिर की ईनाम की घोषणा। अब कटघरे में वर्दीधारियों की कार्य प्रणाली।

उमरिया, मध्य प्रदेश। सिटी कोतवाली के घघरी नाका स्थित यमुना पेट्रोल पंप में 30 अगस्त की रात्रि लूट और तोडफ़ोड़ की वारदात कारित हुई थी, पुलिस ने 1 सितम्बर को इस मामले का खुलासा करते हुए वारदात में शामिल अभिनाष राव, प्रमोद सिंह परिहार और सुजीत सिंह को गिरफ्तार करते हुए 3 लोगों को फरार बताया था। जिसमें सचिन पाठक, हर्ष सिंह व राजा वर्मन को फरार बताया गया था, जबकि पेट्रोल पंप के कर्मचारी के साथ ही पीड़ित ने पेट्रोल पंप संचालक अंकित शुक्ला ने सचिन पाठक को खुद कोतवाली पुलिस के हवाले किया था, तो फिर सचिन फरार कैसे हो गया, क्या वर्दीधारियों ने थाने से सचिन को फरार कराया।

सोशल मीडिया में वॉयरल हो रहा वीडियो :

30 अगस्त की रात्रि जब पेट्रोल पंप के कर्मचारी, मालिक और शिकायतकर्ता के साथ सचिन को खुद लेकर कोतवाली पहुंचे थे और पुलिसकर्मी भी उसे थाने के भीतर लेकर जा रहे थे, इस पूरे मामले का वीडियो भी सोशल मीडिया में वॉयरल हो रहा है, जिसमें यह साफ दिखाई दे रहा है कि पुलिसकर्मी सचिन पाठक को थाने के अंदर लेकर जा रहे थे, वहीं अगर थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाला जाये तो, सारे प्रमाण खुद सामने आ जायेंगे।

यह किया वर्दीधारियों ने :

1 सितम्बर को पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए 3 लोगों की गिरफ्तारी दिखाई और सचिन पाठक सहित हर्ष सिंह व राजा वर्मन को फरार बताया गया, सोशल मीडिया में वॉयरल हो रहे वीडियो और पेट्रोल पंप संचालक के बयान जो सामने आये हैं, उसमें साफ तौर पर सचिन के कोतवाली के भीतर जाने का प्रमाण भी है। मामले को नया रंग देने और अपनी कारस्तानी छुपाने के लिए वर्दीधारियों ने नई कहानी लिख दी कि सचिन शिकायत दर्ज कराने पहले आया था और फिर वह चला गया।

फिर ईनाम की घोषणा :

इतना ही नहीं इस पूरे मामले के खुलासे और जांच में शामिल टीम की कार्यवाही भी कटघरे में खड़ी होती नजर आ रही है, वर्दीधारियों ने पुलिस अधीक्षक को गुमराह करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। 4 सितम्बर फरार आरोपी सचिन पाठक, हर्ष सिंह व राजा वर्मन की गिरफ्तारी के लिए 5-5 हजार रूपये का ईनाम भी घोषित करा दिया।

आश्रय देना है दण्डनीय अपराध :

पुलिस ने 4 सितम्बर को जारी किये गये प्रेस नोट में एक बॉक्स बनाकर विज्ञप्ति जारी करते हुए लिखा कि आरोपियों को आश्रय देना दण्डनीय अपराध है, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 216 (क) के अनुसार लूट में संलिप्त आरोपियों को आश्रय देना 7 साल तक के कठोर कारावास का दण्डनीय अपराध हैं। सचिन पाठक के मामले में क्या यह धारा उसे थाने से फरार कराने वाले वर्दीधारियों पर भी लागू होगी।

कप्तान की छवि कर रहे धूमिल :

लूट जैसे वारदात में शामिल आरोपी को थाने से फरार कराने सहित शहर में हुई इतनी बड़ी घटना के बाद से पूरे शहर में दहशत का माहौल था, थाने और अनुविभाग में तैनात अधिकारियों ने स्वच्छ छवि वाले पुलिस अधीक्षक विकास कुमार शहवाल की छवि को भी धूमिल करने का काम किया। वैसे बीते कई माहों से जिले में अलग-अलग कारनामें भी देखने को मिल रहे हैं, कहीं कप्तान की टीम जुएं की फड़ पर छापा मार रही है, वहीं चंदिया में रोज ही अलग-अलग किस्से सामने आ रहे हैं। पाली में ब्याज का अवैध कारोबार पूरे चरम पर है।

इनका कहना है :

घटना के बाद पीड़ित और पंप के कर्मचारियों के साथ सचिन पाठक को हम लोगों के द्वारा कोतवाली में ले जाकर पुलिस के हवाले किया गया था, उसके बाद वह फरार कैसे हो गया, यह बात गले से नहीं उतर रही है।

अंकित शुक्ला, संचालक, यमुना पेट्रोल पंप

यह गंभीर मामला है, अगर ऐसा कोई वीडियो वॉयरल हो रहा है और पंप संचालक के द्वारा यह बयान भी दिया जा रहा है कि उन लोगों के द्वारा ही सचिन पाठक को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था और अब वह फरार है, इस मामले की जांच कराई जायेगी, जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही होगी।

विकास कुमार शहवाल, पुलिस अधीक्षक, उमरिया

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