फर्जी हस्ताक्षर कर रामराज ने दिया प्रमाण पत्र
फर्जी हस्ताक्षर कर रामराज ने दिया प्रमाण पत्रAfsar Khan

फर्जी हस्ताक्षर कर रामराज ने दिया प्रमाण पत्र, सरपंच ने दर्ज कराई शिकायत

शहडोल, मध्य प्रदेश : ग्राम पंचायत मसीरा के उपसरपंच के पति रामराज द्विवेदी ने सरपंच के लेटर पैड का इस्तेमाल कर फर्जी हस्ताक्षर कर अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया।

शहडोल, मध्य प्रदेश। जयसिंहनगर जनपद के अंतर्गत आने वाले मसीरा पंचायत अपने कार्यप्रणाली को लेकर बीते कई दिनों से जिला मुख्यालय में सुर्खियां बटोरे हुए है, लेकिन पंचायत में बैठे शासकीय करिंदों पर प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है।

वहीं ग्राम पंचायत मसीरा के उपसरपंच के पति रामराज द्विवेदी ने सरपंच के लेटर पैड का इस्तेमाल कर फर्जी हस्ताक्षर कर अनापत्ति प्रमाण पत्र दे दिया लेकिन जैसे ही इसकी जानकारी सरपंच को लगी तो उनके द्वारा जयसिंह नगर थाने में शिकायत दी गई की उनके पदमुद्रा व हस्ताक्षर से फर्जी प्रमाण पत्र तहसील में दिया गया है जिसकी जांच कर कार्यवाही की जाएगी।

यह है मामला :

जनपद जयसिंह नगर के अंतर्गत आने वाले मसीरा ग्राम पंचायत के उपसरपंच पति रामराज द्विवेदी द्वारा सड़क किनारे स्थित बेशकीमती शासकीय भूमि आराजी खसरा नं0 126/1 रकवा 3.444 हे0 शासकीय आवास और चारागाह हेतु सुरक्षित शासकीय भूमि पर कब्जा किया गया, जिसके बाद गांव के कुछ जागरूक नागरिक और मुखिया द्वारा शिकायत की गई कि मसीरा पंचायतम के दो शासकीय करिंदे रोजगार सहायक वीरेंद्र द्विवेदी और सचिव अवधराज सिंह के सहयोग से पंचायत के उप सरपंच पति ने उक्त भूमि जो कि शासकीय है और चारागाह और आवासीय क्षेत्र के लिए है किंतु इस पर रामराज द्विवेदी द्वारा अतिक्रमण किया जा रहा है।

मुखिया ने की थी मांग :

अतिक्रमण को लेकर मसीरा ग्राम पंचायत के सरपंच अनिल कोल ने पहले ही उप सरपंच पति रामराज द्विवेदी के कारस्तानियों और पंचायत में रोजगार सहायक के पद पर बैठे उसके सगे भतीजे वीरेंद्र द्विवेदी सहित सचिव अवधराज सिंह की आपसी तालमेल से बेश कीमती शासकीय भूमी पर कब्जा की शिकायत कर मांग की थी कि उक्त भूमि को रिक्त कराई जाए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही कि जाए, तो वहीं गांव के जागरूक नागरिक ने भी इसकी शिकायत तहसील जनपद से लेकर जिला मुख्यालय तक कि थी जिसके बाद गृह निर्माण में स्टे लग गया तो वहीं रामराज द्विवेदी द्वारा शासकीय भूमि में दुकान तनकर संचालित की जाने लगी।

हुआ फर्जी हस्ताक्षर का उपयोग! :

खबर है कि रोजगार सहायक भतीजे वीरेंद्र द्विवेदी के सहयोग से रामराज द्विवेदी द्वारा सरपंच के पदमुद्रा और हस्ताक्षर से फर्जी अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर सक्षम अधिकारी के यहां दिया गया, लेकिन उचित कार्यवाही के लिए जब आवेदन देने गांव के मुखिया पहुंचे तो मालूम पडा कि सरपंच के पदमुद्रा का फर्जी तरीके से अनापत्ति प्रमाण पत्र लगा दिया गया है मामले की जानकारी के बाद सरपंच अनिल कोल ने जयसिंह नगर थाना क्षेत्र में शिकायत दर्ज कराई है कि प्रार्थी अनिल कोल के द्वारा ग्राम मसीरा की आवासीय भूमि में रामराज द्विवेदी के द्वारा किये जा रहे अतिकमण को हटाने के विरूध्द शिकायत तहसील में किया था, जिसकी पेशी व कार्यवाही करने के लिए आज ही आवेदन किया हूँ साथ ही सरपंच ने यह भी उल्लेख किया है कि उक्त प्रकरण में उनके अर्थात सरपंच के पदमुद्रा व फर्जी हस्ताक्षर से एक प्रमाण पत्र 16 जुलाई का लगा था, जिसकी छायाप्रति पेश करते हुए सरपंच ने शिकायत दर्ज कराई है और अनापत्ति प्रमाण पत्र को पूर्णतया फर्जी बताते हुए कहा कि उनके द्वारा जारी नहीं किया गया है, जिस पर सरपंच द्वारा कार्यवाही की मांग की गई है।

भगवा की आड़ में काली करतूत :

सूत्रों की मानें तो इन दिनों रामराज ने घर पर स्टे लगने के बाद दुकान संचालित कर दी है, जहां शाम को महफ़िल लगती है और गांव के कुछ लोगों को बैठाकर अपनी नेतागिरी के ताकत का बखान कर रामराज बड़े ठाठ के साथ कह रहा है कि उसकी पहुंच क्षेत्रीय विधायक से है अधिकारी और कर्मचारी को कैसे मैनेज करना है वह जानता है, जिसका कोई कुछ नहीं कर सकता और मकान तो यहीं बनेगा, जिसकी चर्चा पूरे गांव में हो रही है।

शासकीय पैसों का दुरुपयोग :

गौरतलब है कि मसीरा पंचायत के सरपंच द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत की जांच निष्पक्षता से हुई तो उपसरपंच पति के ऊपर 420 का मामला बनेगा जिसमें बेशकीमती भूमि को हथियाने के लिए सरपंच का फर्जी हस्ताक्षर कर कूटरचित षड्यंत्र और प्रशासन को गुमराह करने।की श्रेणी में आएगा वहीं सूत्रों की मानें तो अनापत्ति प्रमाण पत्र में रोजगार सहायक भतीजे के शातिर दिमाग का भी सहयोग देने की जानकारी मिल रही है। आलम यह है कि ऐसे में इनके द्वारा कुछ भी किया जा सकता है वहीं सूत्रों के अनुसार पंचायत में और भी कई वित्तीय भ्रष्टाचार किये गए हैं जिसकी निष्पक्षता से जांच करा दी जाय तो शासकीय पैसों का कितना दुरुपयोग, अपात्रों को पात्र बनाकर शासकीय योजनाओं का लाभ देना इन सब में की गई काली करतूतों की कलई खुलकर सामने आ सकती है।

इनका कहना है :

उपसरपंच ने सरपंच के फर्जी हस्ताक्षर कर दस्तावेज प्रस्तुत किये थे, जो कि कार्यवाही और मामले के सुनवाई के दौरान सामने आया है। सरपंच को निर्देशित किया गया है कि थाने में आपराधिक प्रकरण दर्ज कराकर इस कार्यालय को सूचित करें।

राबिन जैन, तहसीलदार जयसिंहनगर

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