दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर आपत्ति जताई

देश में कोरोना की वैक्सीन का वैक्सीनेशन अभियान जारी है। इसके अलावा वैक्सीन का निर्यात कई देशों में किया जा रहा है। इस फैसले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने आपत्ति जताई।
दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर आपत्ति जताई
दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना वैक्सीन के निर्यात पर आपत्ति जताईSyed Dabeer Hussain - RE

राज एक्सप्रेस। जब से इस पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ा है, तब से ही दुनियाभर के अनेक देश कोरोना की दवाई और वैक्सीन तैयार करने में लगे हुए थे। इसी बीच कई देशों ने कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया था। जिनमें भारत का नाम भी शामिल हो चुका है। भारत की दो फार्मा कंपनियों की वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है और देश में कोरोना की वैक्सीन का वैक्सीनेशन अभियान भी जारी है। इसके अलावा वैक्सीन का निर्यात भी कई देशों में किया जा रहा है। इस फैसले को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने आपत्ति जताते हुए बड़ा बयान जारी किया है।

दिल्ली हाई कोर्ट का फेसला :

दरअसल, देश में जरी वैक्सीनेशन के बीच दिल्ली हाई कोर्ट ने देश के लोगों को प्राथमिकता देने की बात करते हुए केंद्र सरकार को वैक्सीन निर्यात करने के फेसले पर आपति जताई है। दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में सरकार को तत्परता दिखाने की बात कही है। हाई कोर्ट का कहना है कि, 'कोरोना वैक्सीन्स को विदेशों को दान किया और बेचा जा रहा है, जबकि देश के सभी लोगों को अब तक कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन नहीं लगाई गई है।

हाई कोर्ट ने उठाए सवाल :

दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल करते हुए पूछा है कि, 'वैक्सीन लगवाने वाले लोगों का निर्धारण करने में इतना कठोर नियंत्रण क्यों रखा गया है। हम (वैक्सीन बनाने की क्षमता) का पूरा इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। हम या तो इन्हें विदेशों को बेच रहे हैं या दान कर रहे हैं और अपने लोगों वैक्सीन नहीं लगा रहे। इसलिए इस मामले में तत्परता और जिम्मेदारी की भावना की जरूरत है।

जस्टिस की बेंच का कहना :

इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की बेंच ने कहा है कि, 'सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के पास वैक्सीन उपलब्ध कराने की ज्यादा क्षमता है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि ये कंपनियां उसका पूरा इस्तेमाल नहीं कर रहीं। बता दें, दिल्ली हाई कोर्ट ने ये सुनवाई जिस याचिका पर की उसे बार काउंसिल द्वारा दायर किया गया था। इस याचिका में न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े जजों और वकीलों समेत सभी लोगों को फ्रंटलाइन वर्कर घोषित करने की मांग की गई थी।

देश में चल रहा वैक्सीनेशन 2.0 :

दिल्ली हाई कोर्ट का बयान तब आया। जब देश में वैक्सीनेशन अभियान का दूसरा चरण जारी है और आज वैक्सीनेशन के दूसरे चरण का चौथा दिन था। देश में इस प्रकार लगाई जा रही वैक्सीन -

  • इस टीकाकरण अभियान के तहत पहले चरण में सबसे पहले चिकित्सा संबंधी वर्कर्स को रखा गया था। जो अब पूरा हो चुका है। जो कि, 16 जनवरी से शुरू हुआ था।

  • दूसरे चरण में फ्रंट लाइन वर्कर्स जैसे पुलिस और मीडिया कर्मियों को रखा गया है।

  • तीसरे नंबर पर 50 साल से ऊपर के लोगों को एवं 50 से कम उम्र के लोग जो गंभीर रूप से बीमार हैं उन्हें रखा गया है।

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